सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा

*प्रदेश में सभी को स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा मिले इसके लिए सरकार कृत संकल्पित*

*सौर ऊर्जा और जैव ऊर्जा के क्षेत्र में यूपीनेडा निवेश को दे रहा बढ़ावा*

*सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी कंपनिया सौर ऊर्जा और जैव ऊर्जा के क्षेत्र में कर रहीं कार्य*

*ऊर्जा मंत्री ने निर्धारित समय में लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश*

*लखनऊ : 07 अगस्त, 2024*

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि सभी को स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। सौर ऊर्जा और जैव ऊर्जा के क्षेत्र में यूपीनेडा निवेश को बढ़ावा दे रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी कंपनिया सौर ऊर्जा और जैव ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।उन्होंने कहा कि अयोध्या को सोलर सिटी के रुप में विकसित करने के पश्चात वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर को भी सोलर सिटी के रुप में विकसित किया जा रहा है।

ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने मंगलवार को यूपीनेडा के मुख्यालय में प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री नरेन्द्र भूषण, निदेशक यूपीनेडा श्री अनुपम शुक्ला, यूपीनेडा के अन्य अधिकारियों के साथ प्रदेश में चल रहे यूपीनेडा के कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने शहरों में सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइट व अन्य संयंत्रों को भी सौर ऊर्जा से जोड़ने के निर्देश दिये। कहा कि आने वाले समय में नवीकरणीय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा की वृहद पैमाने पर आवश्यकता बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं।नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में असीम सम्भावनायें हैं।

श्री ए.के. शर्मा ने महत्वाकांक्षी पीएम सूर्यघर योजना के अन्तर्गत घरों में रूफटॉप सोलर बिजली लगाने, उसमें मिलने वाली सब्सिडी की राशि व आर्थिक लाभ के बारे में जानकारी को जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए जन-जागरुकता कार्यक्रम चलाने के लिये निर्देशित किया। इस बारे में सोशल मीडिया व स्थानीय रेडियो प्रसारण के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये। उन्होंने यूपीनेडा के अधिकारियों के साथ बैठक में पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत प्रदेश के किसानों को मिलने वाले सोलर पंपों की प्रगति के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने अधिक-से-अधिक अन्नदाता किसानों को इस योजना से जोड़ने व इस योजना से मिलने वाले लाभों को किसानों तक पहुंचाने के लिये निर्देशित किया।

निदेशक यूपीनेडा ने बताया कि पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 25 लाख घरों में सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य है, जिसके तहत लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। योजना के तहत अभी तक 18,18,290 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए, वहीं 1,88,209 प्रार्थना पत्र जमा किये जा चुके हैं, इसमें से 26,996 सोलर प्लांट स्थापित कर दिया गया है, वहीँ 8033 लोगों को सब्सिडी केंद्र और राज्य दोनों के द्वारा दी जा चुकी हैं, अभी केंद्र द्वारा 18,963 लोगो को सब्सिडी दी जानी है। पीएम सूर्य योजना के तहत उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने के बाद बची राशि पर 07 प्रतिशत के न्यूनतम ब्याज पर ऋण दिया जा रहा। एक किलोवाट के सोलर रूफटॉप पर केंद्र द्वारा 30 हजार रुपए और राज्य द्वारा 15 हज़ार रुपए की कुल 45 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही। वहीँ 02 किलोवाट पर केंद्र 60 हज़ार और राज्य 30 हजार कुल 90 हजार, तीन किलोवाट पर केंद्र 78 हजार और राज्य 30 हजार मिलाकर कुल 01 लाख 08 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही। वहीँ 04 किलोवाट व उससे ऊपर के सोलर रूफटॉप के लिए केंद्र 78 हजार और राज्य 30 हजार यानी कुल 01 लाख 08 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। पीएम सूर्य घर योजना को बढ़ावा देने के लिए पंचायती राज और नगर निकाय को एक हजार का इंसेंटिव भी दिया जा रहा। यूपीईआरसी ने 10 किलोवाट तक सोलर रूप टॉप स्थापना के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की छूट का आदेश जारी किया है। सोलर रूफटॉप सिस्टम के क्रियान्वयन हेतु 1079 वेंडर्स को एम्पेनल्ड किया गया है। जुलाई 2022 में 70 वेंडर्स थे, दिसम्बर 2023 में 451 थे और जुलाई 2024 में वेंडर्स की संख्या बढ़कर 1079 हो गयी है।

पीएम सूर्य घर योजना को सफल बनाने के लिए यूपीनेडा द्वारा एक हेल्प लाइन नंबर 1800 1800 005 की शुरुआत भी की गयी है. वहीँ एक वाररूम भी बनाया गया है. जिसमें यूपीनेडा, आरईसी व टाटा कंपनी के अधिकारीयों की मौजूदगी में सोलर समाधान पोर्टल और वेंडर व्हाटऐप ग्रुप से प्राप्त उपभोक्ता और वेंडर्स की समस्याओं का समाधान किया जा रहा। लक्ष्य को पूरा करने के लिए यूपीनेडा द्वारा सभी जिलाधिकारी, मुख्यविकास अधिकारी को पीएमएसजी योजना, डिस्कॉम के साथ ही जिलेवार लक्ष्य और वेंडर्स की सुचना भेजी जा चुकी है। पीएम सूर्य घर योजना को सफल बनाने के लिए सांसद, विधायक, महापौर, नगर आयुक्तों और जिला पंचायत अध्यक्षों को भी प्रचार-प्रसार बढाने के लिए पत्र के माध्यम से संपर्क किया गया है।

यूपीनेडा द्वारा पीएम सूर्य घर योजना की एक बुकलेट भी तैयार की गयी है जिसमें पालिसी, आवश्यक निर्देश, शासनादेश, डिस्कॉम की जानकारी के साथ ही जिलेवार लक्ष्य का भी उल्लेख किया गया है। यूपीनेडा द्वारा लगातार ट्रेनिंग वर्कशॉप का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें डिस्कॉम के साथ ही बिलिंग एजेंट को भी ट्रेंनिंग दी जा रही। वहीँ विडियो बनाकर भी ट्रेनिंग और जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा।

ऊर्जा विभाग में डिस्कॉम वार भी पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत लक्ष्य है, इसमें पश्चिमांचल को 72,5000, दक्षिणांचल को 4,50,000, मध्यांचल को 5,50,000, पूर्वांचल को 5,00000 का लक्ष्य दिया गया है, जिसके अंतर्गत पश्चिमांचल ने 7,25,000 के लक्ष्य के सापेक्ष 3,36,863 रजिस्ट्रेशन किये, वहीं 2,77,12 एप्लीकेशन जमा किये। दक्षिणांचल ने 4,50,000 के लक्ष्य के सापेक्ष 3,42,616 रजिस्ट्रेशन किये, वहीं 25,768 एप्लीकेशन जमा किये। माध्यांचल ने 5,50,000 के टारगेट के सापेक्ष 4,07,625 रजिस्ट्रेशन किये, वहीं 54,074 एप्लीकेशन जमा किये गए हैं। पूर्वांचल ने 5,00000 के टारगेट के सापेक्ष 6,78,692 रजिस्ट्रेशन किये, वहीं 59,199 एप्लीकेशन जमा किये गए हैं। केस्को ने 1,50,000 के टारगेट के सापेक्ष 19,790 रजिस्ट्रेशन किये, वहीं 5308 एप्लीकेशन जमा किये गए हैं। टोरेंट पावर ने 1,00000 टारगेट के सापेक्ष 13,089 रजिस्ट्रेशन किये, वहीं 4,123 एप्लीकेशन जमा किये। वहीं एनपीसीएल ने 25,000 के टारगेट के सापेक्ष 19,615 रजिस्ट्रेशन किये, वहीं 2025 एप्लीकेशन जमा किये। साथ ही 8033 लोगों को केंद्र और राज्य सरकार दोनों से सब्सिडी दी जा चुकी है, जोकि कुल 24.07 करोड़ रूपये है और इससे 33.2 मेगावाट की क्षमता भी स्थापित हो चुकी है।

पीएम सूर्य घर योजना के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए गाज़ियाबाद, अलीगढ, मेरठ, आगरा, कानपूर, वाराणसी और अयोध्या में डोर टू डोर जागरूकता अभियान के साथ पोस्टर और लीफलेट भी बंटवाए गए हैं। साथ ही 02 करोड़ के बजट से गोरखपुर, अयोध्या और वाराणसी में सोलर मेला, विश्वविद्यालय, कॉलेज में भी प्रचार प्रसार किया जा रहा है। साथ ही डिस्कॉम डिवीज़न में कैनोपी भी लगाई जा रही है। सबस्टेशन, विकास भवन और वार्ड में ऑटो और बैटरी रिक्शा के माध्यम से प्रचार कराने के साथ ही रजिस्ट्रेशन भी कराया जा रहा है। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों जैसे प्रमुख चौराहों, कचहरी और कलेक्ट्रेट परिसर में होर्डिंग भी लगाई जा रही हैं. साथ ही डिस्कॉम, पोस्ट ऑफिस में उपभोक्ता पंजीकरण कैंप लगाकर ज्यादा से ज्यादा आवेदन कराने का भी प्रयास किये जा रहे हैं।

बैठक में बताया गया कि सरकारी भवनों पर भी सोलर पलट को स्थापित किया गया है. जिसमें 1541 किलोवाट ऑनग्रिड और 1862 किलोवाट ऑफ़ग्रिड पिछले डेढ़ वर्ष में स्थापित किये गए हैं., समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत विभिन्न शिक्षण संस्थानों में 614 सोलर आरओ प्लांट लगाये गए हैं, वहीँ सेकेंडरी स्कूल की 947, आश्रम विद्यालयों की 96, सीएचसी/पीएचसी की 72, जिला न्यायलय की 51, आईटीआई की 49, विकास भवन 36 और 30 कलेक्ट्रेट भवनों पर सोलर प्लांट स्थापित किये गए हैं। सोलर सिटी अयोध्या में 10 प्रतिशत का कुल विद्युत भार की पूर्ती सरयू नदी के तट पर स्थापित 40 मेगावाट के सोलर प्लांट से की जा रही हैं। अयोध्या में 766 स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट, 2300 सोलर स्ट्रीट लाइट, 10 सोलर वाटर कीओस्क, 2.5 किलोवाट के 18 सोलर ट्री, 250 सोलर हाई मास्क, एक किलोवाट के 40 सोलर ट्री, 50 मेगावाट क्षमता का ऑफ़ग्रिड सोलर पॉवर प्लांट, 3.3 मेगावाट का ऑनग्रिड सोलर पॉवर प्लांट सरकारी भवनों पर स्थापित किये गए हैं।

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