सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री के चोपड़ा और संदेशखाली की टिपण्णी हटाने की मांग
कोलकाता: राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की उपनेता सागरिका घोष ने बुधवार को सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल के चोपड़ा और संदेशखालि की घटनाओं पर सदन में की गई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणियों को हटाने का आग्रह किया। धनखड़ को लिखे पत्र में घोष ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में प्रधानमंत्री के जवाब के कुछ अंश उद्धृत किए हैं, जिसमें चोपड़ा की घटना का उल्लेख किया गया और संदेशखालि का भी संदर्भ दिया गया है।घोष ने कहा, ”मैं यह बताना चाहूंगी कि जहां तक चोपड़ा की घटना का सवाल है, अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और वे जेल में हैं।”उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस घटना की जांच कर रही है और सभी दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि जहां तक पश्चिम बंगाल सरकार का सवाल है, महिलाओं के खिलाफ अपराधों को जरा भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और कानून बिना किसी डर या पक्षपात के अपना काम कर रहा है। संदेशखालि के बारे में उन्होंने कहा, ”यह पूरी घटना बंगाल के लोगों को बदनाम करने के लिए भाजपा द्वारा रची गई साजिश के अलावा और कुछ नहीं थी। सरासर झूठ बोला गया और असहाय महिलाओं को पैसे देकर बलात्कार की फर्जी शिकायतें दर्ज कराई गईं। उन्होंने कहा कि संदेशखालि और बंगाल के लोगों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया तथा लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिली। घोष ने कहा, ”मैं आपसे इस बात पर गौर करने का अनुरोध करती हूं कि जब माननीय प्रधानमंत्री सदन में बोल रहे हों तो उन्हें घटनाओं की पूरी जानकारी देनी चाहिए, न कि चुनिंदा जानकारी। प्रधानमंत्री को जनता को गुमराह करके अपने संवैधानिक पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया टिप्पणियों को हटा दें। मोदी ने पश्चिम बंगाल में एक महिला की सार्वजनिक पिटाई की घटना पर चुप्पी साधे रखने के लिए बुधवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि ‘चयनित’ राजनीति चिंता का विषय है।।बंगाल के चोपड़ा की घटना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि एक महिला को सरेआम पीटा जा रहा था, लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया और इसके बजाय लोग वीडियो बनाते रहे।उन्होंने कहा कि और जो घटना संदेशखालि में हुई… उसकी तस्वीरें रौंगटे खड़े करने वाली थीं। रिपोर्ट अशोक झा