नाबालिग बालिका से दुष्कर्म व हत्या में अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा
हरदोई। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 14 मो0 नसीम ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म एवं हत्या से सम्बंधित मुकदमे में आरोप सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को भिन्न भिन्न धाराओं में 40 हजार रुपए के अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा दी है।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक मनीष श्रीवास्तव के अनुसार वादी मुकदमा की 14 वर्षीय पुत्री 19 अगस्त 2015 को अपने घर से दवा लेने सेमरा चौराहे दोपहर 1 बजे गई थी और उसके बाद वापस नही लौटी। काफी देर तक पुत्री के वापस न आने पर वादी ने पता किया तो लोगों ने उसे बताया कि अभियुक्त मुकेश एक अन्य के साथ उसकी पुत्री के पीछे पीछे जा रहा था। इसके बाद तलाश किये जाने पर वादी की पुत्री का शव गांव के रामऔतार पुत्री मथुरी के ज्वार के खेत में मिली। वादी की पुत्री के शव पर यौन हिंसा के चिन्ह भी पाए गए। घटना की रिपोर्ट उसी दिन थाना सुरसा पर दर्ज कराई गई जिसमें अभियुक्त मुकेश पर शक व्यक्त किया गया। पुलिस ने विवेचना के बाद अभियुक्त मुकेश पुत्र शिवकुमार चमार निवासी ग्राम लुकटहना थाना सुरसा व राकेश के विरुद्ध आरोपपत्र प्रेषित किया। अभियुक्त राकेश के किशोर होने के आधार पर उसकी पत्रावली प्रथक कर किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई।
अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत गवाहों के बयान तथा विशेष लोक अभियोजक मनीष श्रीवास्तव एवं बचाव पक्ष अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद विद्वान न्यायाधीश ने अभियुक्त मुकेश को भादवि एवं पाक्सो एक्ट की धाराओं में कुल 40 हजार रुपये के अर्थदण्ड के साथ आजीवन कारावास की सजा का आदेश पारित किया जो उसके शेष प्राकृत जीवन तक चलेगी। न्यायाधीश ने अर्थदण्ड में से आधी धनराशि पीड़िता के संरक्षक को दिए जाने का भी आदेश दिया है।