बंगाल में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का समय अगर बढ़ाया जाता है तो केंद्र कोई आपत्ति नहीं: गृह मंत्रालय
बंगाल में चुनाव के बाद एक बार फिर हिंसा का तांडव देखने को मिला है। इसको लेकर आज कलकत्ता हाईकोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा है कि अगर राज्य में हिंसा के चलते केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का समय अगर बढ़ाया जाती है, तो केंद्र कोई आपत्ति नहीं है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को याचिकाकर्ताओं की ओर से लगाए गए चुनाव बाद हिंसा के आरोपों के बाद स्थिति का आकलन करने और 21 जून को सुनवाई की अगली तारीख पर इनसे संबंधित सभी जरूरी तथ्यों का खुलासा करने का निर्देश दिया। बता दें कि सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक चक्रवर्ती ने किया।
केंद्र सरकार का क्या है रुख: विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा: कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में डीजी ने बताया है कि अब तक कितनी एफआईएर दर्ज की गई हैं और क्या कदम उठाए गए हैं। इस संबंध में एक संगठन और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव बाद हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में मामला दायर किया है। मामले पर मंगलवार को सुनवाई शुरू होनी थी, लेकिन सभी पक्षों के पास रिपोर्ट नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। इस पर अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर यह रिपोर्ट 14 जून को राज्य पुलिस के डीजी ने सौंपी थी। बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के चलते कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश कौशिक चंदर की खंडपीठ ने 6 जून को एक आदेश पारित किया थ। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि चुनाव के बाद हिंसा से प्रभावित लोग राज्य के महानिदेशक को शिकायत ईमेल कर सकते हैं। रिपोर्ट अशोक झा