2300 कैमरों से होगी महाकुंभ के चप्पे-चप्पे की निगरानी

 

*आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरों की मदद से भीड़ पर किया जाएगा नियंत्रण*

*एक ही स्थान पर भीड़ के घनत्व, घटना की रिपोर्टिंग की भी हो सकेगी निगरानी*

*सीसीटीवी कैमरों से स्वच्छता और सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने में भी मिलेगी मदद*

*ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए 80 वीएमडी और 3 व्यूइंग सेंटर की भी की जा रही है स्थापना*

*आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की मदद के लिए स्थापित किया जाएगा 50 सीटों वाला कॉल सेंटर*

*मेला क्षेत्र के अंदर 10 सेक्टर में स्थापित किए जाएंगे डिजिटल खोया पाया केंद्र*

*लखनऊ, 17 जुलाई।* महाकुंभ 2025 के लिए इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरों की मदद से भीड़ पर नियंत्रण किया जाएगा। भीड़ के साथ-साथ एक स्थान पर भीड़ के घनत्व, घटना की रिपोर्टिंग और स्वच्छता व सुरक्षा की निगरानी भी की जा सकेगी। इसके लिए मेला प्राधिकरण पूरे मेला क्षेत्र में 2300 सीसीटीवी कैमरों को स्थापित करने जा रहा है। इसमें 1100 कैमरे पहले से ही मेला क्षेत्र में स्थापित किए जा चुके हैं। शेष कैमरों के लिए निविदा गतिमान है। उल्लेखनीय है कि महाकुंभ से पहले माघ मेला में भी मेला प्राधिकरण ने कैमरों के माध्यम से भीड़ की निगरानी, स्वच्छता और प्रदूषण की रोकथाम के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।

*निगरानी और प्रबंधन दोनों होगा आसान*
महाकुंभ की निगरानी के लिए लगाए जाने वाले कैमरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जाएगा। किसी रूट पर ज्यादा भीड़ होने पर कैमरा स्वयं इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को सूचना भेज देगा। यही नहीं कैमरा विकल्प वाला रास्ता भी बताएगा। ऐसे निगरानी और प्रबंधन दोनों आसान हो जाएगा। इसके अतिरिक्त ये कैमरे ये भी बताएंगे कि किसी एक प्रमुख स्थान पर एक ही समय में कहीं अत्यधिक भीड़ तो इकट्ठी नहीं हो गई है। ऐसा होने पर तुरंत सुरक्षा बलों की तैनाती की जा सकेगी, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके। यही नहीं, किसी तरह घटना होने पर भी ये कैमरे तत्काल सूचना देंगे, जिससे तुरंत एक्टिव हुआ जा सकेगा। इसके साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण, अपशिष्ट जल का उपयोग, ऊर्जा कार्बन उत्सर्जन में कमी, गतिशीलता के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक से तत्काल समाधान किया जा सकेगा।

*वीएमडी देंगे ट्रैफिक की रियल टाइम जानकारी*
मेला प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जो आईसीसीसी से जुड़े हैं। ऐसे में आईसीसीसी में शहर की सुरक्षा, यातायात आदि से संबंधित आंकड़े आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे। इसके अलावा कुंभ के पुराने आंकड़े भी आईसीसीसी में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पूरे शहर में 80 वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले (वीएमडी) भी लगाए जा रहे हैं। यह ट्रैफिक परिस्थितियों की रियल-टाइम जानकारी प्रदान करने में सक्षम होते हैं और वाहन चालकों को ट्रैफिक जाम, डायवर्ट की जानकारी प्रदान करते हैं। इसका उद्देश्य यातायात को सुचारू रूप से प्रबंधित करना है, ताकि वाहनों को जाम में फंसने से बचाया जा सके। इसके अलावा 3 व्यूइंग सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं जिनसे हर वक्त पूरे शहर पर नजर रखी जा सकेगी। वहीं लोगों की समस्याओं के निदान के लिए 50 सीटों वाला कॉल सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है। महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कुल 10 सेक्टर में डिजिटल खोया पाया केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।

*बड़े पैमाने पर आईटी का हो रहा उपयोग*
पूरे मेला क्षेत्र को स्थापित करने में आईटी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। मेला क्षेत्र में विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए भूमि एवं सुविधा आवंटन हेतु सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में भटकना न पड़े, इसके लिए नेविगेशन में आसानी के लिए गूगल मैप के साथ इंटीग्रेशन किया गया है। डिजिटल खोया पाया केंद्र के जरिए सामान की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा रहा है और वो भी एक क्लिक में। यदि किसी का कोई सामान कहीं खो जाता है और वो किसी दूसरे सेंटर के पास जमा किया जाता है तो एक क्लिक में तत्काल पता चल सकेगा कि वह कहां पर है। डिजिटल खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति प्रणाली के साथ-साथ प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग और लेआउट प्लानिंग के लिए ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। सैनिटेशन और स्वच्छता कार्यों की आईसीटी आधारित निगरानी सुनिश्चित की जा रहा है।

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