देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था ‘यूपीएससी’ के एक ही नहीं कई कारनामें
देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था ‘यूपीएससी’ के एक ही नहीं कई कारनामें
चर्चित IAS पूजा खेडकर के चयन से शुरू हुआ विवाद अब थमने का नाम नही ले रहा है। ज्ञात हो कि पूजा खेडकर ने काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेते वक्त अपना फिटनेस सर्टिफिकेट जमा किया था। इसमें कहा गया है कि वह किसी भी रूप में विकलांग नहीं है। जबकि UPSC प्रतियोगी के तौर उन्होंने घोषित किया कि उन्हें मानसिक बीमारी,दृष्टि दोष सहित कई विकलांगताएं हैं। सनद रहे कि पूजा खेडकर ने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी कोटा के अंतर्गत लिया था,जिसमे उनकी जाति बंजारा बताई गई है। जबकि उनके माता पिता दोनो प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं। ऐसे में उनके अभिवावकों की सालाना आय 8 लाख रुपये से कम होने का सवाल ही नही उठता। इनके UPSC एक्जाम पास कर IAS बनने के पीछे पंकजा मुंडे की बड़ी भूमिका बताई जा रही है।
*अब दूसरा केस देखिए। पुलिस इंस्पेक्टर की पुत्री दिव्या यादव IAS बन गईं। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि इनका चयन SC कोटे में हुआ है।
*तीसरा केस विश्वजीत पण्डा का है। विश्वजीत पण्डा ने 2016 में NIT राउरकेला से Btech किया। उसके बाद Linda India Ltd. में नौकरी की। पिताजी सरकारी मास्टर है और भाई 2015 बैच के IRS अधिकारी हैं। फिर भी ये गरीब हैं। EWS सर्टिफिकेट बनाया और 343 रैंक के साथ UPSC 2023 में सेलेक्ट हो गए।
*चौथा किस्सा भी सुनिए। विपिन दुबे CSE UPSC 2022 में 361 रैंक पाकर IPS बनें। इनके दादा पूर्व BDO थे और पिता जी सेशन कोर्ट के वकील है स्वयं NIT श्रीनगर से पास हुए। वावजूद इसके ये भी गरीब निकले। EWS कोटा से UPSC 2023 में 238 रैंक पाकर IAS बन गए।
*पांचवा केस भी देखिए। प्रियांशु खाटी, हिमांचल प्रदेश कैडर 2021 बैच के IAS हैं। सर OH यानी ऑर्थोपेडिकली हैंडिकैप्ड कैटेगरी से भर्ती हुए है,लेकिन साहब एक दम फिट हैं। सर जी सोशल मीडिया पर भी खासे एक्टिव हैं। अपनी एक पोस्ट में बताते हैं कि वो फिफ्थ फ्लोर पर बिना लिफ्ट के पहुंच जाते हैं। फिलहाल खाटी ने अपना सोशल मीडिया प्राइवेट कर लिया है।
*इसी तरह से दिव्यांशी सिंह ने 2020 में UPPCS पास किया उसी साल UPSC पास करके IRS बन गईं। ये भी विकलांग कोटे से सेलेक्ट हुईं। मैडम का सोशल मीडिया पर गोल्फ खेलने का वीडियो वायरल है।
*रवि कुमार सिहाग ने 2021 में IRTS के तौर पर एक साल नौकरी की। IDAS में कार्यरत थें। फिर भी इनका EWS सर्टिफिकेट बन गया। अब सर जी UPSC में गरीब कोटे से सिलेक्ट हो चुके हैं।
*संजना यादव 126 रैंक के साथ CSE 2019 में ओबीसी कोटे से पास हुईं। जबकि उनके पिता खुद IRS हैं। ऐसे में नॉन क्रीमी लेयर का सर्टिफिकेट बनवा कर सलेक्ट हो गयीं है।
*विजय वर्धन CSE 2018 में 104वी रैंक साथ IPS बने। फिर इन्होंने EWS सर्टिफिकेट बनाया और 288वी रैंक के साथ IAS बन गए।
*एन उमा हराती के पिता सीनियर पुलिस ऑफिसर हैं , लेकिन इनका सिलेक्शन नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी कैटेगरी के अंतर्गत हुआ है।
*आसिफ के यूसुफ केरल कैडर के IAS हैं। फर्जी नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी सर्टिफिकेट लगाकर 2020 में IAS बने। तमाम जांच प्रक्रियाओं के बाद इनका फर्जीवाड़ा साबित भी हो गया। फिर भी अभी तक नौकरी कर रहे हैं।
*नितिका खंडेलवाल का सिलेक्शन 2014 में VD अर्थात दृष्टिहीन कैटेगरी के अंतर्गत हुआ लेकिन मैडम अपने यूट्यूब चैनल में बिना चश्में के कंटेंट क्रिएशन करते पाई जाती हैं।
*प्रफुल्ल देसाई 2019 बैच के 532वी रैंक के साथ IAS हैं। ट्रैनिंग के दौरान ही 25KM ट्रैकिंग की और 30 किमी साइकिलिंग की। ये भी आर्थोपेडिक हैंडीकैप्ड कैटेगरी में सिलेक्ट हुए थे।
*आयुषी जैन UPSC 2020 में 85वी रैंक के साथ IPS बनी थी। फिर 2022 में इन्होंने फर्जी EWS सर्टिफिकेट बनवाया और IAS हो गईं।
*दुर्गा प्रसाद अधिकारी 2021 में 205वी रैंक के साथ अनारक्षित सीट से IPS बने थे। इन्होंने भी फर्जी EWS सर्टिफिकेट बनवाया और ये 2022 में 162वी रैंक के साथ IAS बन गए।
*लक्ष्मण तिवाड़ी पहले IPS थे। फिर EWS कैटेगरी का सर्टिफिकेट लिया और IAS बन गए।
*UPSC में ही फ़र्ज़ी प्रमाणपत्र बनवाकर नियुक्तियां अर्जित नहीं कि गईं बल्कि प्रादेशिक सिविल सर्विसेज सहित अन्य विभागों में भी फ़र्ज़ी दस्तावेजों के सहारे नियुक्तियाँ मिली है। NEET का हाल सब देख ही चुके हैं। अब UPSC पर भी विश्वास नहीं बचा कि इसमें फेयर एग्जाम होता है।* स्कैम हर जगह है। देश के सबसे बड़े एग्जाम का ये हाल है तो बाकी प्रतियोगी परीक्षाओं का राम ही मालिक है।
#सत्यार्थ
जगदीश्वर चतुर्वेदी की फेसबुक वाल से।😎