पड़ोसी राष्ट्र नेपाल चल रहा चीन की चाल, 100 के नोट पर भारतीय क्षेत्र को छापने का लिया फैसला
भारत ने कहा, कृत्रिम विस्तार" और "अस्थिर करने वाला" है यह कदम
अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल- बिहार से सटे पड़ोसी देश नेपाल भी अब चीन के नक्शेकदम पर चलता दिखाई दे रहा है। नेपाल ने कल यानी शुक्रवार को नक्शे के साथ 100 रुपए का नोट छापने का ऐलान किया है। नोट पर छपे इस नक्शे में लिपुलेख, लिंपियाधुरा कालापानी के विवादित इलाकों को दिखाया गया है।भारत इन क्षेत्रों को अपना क्षेत्र मानता है और नेपाल के इस कदम को “कृत्रिम विस्तार” और “अस्थिर करने वाला” बताया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने कैबिनेट फैसले की जानकारी हुए बताया, प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में नेपाल का नया नक्शा छापने का फैसला लिया गया, जिसमें लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को 100 रुपये के बैंक नोटों में शामिल किया गया है। अब एक बार फिर इसी विवाद जिन्न बोतल से बाहर आ गया है। अब नेपाल की सरकार में मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि नेपाल के 100 रुपये के नोट पर नेपाल का नया नक्शा होगा और इस नक्शे में तीनों विवादित क्षेत्र लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को शामिल किया जाएगा. मंत्रिपरिषद की यह बैठक नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ की अध्यक्षता में हुई।नेपाल की संसद में हुई इस बैठक में इस बिल के पक्ष में 275 में से 258 वोट डाले गए जबकि एक भी वोट इसके विरोध में नहीं पड़ा. नेपाली कांग्रेस (NC), राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल (RJP-N) और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने इस नए विवादास्पद नक्शे का समर्थन किया था। पड़ोसी देश के इस कदम से भारत और नेपाल की टेंशन बढ़ने सकती है। नए नक्शे को छापने के ऐलान से दोनों देशों के बीच संबंधों पर क्या असर पड़ेगा यह तो वक्त ही बताएगा। वहीं भारत सीमा से लगे इन क्षेत्रों को विस्तार रूप दे चुका है। 100 रुपये के नोट पर नए नक्शे को छापने के फैसले के बारे में नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने जानकारी दी. वह नेपाल की सूचना और संचार मंत्री भी हैं। उनके अनुसार 25 अप्रैल और दो मई को इस संबंध में बैठक हुई और 100 रुपये की नई करेंसी पर नया नक्शा छापने पर सहमति बनी. पहले भी इन तीनों विवादित स्थलों को पॉलिटिकल मैप में छापने के लिए वहां संविधान में संशोधन किया गया था।बता दें कि 2020 में उस समय की केपी ओली सरकार ने चीन के इशारे पर नया नक्शा संसद में पास कराया था. इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी. भारत नेपाल से 1850 किलोमीटर की सीमा साझा करता है. यह भारत के सिक्किम, पश्चिमबंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड से लगती है. लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी पर भारत का अधिकार है। ये सभी इलाके उत्तराखंड की सीमा से सटे हैं।सूचना और संचार मंत्री रेखा शर्मा ने कहा, कैबिनेट ने 25 अप्रैल और 2 मई को हुई कैबिनेट बैठकों के दौरान 100 रुपये के बैंक नोट को फिर से डिजाइन करने और बैंक नोट के बैकग्राउंड में छपे पुराने मैप को बदलने की मंजूरी दे दी।
भारत की तीखी प्रतिक्रिया: 18 जून, 2020 को, नेपाल ने अपने संविधान में संशोधन करके तीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को शामिल करके देश के राजनीतिक मैप को अपडेट करने का प्रोसेस पूरा किया. इस फैसले पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे एकतरफा अधिनियम कहा.लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा पर भारत अपना अधिकार रखता है. नेपाल पांच भारतीय राज्यों – सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा साझा करता है।