राज्य में अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर कब्जा बर्दास्त नहीं: सीएम ममता

कहा, नेता और अफसर पैसा वसूलने में है व्यस्त, कितना पैसा किसके लिए

कोलकाता: सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी दल के हों। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही आदेश दे दिया था। इसी तरह, बुधवार को पुलिस ने दबंग तृणमूल (टीएमसी) के नेता और डाबग्राम-फुलबारी क्षेत्र के ब्लॉक तृणमूल अध्यक्ष देबाशीष प्रमाणिक को जमीन पर कब्जा करने और हत्या के प्रयास सहित कई आरोपों में गिरफ्तार किया। फिर गुरुवार को खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जानकारी दी कि उनके आदेश पर तृणमूल नेता को गिरफ्तार किया गया है। इस दिन ममता बनर्जी ने नबन्ना के जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक और हॉकर यूनियन के सदस्यों के साथ बैठक की। उन्होंने सख्त शब्दों में कहा, ‘अगर कोई पैसे लेकर सरकारी जगह पर कब्जा करने की इजाजत देगा तो उस इलाके के पार्षद को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी। ममता का पार्षदों को सख्त संदेश, ‘जिस पार्षद के इलाके में ये सब होगा, उसे गिरफ्तार किया जाएगा। आपने देखा कि मैंने डाबग्राम के तृणमूल नेता को गिरफ्तार कर लिया है। हाल ही में नगर पालिकाओं के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डाबग्राम-फुलबाड़ी इलाके में भूमि अधिग्रहण का मुद्दा उठाया था। उन्होंने बैठक में मौजूद सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव को फटकार लगायी। मुख्यमंत्री ने बताया कि जमीन पर कब्जा किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसके बाद कल देबाशीष प्रमाणिक को गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि देबाशीष पर जमीन हड़पने, दस्तावेजों से छेड़छाड़, मारपीट, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। सीएम ने कहा की डीजी देखे की इस क्षेत्र में 7 वर्षों में कितने सरकारी जमीन का कब्जा कर बेचा गया है। पुलिस और सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने कल सुबह 10 बजे से उनसे पूछताछ की। बाद में उन्हें गिरफ्तार करने का निर्णय लिया गया। ममता दीदी के अंदाज और तेवर से सभी वाकिफ हैं।ममता बनर्जी अक्सर भाजपा पर हमलावर रहती हैं. भाजपा को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ती। ऐसा कम ही होता है, जब वह अपने मंत्रियों और अफसरों पर बरसती हैं।
मगर बीते दिनों ममता का एक अलग ही रूप दिखा। ममता का यह बदला रूप देख उनके जानने वाले भी चौंक गए। ममता बनर्जी के इस बदले अंदाज में लालू की स्टाइल और मोदी वाला अप्रोच दिखा। जी हां, बीते दिनों ममता बनर्जी ने अपने ही मंत्रियों और अफसरों की जमकर क्लास लगा दी। उन्होंने मंत्रियों, टीएमसी नेताओं से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को भरी बैठक में खूब सुनाया. पश्चिम बंगाल में करीब-करीब हर जगह नागरिक सुविधाओं की कमी को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्रियों, विधायकों और नौकरशाहों से सवाल किया कि क्या उन्हें (ममता बनर्जी) अब राज्य की सड़कों पर झाड़ू लगाने के लिए उतरना होगा? ममता बनर्जी ने अपने ही मंत्रियों और प्रशासनिक कामकाज की अब तक की सबसे तीखी आलोचना की। और वह भी पब्लिकली यानी बैठक में सबके सामने। ममता बनर्जी ने सभी को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है. ममता ने साफ तौर पर कह दिया कि या तो वे अपने काम में सुधार करें या फिर काम से हट जाएं. ममता के निशाने पर मंत्रियों से लेकर नौकरशाहों, नगर पालिकाओं से लेकर राज्य शहरी विकास विभाग, पुलिस से लेकर जिला प्रमुखों तक, सभी थे. ममता बनर्जी का यह रूप तब दिखा, जब वह सोमवार को इन सभी का रिपोर्ट कार्ड देख रही थीं. ममता बनर्जी ने नगर निकाय प्रमुखों, मंत्रियों, विधायकों और सीनियर अफसरों को कहा कि ‘आज बोलने की बारी मेरी और आपकी केवल सुनने की।
दीदी ने नेताओं-अफसरों को खूब सुनाया
दरअसल, ममता बनर्जी मुख्य रूप से राज्य में विभिन्न नगर निकायों के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए राज्य सचिवालय में एक बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। इसी दौरान नेताओं, मंत्रियों और अफसरों के कामकाज से नाराज ममता बनर्जी ने एक मंत्री, टीएमसी के एक पूर्व महापौर और कुछ नौकरशाहों को उनके ‘औसत से कमतर प्रदर्शन’ के लिए फटकार लगाई। उन्होंने कहा, ‘क्या मुझे अब सड़कों पर झाड़ू लगाने के लिए बाहर जाना होगा? आप हमेशा आसमान की ओर देखते हुए नहीं चल सकते; आपको नीचे भी देखना होगा. कोई भी सड़कों और स्ट्रीट लाइट की स्थिति नहीं देखता. वे सिर्फ टैक्स बढ़ा रहे हैं और लोगों की तैनाती कर रहे हैं और पुलिस और (नागरिक) प्रशासन, दोनों ही कुछ नहीं कर रहे हैं। जीने के लिए कितने पैसे चाहिए?
ममता बनर्जी ने कहा, ‘आपको अच्छी जिंदगी जीने के लिए कितने पैसे चाहिए. आप बड़ी कार में चलते हैं, अच्छे रेस्टोरेंट में खाते हैं, मगर सबसे पहले आप लोगों के बारे में सोचिए. सरकार कुछ व्यक्तियों के कृत्यों के लिए बदनामी नहीं लेगी. मुझे जबरन वसूली करने वाले अफसर नहीं चाहिए. मुझे लोगों के सेवक चाहिए. अगर वे काम नहीं कर सकते, तो उन्हें हट जाना चाहिए. आने वाले दिनों में केवल लोगों के लिए काम करने वालों को ही टिकट (चुनाव लड़ने के लिए) मिलेगा.’ ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि नगर निकाय अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा सतर्कता विभाग के अफसरों, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था), एक अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, सीआईडी ​​के अधिकारियों और सुरक्षा निदेशक की एक टीम द्वारा की जाएगी।ममता ने तो मंत्रियों का नाम भी ले लिया?
ममता ने अग्निशमन और आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस का नाम लिया. उन्हें कोलकाता के पास राजारहाट इलाके में अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहराया. यहां बताना जरूरी है कि ममता के पास भूमि और भूमि राजस्व विभाग भी है. उन्होंने हावड़ा के पूर्व महापौर रथिन चक्रवर्ती का भी नाम लिया, जो टीएमसी से भाजपा में शामिल हो गए हैं. उन पर कोलकाता के पड़ोसी शहर को बर्बाद करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘रथिन चक्रवर्ती ने महापौर रहते हुए हावड़ा को बर्बाद कर दिया. (राज्य सचिवालय) नबन्ना के पास अवैध इमारतें बन गई हैं. पुलिस और इसमें शामिल हर व्यक्ति ने इस पर आंखें मूंद ली हैं। क्या मुझे हर चीज का ध्यान रखना होगा?’ ममता में लालू की स्टाइल और मोदी वाला अप्रोच
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि उन्हें पता है कि टीएमसी के कई नेता, नौकरशाहों का एक वर्ग और पुलिस अवैध तरीकों से धन जुटाने में शामिल है।ममता जब नेताओं और अफसरों को क्लास लगा रही थीं तो उनके इस बदले तेवर को देख सभी चौंक गए. ममता ने जिस तरह से अफसरों-नेताओं को हड़काया, वह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की यादव दिलाता है। आम आदमी की खातिर लालू यादव भी अपने समय में अफसरों-नेताओं को ऐसे ही हड़काते थे. जहां मन होता था लालू यादव वहां अफसरों और नेताओं की क्लास लगा देते थे. ममता के इस लेटेस्ट एक्शन में भी लालू वाली स्टाइल दिखी. ममता का ये तेवर पीएम मोदी के अप्रोच से भी मिलता-जुलता है. पीएम मोदी भी समय-समय पर अफसरों और नेताओं के कामकाज की समीक्षा करते हैं और उन्हें समझाते हैं, कामकाज का मंत्र भी देते हैं और फटकारते भी हैं.
बता दें कि ममता बनर्जी का ये बयान उस वक्त आया है, जब राज्य के कई हिस्सों में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ममता ने की अतिक्रमण पर समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में रेहड़ी वालों के अतिक्रमण पर समीक्षा करते हुए इस मामले में सर्वेक्षण करने और 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने के लिए एक समिति का भी गठन किया। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार फेरीवालों के लिए जोन की पहचान करेगी, उनके रहने के लिए घर और उनके सामान रखने के लिए गोदाम बनाने और उन्हें पहचान पत्र जारी करेगी।
एक महीने तक कोई कार्रवाई नहीं होगी- सीएम
इस समीक्षा बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष बनर्जी ने कहा, मुझे किसी की आय का स्रोत छीनने या किसी को बेरोजगार करने का कोई अधिकार नहीं है। राज्य में लाखों लोग फेरी लगाकर अपना परिवार चलाते हैं। इस दौरान उन्होंने साफ किया एक महीने तक कोई कार्रवाई नहीं होगी लेकिन इस महीने के दौरान फेरीवालों को फुटपाथ खाली करना होगा। हम एक सर्वेक्षण करेंगे और सरकार देखेगी कि वैध फेरीवालों को कहां रखा जा सकता है। उनके लिए गोदाम भी बनाए जाएंगे। लेकिन सड़कों पर कब्जा नहीं किया जा सकता। अगर नए फेरीवाले ऐसा करते हुए पाए गए, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
अतिक्रमण के लिए नेता और पुलिसवाले जिम्मेदार- सीएम
बता दें कि राज्य में फेरीवालों के अतिक्रमण के संबंध में हुई इस बैठक में वरिष्ठ मंत्री, शासकीय और पुलिस अधिकारी के साथ सभी निगमों के मेयर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष मौजूद थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि सड़कों पर कब्जा करने के लिए राजनीतिक नेता और पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, कि पार्षदों को शुरू से ही इस पर नजर रखनी चाहिए थी। लेकिन वे इसे देखते ही नहीं। यदि आप किसी नए फेरीवाले को ऐसा करने में मदद करते हैं, तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इलाके के नेता पहले फेरीवालों से पैसे लेते हैं और उन्हें बैठने और व्यवसाय करने देते हैं। उसके बाद वे उन्हें बुलडोजर से गिरा देते हैं, राज्य में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
‘किसी को भी सड़कों पर कचरा फैलाने की अनुमति नहीं’
ममता बनर्जी ने आगे कहा, कि फेरीवालों को दोष देने का क्या फायदा? यह हमारी गलती है। हम न्यू मार्केट इलाके में इमारत क्यों नहीं बना रहे हैं? फेरीवालों को वहां शिफ्ट किया जाएगा। ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया न्यू मार्केट, जो पहले हॉग मार्केट के नाम से जाना जाता था, ये कोलकाता के बीचों-बीच खुले क्षेत्र में एक मार्केट कॉम्प्लेक्स है। न्यू मार्केट का इलाका फेरीवालों से भरा रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक महीने में फिर इस स्थिति की समीक्षा करेंगी। उन्होंने इस दौरान कोलकाता और उसके आसपास के सभी अवैध पार्किंग स्थलों को हटाने का भी आदेश दिया। आखिर में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी को भी सड़कों पर कचरा फैलाने की अनुमति नहीं देगी। रिपोर्ट अशोक झा

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