बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा किया गया सेना के हवाले, आरक्षण के आग में अबतक 105 से ज्यादा लोगों की मौत


अशोक झा, सिलीगुड़ी: बांग्लादेश में लगातार हिंसक झड़पों की वजह से शुक्रवार देर रात से देश भर में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सेना तैनात कर दी गई।शनिवार अहले सुबह तक बताया कि देशभर में अब तक हुई झड़पों में कम से कम 105 लोग मारे गए हैं। 1,500 से अधिक घायल हुए हैं। बांग्लादेश में कर्फ्यू की घोषणा सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल क़ादर ने की। उन्होंने कहा कि इससे नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी। यह निर्णय पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने और आंसू गैस छोड़ने और शुक्रवार को राजधानी ढाका में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के कुछ घंटों बाद लिया गया। सीमा रक्षकों ने राइफलों से भीड़ पर गोलियां चलाईं, जबकि पुलिस अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलाईं। गोलियां सड़कों पर बिखरी हुई थीं जिन पर खून के धब्बे भी लगे थे। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य द्वार तोड़ दिया और वाहनों एवं स्वागत कक्ष क्षेत्र में आग लगा दी। उन्होंने कहा कि मैं दीवार फांदकर भाग गया, लेकिन मेरे कुछ साथी अंदर फंस गए। हंगामा क्यों बरपा?: ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका तर्क है कि यह प्रणाली भेदभावपूर्ण है और प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों को लाभ पहुंचा रही है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया था। वहीं, हसीना ने आरक्षण प्रणाली का बचाव किया है।भारत ने दो ट्रेन रद्द कर दी गई है: भारतीय रेलवे ने शनिवार को कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस और रविवार को कोलकाता-खुलना के बीच बंधन एक्सप्रेस को रद्द कर दिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच यह कदम उठाया गया है।यूएन महासचिव हिंसा से बेहद चिंतित: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम पर बहुत करीब से नजर रख रहे हैं और इस हिंसा से वे बेहद चिंतित हैं। महासचिव के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने ढाका में अधिकारियों से युवा आबादी के साथ मिलकर काम करने और मौजूदा चुनौतियों का समाधान खोजने का आग्रह किया है।प्रदर्शनकारी,छात्र सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ ढाका और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए आरक्षण भी शामिल है। उनका तर्क है कि यह कोटा सिस्टम है और प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों को लाभ इसका सीधा लाभ मिलता है। शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था, और वे चाहते हैं कि इसे योग्यता-आधारित कोटा सिस्टम से बदल दिया जाए। हालाँकि, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कोटा सिस्टम का बचाव करते हुए कहा है कि अपनी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना जिन परिवारों ने बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया, वो कोटा सिस्टम और सर्वोच्च सम्मान के पात्र हैं। बांग्लादेश में गुरुवार से हालात ज्यादा खराब हैं। गुरुवार को प्रदर्शन ने उस समय उग्र रूप ले लिया जब प्रदर्शनकारियों ने सरकारी टीवी चैनल की बिल्डिंग में आग लगा दी। हिंसा के कारण अधिकारियों को ढाका से आने-जाने वाली रेल सेवाओं के साथ-साथ राजधानी के अंदर मेट्रो रेल को भी बंद करना पड़ा। सरकार ने देश के कई हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट नेटवर्क बंद करने का भी आदेश दिया। स्कूल और विश्वविद्यालय अनिश्चितकाल के लिए बंद हैं।

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