सिक्किम में सुबह सुबह हिल गई धरती, लोगों में अभी भी लगा है डर

अशोक झा, सिलीगुड़ी: पड़ोसी राज्य सिक्किम में शुक्रवार सुबह सिक्किम में भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार सिक्किम के सोरेंग में आज सुबह 6 बजकर 57 मिनट पर भूकंप आया था।भूकंप की तीव्रता 4.4 दर्ज की गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार सुबह 7 बजे के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो उन्होंने भूकंप के झटके को अच्छे से महसूस किया. उनके घर की चीजें हिलने लगीं. भूकंप के झटके महसूस होते ही वे घरों से बाहर की ओर भागने लगे। लोग सड़कों पर आ गए. कुछ लोगों की नींद ही भूकंप के झटके से खुली। फिलहाल, अब तक किसी के हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है।फिलहाल इससे किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।क्यों आता है भूकंप? पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा। उत्तर बंगाल और बिहार के सीमांचल में किशनगंज में कई लोगों ने भूकंप महसूस किया। भूकंप का केंद्र पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के भी बेहद करीब था। ऐसे में इसका असर भारत में पश्चिम बंगाल, बिहार में भी रहा। वहीं, नेपाल और भूटान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।भूकंप की तीव्रता ज्यादा नहीं थी। इस वजह से जान-माल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। बरसात के समय में पहाड़ी इलाकों में भूकंप आने पर भूस्खलन का खतरा ज्यादा रहता है। भूस्खलन होने पर बड़ी तबाही आ सकती है। हाल ही में वायनाड में भूस्खलन के कारण बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे।क्यों आते हैं भूकंप?: हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। दरअसल, हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं।
हर साल दुनिया में आते हैं करीब 20 हजार भूकंप: हर साल दुनिया में करीब 20 हजार भूकंप आते हैं लेकिन उनकी तीव्रता इतनी ज्यादा नहीं होती कि लोगों को भारी नुकसान हो। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर इन भूकंप को रिकॉर्ड करता है। जानकारी के मुताबिक, 20 हजार में से केवल 100 भूकंप ऐसे होते हैं, जिनसे नुकसान होता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप हिंद महासागर में 2004 में आया था। ये भूकंप 10 मिनट तक महसूस किया गया था।रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा कैसे लगा सकते हैं?0 से 1.9 सीज्मोग्राफ से मिलती है जानकारी,2 से 2.9 बहुत कम कंपन पता चलता है,3 से 3.9 ऐसा लगेगा कि कोई भारी वाहन पास से गुजर गया,4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है,5 से 5.9 भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है,6 से 6.9 इमारत का बेस दरक सकता है
7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं,8 से 8.9 सुनामी का खतरा, ज्यादा तबाही,9 या ज्यादा सबसे भीषण तबाही, धरती का कंपन साफ महसूस होगा।

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