बांग्लादेश बॉर्डर पर अतिक्रमणकारियों की पुलिस से भिड़ंत, चली गोली दो की मौत दर्जनों घायल

अतिक्रमणकारियों ने महिलाओं सहित 22 पुलिसकर्मियों को किया घायल-डीजीपी

बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा: असम के कामरूप (महानगर) जिले में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान भीड़ और पुलिस की झड़प हो गई। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को भीड़ तितर बितर करने के लिए गोली चलानी पड़ी। इसमें दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि भीड़ के हमले से कई अधिकारी और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। इस दौरान पुलिस ने जब भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाई। जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।जबकि, इस झड़प में 11 अन्य प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए।
भीड़ को तितर बितर करने के लिए चलानी पड़ी गोली:
अधिकारी की ओर से दावा किया गया है कि पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए गोली चलानी पड़ी। इस मामले में दो अतिक्रमणकारी घायल हो गए। उन्हें सोनापुर जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान जुबाहिर अली और हैदर अली के रूप में हुई है।
50 से अधिक लोग घायल: भीड़ के हमले से सोनापुर के सर्किल अधिकारी नितुल खटानियार, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) मृणाल डेका और सोनापुर पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी हीरक ज्योति सैकिया घायल हो गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि 50 से अधिक लोग घायल हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया।एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि मामूली रूप से घायल कई लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। गांव में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं तथा पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना तब हुई जब सोनापुर अंचल कार्यालय और पुलिस की एक टीम जिले के कोचुटोली गांव में बंगाली भाषी मुस्लिम ग्रामीणों से भूमि खाली कराने गई थी। ग्रामीणों को पहले भी यहां से हटाया गया था, लेकिन वे यहां फिर आ गए। जो केवल आदिवासियों के लिए संरक्षित है।इस मामले पर असम के डीजीपी जीपी सिंह ने कहा कि कथित अतिक्रमणकारियों ने महिलाओं सहित 22 पुलिसकर्मियों को भी घायल कर दिया है। पुलिस ने बताया कि मृतक पीड़ितों की पहचान (19) जुबाहिर अली और (22) हैदर अली के रूप में हुई है।248 बीघा सरकारी भूमि को कराया गया खाली : डीजीपी ने आगे बताया कि, सोमवार (9 सितंबर) से शुरू हुए बेदखली अभियान के दौरान 248 बीघा सरकारी भूमि को खाली कराया गया. जिसमें से 237 अवैध रूप से बनें ढ़ांचों को अधिकारियों ने हटा दिया. बेदखली इसलिए की गई क्योंकि भूमि आदिवासियों के लिए आरक्षित है. जिसमें गैर-आदिवासियों को उस भूमि पर कब्जा करने या उसे खरीदने की अनुमति नहीं है.
जानें क्या है मामला?: सूत्रों ने बताया कि (9 सितंबर) से भूमि से बेदखल किए गए कई लोग वापस आए हैं और अस्थायी तंबुओं में रह रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया, “गुरुवार (12 सितंबर) को जब अधिकारी वहां गए और उनसे जमीन खाली करने को कहा गया तो भीड़ उनका पीछा करते हुए आई और उन्होंने अधिकारियों पर लाठियों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया. इस दौरान पुलिस ने शुरू में हवा में गोलियां चलाईं लेकिन जब भीड़ नहीं मानी, तो पुलिस को गोलियां चलानी पड़ीं. उनमें से दो लोगों की सोनापुर अस्पताल में गोली लगने से मौत हो गई. अधिकारी ने कहा,’ भीड़ के हमले में सोनापुर राजस्व मंडल अधिकारी नितुल खाटोनियार भी घायल हो गए।
सरकारी अधिकारियों और पुलिस पर हमला करने वालों पर हो सख्त एक्शन- डीजीपी
डीजीपी जीपी सिंह ने बताया कि गुवाहाटी पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे सरकारी अधिकारियों और पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें. अधिकारी ने बताया कि सरकारी और वन भूमि को अतिक्रमणकारियों से खाली कराने के असम सरकार के निर्देश के तहत यह बेदखली की गई। बंगाली मुसलमानों को बनाया जा रहा निशाना : इस बीच मुस्लिम विरोधी अभियान में बेदखल किए गए लोगों का कहना है कि यह बंगाली मुसलमानों को निशाना बनाकर किया गया अभियान था. क्योंकि, बीजेपी सरकार ने अतीत में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े कई लोगों को इसी तरह बेदखल किया था, जबकि असमिया लोगों को सरकारी जमीन से बेदखल नहीं किया गया था।

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