बांदा के गोयरा गांव मे खसरा की बीमारी से 5 बच्चों की मौत

 

बांदा जिले के गोयरा गांव मे करीब 60 बच्चे खसरा वायरस की चपेट मे आ गये हैं। जिनमे 5 बच्चों की अब तक मौत हो चुकी है । हालांकि स्वास्थ्य विभाग इनमे तीन की मौत खसरा से मान रहा है। विभाग ने गांव मेे खसरा वायरस की जानकारी होते ही सभी संदिग्ध बच्चों के खून और गले का स्वाब नमूना जांच के लिए लखनऊ भेजा है। इनमें 20 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है ,जिनको मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
जिला के गोयरा मुगली गांव में इस बीमारी का प्रकोप करीब एक महीने से बताया जा रहा है। लेकिन अंध विश्वास और घरेलू इलाज के भरोसे रहने से कई बच्चों की जान खतरे में पड़ गई। नतीजे में रेहान (5) पुत्र रहमत, रीबा (3) पुत्री चांद खान, अलीजा (1) पुत्री अकील, साबिर (8) पुत्र मत्थू और हसीम (6 माह) पुत्र नसीम की मृत्यु हो गई। खसरे से बच्चों की मौत की खबर मुख्यालय पहुंची तो स्वास्थ्य विभाग मे हडकंप मच गया। आनन-फानन स्वास्थ्य शिविर लगाकर बच्चों का टीकाकरण किया गया। दवाएं दी गईं। पीएचसी चिकित्साधिकारी डा.विजय केसरवानी ने गांव में खसरे से तीन बच्चों की मौत स्वीकारी है। कहा कि खसरा और निमोनिया की चपेट में आने पर बच्चों की मौत हुई है। यह भी बताया कि शुक्रवार को डा.अर्चना भारती के नेतृत्व में टीम ने गांव जाकर बीमार बच्चों का इलाज किया है। दावा किया कि फिलहाल अब गांव में स्थिति सामान्य है।
इस बाबत अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.संजय सैवाल ने बताया कि गांव में 60 बच्चे बीमार पाए गए हैं। खसरा की पुष्टि के लिए इनका स्वॉब नमूना केजीएमयू, लखनऊ जांच के लिए भेजा गया है। अब तक सिर्फ 20 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनकी उम्र 4 से 7 वर्ष है। शेष बच्चों की रिपोर्ट जल्दी भेजने के लिए पत्र लिखा गया है।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में खसरा गंभीर मर्ज के रूप में उभरा है। वहां से यहां आने वालों से यह बीमारी फैली है। दावा किया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। यह संक्रामक बीमारी है। खसरा पीड़ित बच्चों के घर टीम भेजी जा रही है। आसपास रहने वाले बीमार बच्चों की भी जानकारी जुटाई जा रही है।

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