वित्त मंत्री ने विपक्ष को राज्यसभा में जमकर धोया, कांग्रेस को याद दिलाया उनका बजट
अशोक झा , नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण न मंगलवार को विपक्ष के उन आरोपों का खंडन किया जिसमें दावा किया जा रहा था कि विपक्ष द्वारा शासित राज्यों को बजट में कुछ भी नहीं दिया गया। लोकसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई राज्य नहीं जिसे फंड न दिया गया हो। बाकी राज्यों का संसद में नाम तक नहीं लिया. करीब हफ्ते के बाद निर्मला सीतारमण ने इस आरोप का जवाब देते हुए पश्चिम बंगाल पर सवाल खड़ा कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई कई योजनाएं पश्चिम बंगाल में लागू नहीं की जा रही हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों के जवाब में क्या कहा?नाम नहीं लेकिन मिला सबको है: राज्यसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण का जवाब देते हुए कि उन्होंने बजट भाषण में केवल दो राज्यों का उल्लेख किया और ‘बाकी को नजरअंदाज’ किया, सीतारमण ने कहा कि विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि मैंने कई राज्यों का नाम नहीं लिया और सिर्फ दो राज्यों की बात की है।
सीतारमन ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के समय में सभी वित्तीय वर्ष में पेश किए गए बजट की बातों से विपक्ष पर निशाना साधा. वित्त मंत्री ने कहा, “2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं था. 2009-10 के बजट में यूपी और बिहार को छोड़कर किसी राज्य का नाम नहीं लिया गया. 2010-11 के बजट में 19 राज्यों का जिक्र नहीं था. 2014-15 में 10 राज्यों का जिक्र नहीं था. आप बताइए जिन राज्यों का बजट में नाम नहीं था, क्या उन्हें पैसे नहीं दिए गए?”। वित्त मंत्री ने कहा, “मैं उस समय UPA सरकार का हिस्सा रहे सदस्यों से एक सवाल पूछना चाहती हूं. क्या सरकार की तरफ से पैसा केवल 17 राज्यों को गया? क्या बाकी राज्यों को उन्होंने पैसा रोक दिया था?” सीतारमन ने एक बार फिर से दोहराया, “बजट में किसी राज्य का नाम नहीं होने का मतलब यह नहीं है, उसे कोई अलॉटमेंट नहीं हुआ है।
कांग्रेस पार्टी अब तक इतने बजट पेश कर चुकी है। उन्हें पता होना चाहिए कि हर बजट में आपको हर राज्य का नाम बताने का मौका नहीं मिलता है। सीतारमण ने अपनी बात को विस्तार से बताते हुए कहा कि यदि भाषण में किसी राज्य के नाम का उल्लेख नहीं है, तो क्या इसका मतलब यह कतई नहीं है कि उन राज्यों को योजनाओं, कार्यक्रम, विश्व बैंक जैसे संगठनों से बाहरी सहायता नहीं मिलती है? सरकार रूटीन के अनुसार चलती है और विभाग-वार आवंटन और एक्सपेंडिचर शीट इस मद को दर्शाता है। बंगाल पर उठाए सवाल: महाराष्ट्र का उदाहरण लेते हुए उन्होंने कहा कि अगर बजट में इसके नाम की घोषणा नहीं की गई तो क्या महाराष्ट्र को नजरअंदाज कर दिया गया?’ वधावन बंदरगाह को 76,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। क्या कांग्रेस पार्टी ने अपने शासनकाल के दौरान घोषित सभी बजटों में हर राज्य का नाम लिया था? टीएमसी पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा कि कल टीएमसी ने बजट पर सवाल उठाया कि पश्चिम बंगाल को कुछ नहीं दिया गया है. पीएम मोदी द्वारा दी गई कई योजनाएं बंगाल में लागू भी नहीं की गई हैं और अब आपके पास मुझसे पूछने की हिम्मत है। कांग्रेस को चुनौती:उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस को चुनौती दे सकती हूं कि क्या उन्होंने पेश किए गए प्रत्येक बजट में हर राज्य का नाम लिया है? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों द्वारा लोगों को यह आभास देने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ नहीं दिया जा रहा है। यह एक अपमानजनक आरोप है। बीते कुछ दिनों से बजट पर संसद में लगातार बहस चल रही है। जिसमें विपक्षी दल लगातार बजट को निशाना बना रहे हैं।आरोप लगा रहे हैं कि ये आम लोगों को राहत देने वाला बजट नहीं बल्कि ‘कुर्सी बचाओ’ बजट है। इसमें सिर्फ दो राज्यों आंध्रप्रदेश और बिहार पर फोकस किया गया है। क्योंकि दोनों राज्यों के सत्तारूढ़ दलों का समर्थन केंद्र में भाजपा को मिला हुआ है।