सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित चीनी लहसुन, पोटैटो एण्ड ओनियन मर्चेंट्स एसोसिएशन ने खोला मोर्चा

अशोक झा, सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी रेगुलेटेड बाजार और उत्तर बंगाल क्षेत्र में चीनी लहसुन की एक बड़ी डंपिंग हुई है। जैसा कि आप जानते होंगे कि भारत सरकार (“GOL”) द्वारा चीनी लहसुन को प्रतिबंधित और अवैध घोषित किया गया है। जीओएल द्वारा चीनी लहसुन पर प्रतिबंध के बावजूद, माल उत्तर बंगाल क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के माध्यम से सिलीगुड़ी रेगुलेटेड बाजार में प्रवेश कर रहा है। इसको लेकर पोटैटो एण्ड ओनियन मर्चेंट्स एसोसिएशन ,आलू प्याज कॉम्प्लेक्स, सिलीगुड़ी विनियमित बाजार समिति,मल्लागुड़ी की ओर से मोर्चा खोल दिया है। संगठन के महासचिव तारकेश्वर राय ने प्रधान नगर पुलिस, कस्टम आयुक्त, पुलिस आयुक्त सहित रेगुलेटेड मार्केट कमेटी को इसकी लिखित शिकायत की है। लिखित शिकायत में कहा गया है की चीनी लहसुन की बिक्री और खपत के निम्नलिखित निहितार्थों पर ध्यान देना चाहेंगे :यह देश के लिए आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है। इसे बढ़ने में शामिल रसायनों को देखते हुए लहसुन।स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे पैदा करता है। जो कि उच्च स्तर के कीटनाशकों को उगाने में उपयोग किया जाता है। उपज नियमित भारतीय लहसुन में निहित लाभकारी गुणों का अभाव घरेलू रूप से उगाए गए लहसुन की बिक्री में गिरावट, जिससे किसानों की उपज पर असर पड़ता है और उपज की कीमत थोक विक्रेताओं और कमीशन एजेंटों के व्यवसाय पर प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव दिया गया है। सिलीगुड़ी रेगुलेटेड बाजार में चीनी लहसुन के डंपिंग के कारण, आलू प्याज परिसर के सभी व्यापारियों को खरीदी गई उपज को बेचने में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जिससे भारी नुकसान हो रहा है। हमें व्यापारियों से यह समझने के लिए भी दिया गया है कि एक ऐसी स्थिति आ गई है जिसमें वे व्यवसाय को बनाए रखने के लिए पर्याप्त राजस्व उत्पन्न करने में असमर्थ हैं। यह स्थिति न केवल व्यवसाय के मालिकों को प्रभावित कर रही है, बल्कि व्यवसाय से जुड़े सभी लोग जैसे मजदूरों, रसद प्रदाताओं आदि को भी प्रभावित कर रही हैं।
चीनी लहसुन है देश और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक : भारत में लहसुन का प्रयोग सब्जियों की साथ-साथ औषधि के रूप में भी प्राचीन काल से होता आ रहा है। देश में लहसुन की कीमत इन दिनों आसमान छू रही है। बंगाल में इन दिनों लहसुन का भाव ₹300 प्रति किलो तक जा पहुंचा है। इस साल फसल खराब होने के चलते बाजार में चीन से लहसुन का आयात भी हुआ। चीन लहसुन का सबसे बड़ा निर्यातक देश है वहीं अमेरिका सबसे बड़ा आयातक देश. चीनी लहसुन देखने में भले ही आकर्षक लगता है लेकिन सेहत के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित रही है। अमेरिकी सीनेटर रिक स्कॉट ने चीनी लहसुन को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं। उनका कहना हैं चीनी लहसुन दोयम दर्जे का है। वही यह सेहत के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं है। बल्कि इसके सेवन से कई तरह की खतरनाक बीमारियां भी होने का खतरा है।अमेरिका में तो चीन से आने वाले लहसुन के आयात पर रोक लगा दी गई। वहीं अब देश के भीतर अभी भी चीनी लहसुन बिक्री जारी है। चीनी लहसुन सेहत के लिए नहीं है सुरक्षित: लहसुन खाने वाले अब हो जाएं सावधान क्योंकि बाजार में बिकने लगा है चीनी लहसुन. सामान्य लहसुन की तरह ही चीनी लहसुन थोड़ा अलग दिखता है। इसका आकार और इसकी कलियाँ काफी मोटी होती हैं. वहीं इसका रंग हल्का गुलाबी से लेकर काफी सफेद होता है. चीन में लहसुन की खेती के लिए सीवेज के पानी का इस्तेमाल किया जाता है. सीवेज के पानी में मल-मूत्र का काफी बड़ा अंश होता है। इस पानी से जहां फसल जल्दी तैयार हो जाती है. वहीं इस लहसुन में कई हेवी मेटल के रूप में मरकरी, लेड भी पाए गए हैं। वहीं चीन में लहसुन को और भी ज्यादा सफेद बनाने के लिए इसको ब्लीच किया जाता है जिसके चलते इसका रंग बिल्कुल सफेद और चमकदार दिखता है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर राज धवल सिंह ने बताया की आयुर्वेद में लहसुन का प्रयोग औषधि के रूप में होता है लेकिन अगर लहसुन में आर्सेनिक, लेड जैसे हेवी मेटल होंगे तो इसका सेहत के ऊपर काफी बड़ा दुष्प्रभाव भी है. आर्सेनिक, लेड और क्रोमियम ब्रोमाइड के चलते यह शरीर में कैंसर और नर्वस सिस्टम से जुड़ी हुई गंभीर बीमारियां भी पनप सकती है।।चीन है लहसुन का सबसे बड़ा निर्यातक: चीन में लहसुन की खेती बड़े पैमाने पर होती है वही दुनिया में सबसे बड़ा लहसुन का निर्यातक भी चीन है अमेरिका विश्व के भीतर सबसे बड़ा लहसुन का आयातक देश है। विश्व के भीतर कई देशों में चीनी लहसुन का आयात किया जाता है। अमेरिका में चीन से आने वाले लहसुन को लेकर अमेरिकी सीनेटर ने कई तरह की चिंताएं जाहिर की है उन्होंने पत्र के जरिए चीन में उगाई जाने वाले लहसुन के तरीकों पर आपत्ती दर्ज कराई है जिसके बाद विश्व कई देशो में लहसुन के आयात पर रोक लगा दी गई है।
कैसे करें चीनी और भारतीय लहसुन के बीच फर्क : सोशल मीडिया के जरिए चीनी लहसुन को लेकर इन दिनों कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि पहचाने कैसे ? भारतीय लहसुन खाने से जहां सेहत के लिए फायदे होते हैं जबकि चीनी लहसुन से आपका शरीर बीमार हो सकता है. चीन में इस लहसुन की खेती सीवेज के पानी के द्वारा की जाती है जिससे यह जल्दी तैयार हो सके, फिर इसे तैयार होने के बाद क्लोरीन से बीच ब्लीच किया जाता है ताकि यह सफेद और चमकदार बने। भारत में खेती की सामान्य प्रक्रिया के तहत लहसुन पैदा किया जाता है। भारतीय लहसुन जहां दिखने में हल्का पीलापन लिए होता है. वहीं इसकी कलियां बहुत मोटी नहीं बल्कि सामान्य दिखती है। इसका स्वाद भी बिल्कुल के बिल्कुल तीक्ष्ण होता है।

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