फर्जी डा.गेंदा सिंह ऊर्फ विनोद कुमार सिंह लेग्जरी जीवन और मंहगी गाडि़यो के शौकीन

फर्जी डा.गेंदा सिंह ऊर्फ विनोद कुमार सिंह लेग्जरी जीवन और मंहगी गाडि़यो के शौकीन

उप्र बस्ती जिला अस्पताल में तैनात रहे फर्जी डा.गेंदा सिंह जेल से छूटने के बाद नाम बदलकर अयोध्या जिला चिकित्सालय में नियुक्ति पाने वाला फर्जी डॉक्टर विनोद कुमार सिंह भले ही इस्तीफा देकर बड़ी चालाकी से भाग गए लेकिन उसने रहन सहन और शानो शौकत की चर्चाओं का बाजार गरम है। उपकी खास बात यह कि विभाग के लोगों से कभी ज्यादा घुलते मिलते नही थे। जिसके कारण लोगो उनके बारे में जानकारी नही होती थी। वह अस्पताल कभी ऑडी, बीएमडब्ल्यू, थार जैसी महंगी गाड़ियों से चलने वाले डॉक्टर विनोद के बाबत अब विभाग के लोग कुछ बताने से बचते नजर आ रहे हैं। ऑफ दी रिकॉर्ड ज़िला अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर का कहना था कि नॉर्मल तौर पर एक डॉक्टर अपने वेतन से ऑडी, BMW या थार जैसी गाड़ियों से चलने के लिए सौ बार सोचेगा। जहां तक डॉक्टर विनोद सिंह की बात है तो किसी बड़े घर के होने या गलत लोगों के सम्पर्क से कमाई करने का अंदाजा लगाया जाता रहा है।

जिला अस्पताल अयोध्या में करीब चार माह पहले कार्डियोलॉजिस्ट पद पर डॉक्टर विनोद सिंह के नाम से तैनाती प्राप्त कर ली। यहां मानव सम्पदा पोर्टल पर इंट्री के दौरान ज्वाइनिंग के प्रमाणपत्रों के क्रमांक में गड़बड़ी पर जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ उत्तम कुमार ने वेतन पर रोक लगा दी। जिसके बाद शनिवार 11 मई 24 को इस्तीफा देकर डॉक्टर विनोद कुमार सिंह भाग गए। यहां से पहले वर्ष 2013 में बस्ती जिला अस्पताल में एमडी मेडिसिन की डिग्री पर गेंदा सिंह के नाम से सर्विस कर रहा था। जहां बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सत्यापन में फर्जी पाए जाने पर बस्ती जिला अस्पताल के तत्कालीन प्रमुख अधीक्षक डॉ पीके सिंह की तहरीर पर पुलिस ने 12 मई 2013 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. उत्तम कुमार का कहना है कि डॉक्टर विनोद का इस्तीफा उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। चूंकि पीटू फॉर्म (मानव सम्पदा पोर्टल) भरने के लिए डॉक्टर विनोद ने जी कागजात उपलब्ध कराए उनके क्रमांक आदि मेल नहीं खाते थे। जिससे वेतन रोक दिया गया। प्रतिक्रिया में पिछले शनिवार यानी 11 मई को इस्तीफा देकर कहीं चले गए। इस्तीफा डीजी कार्यालय को भेज दिया गया है। आगे की विधिक कार्रवाई के लिए मार्ग दर्शन मांगा गया है। जो गाइड लाइंस मिलेगी उसके अनुसार कार्रवाई होगी।

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