BHU में तीन दिवसीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट में आई.सी.एफ.ए.आई, हैदराबाद की टीम विजेता जबकि पी.ई.एस., बेंगलुरु उपविजेता

वाराणसी। विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थाए हैं राष्ट्र के मंदिर।। काशी हिन्दू विश्विद्यालय के विधि संकाय में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट में आई.सी.एफ.ए.आई, हैदराबाद की टीम विजेता जबकि पी.ई.एस., बेंगलुरु उपविजेता रही। पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति श्रीमती प्रतिभा सिंह ने विधि छात्रों से सिद्धांतों से बाहर निकलकर व्यावहारिक ज्ञान पर विशेष बल देने का आग्रह किया। जस्टिस सिंह ने वर्तमान शैक्षणिक संरचना को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप परिवर्तित करने पर जोर दिया और विधिक शिक्षा में तकनीक के समावेशन और राष्ट्रीय स्तर पर मूट कोर्ट फंड के निर्माण का सुझाव भी दिया। कार्यक्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता का संदेश भी पढ़ा गया, जिसमें उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के समाज के प्रति जिम्मेदार होने से संविधान निर्माताओं के सपनों को वास्तविकता में साकार किया जा सकता है। समापन समारोह में संकाय प्रमुख प्रो. अजय कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया ।पुरस्कारों की घोषणा डॉ अनिल मौर्य और धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनूप कुमार ने किया। तीन दिनों तक चले इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में देश भर के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों और विभिन्न लॉ स्कूल्स के 24 चयनित टीमों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में समस्त अध्यापकगण और छात्र छात्राएं उपस्थित रहें।

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