बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर देश से विदेश तक प्रदर्शन
बॉर्डर पर एक्शन में बांग्लादेश और भारतीय सरकार
बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा : शेख हसीना के देश छोड़कर भागने और पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से बांग्लादेश में लगातार हिंसा हो रही है। हालांकि, अंतरिम सरकार के गठन के बाद अब शांति स्थापित करने के प्रयास शुरू होते दिख रहे हैं।बाग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से काफी हिंसा देखने को मिली, हसीना के इस्तीफे के बाद खास तौर पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा था. हालांकि नई सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी, इस बीच बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार सखावत हुसैन अपने सख्त फैसलों के लिए चर्चा में हैं। बांग्लादेश के नए गृह मंत्री ने सोमवार को कहा कि वर्तमान में सत्ता में मौजूद अंतरिम सरकार की अवामी लीग पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है, जिसका नेतृत्व पहले शेख हसीना करती थीं।जिसे रोकने के लिए नए पीएम बने बांग्लादेश के अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस अब एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। पूर्व पीएम शेख हसीना की जानी दुश्मन मानी जाने वाली खालिदा जिया को शायद ना गवा गुजरे।
रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल एम सखावत हुसैन ने कहा, शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंंध लगाने का उनका कोई इरादा नहीं है. अवामी लीग ने बांग्लादेश के लिए बहुत योगदान दिया है. हम इससे इनकार नहीं करते. जब भी चुनाव आएगा, तो उन्हें मैदान में उतरना चाहिए. चुनाव लड़ना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि क्या शेख हसीना को वापस लाने पर विचार किया जाएगा? इस पर सखावत हुसैन ने कहा, वो कहती हैं कि वापस लौटने की योजना बना रही हैं, लेकिन वो गईं ही क्यों? अपनी इच्छा से गई हैं. ये आपका देश है. आप चाहें तो वापस आ सकती हैं. लेकिन कृपया किसी तरह की परेशानी खड़ी करने से बचिए. अगर आप ऐसा करेंगी, तो गुस्सा और भड़केगा. आप देश वापस आइए.. आपका स्वागत है.
एक हफ्ते में हथियार जमा कराएं
सखावत हुसैन ने सभी प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी. कहा, एक हफ्ते के अंदर अवैध हथियार जमा कर दें. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने अवैध हथियार जमा कर लिए हैं. कुछ तो थानों से ही लूट लिए गए हैं। इनसे पुलिस पर हमले किए जा रहे हैं. हिन्दुओं और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. देश में अराजकता फैलाई जा रही है।आपको बता दें कि बढ़ते दंगे और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए मुहम्मद यूनुस हिंदू छात्रों और युवाओं से मुलाकात करेंगे। धार्मिक अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों को संबोधित करने के लिए हिंदू छात्रों और युवाओं के साथ बैठक का आह्वान किया है। कहा कि सोमवार (12 अगस्त) को होने वाली यह बैठक हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर केंद्रित है। यह तब हुआ जब देश की अंतरिम सरकार ने कहा कि वह 5 अगस्त को शेख हसीना के नाटकीय ढंग से सत्ता से बेदखल होने के बाद हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों को हल करने के लिए काम कर रही है।अंतरिम कैबिनेट ने अपने पहले आधिकारिक बयान में कहा, “कुछ जगहों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों को गंभीर चिंता के साथ देखा गया है।” उन्होनें कहा कि यह “इस तरह के जघन्य हमलों को हल करने के तरीके खोजने के लिए प्रतिनिधि निकायों और अन्य संबंधित समूहों के साथ तुरंत बैठेगा”। एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू छात्रों ने यूनुस के साथ अपनी बैठक के लिए आठ सूत्री मांग पत्र तैयार किया है। उनकी मांगों में अल्पसंख्यकों को सताने वालों के लिए मुकदमों में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, पीड़ितों को मुआवजा और अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून को तुरंत लागू करना शामिल है। अन्य मांगों में अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन, अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय, दुर्गा पूजा के दौरान पूरी सुरक्षा होगी।205 घटनाएं: रिपोर्टों के अनुसार, 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों को 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा है। मंत्रिमंडल के सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद रविवार को अपने पहले आधिकारिक बयान में अंतरिम सरकार ने कहा, “कुछ स्थानों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों को गंभीर चिंता के साथ देखा गया है।”टूटा बांग्लादेशी हिंदुओं का सब्र, शुरू हुए विरोध प्रदर्श, की सरकार ने जताया डर।आरएसएस बीजेपी में हुई बैठक: छात्र आंदोलन की कमान छात्रों की जगह इस्लामिक कट्टरपंथियों के हाथ में आ गई है. इस्लामी कट्टरपंथी पूरे देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. उनके घर जला रहे हैं, उनकी दुकानों को लूट रहे हैं। उनकी निर्मम तरीके से हत्या कर रहे हैं और फिर जश्न मना रहे हैं.इस बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने बांग्लादेशी हिंदुओं की स्थिति पर केंद्र सरकार के बड़े मंत्रियों संग बैठक की है. इस मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए हैं। मीटिंंग में क्या चर्चा हुई?: जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश के हालात पर रविवार की देर रात नई दिल्ली में भाजपा और आरएसएस की अहम बैठक हुई। यह मीटिंग रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई. बैठक में बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच हिंदुओं की स्थिति पर चर्चा हुई। इसके साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए इसपर भी बात की गई. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और आरएसएस की ओर से दत्ता जी होसबोले शामिल हुए। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद भी हिंसा नहीं रुक रही है। वहां हिंदुओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं, जिसकी दुनियाभर में निंदा भी की जा रही है। अब बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर 50 से अधिक नामचीन लेखकों और वकीलों ने पत्र लिखा है, जिसके जरिए ऐसे घटनाओं को रोकने की मांग की है।उन्होंने अपने पत्र में भारतीय संसद को भी इस मामले पर संज्ञान लेने की अपील की है. दरअसल, लेखकों के इस पत्र लिखने का मकसद हिंदुओं पर हो रहे हमले के मुद्दे पर ध्यान खींचना है। बांग्लादेश में अभी हालात काफी खराब हैं, वहां हिंदुओं को चुन चुनकर पीटा जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। वायरल वीडियो देख जताया दुख: प्रबुद्ध लोगों ने आगे लिखा कि हाल के दिनों में इस्कॉन सेंटर और देश के अन्य इलाकों में कई मंदिरों को जला दिया गया। उनमें तोड़फोड़ की गई. इनके कुछ वीडियो भी वायरल हुए। कई वीडियो में दंगाई हिंदुओं को मारते-पीटते दिख रहे हैं। पत्र में उन्होंने इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में लंबे समय से हिंदुओं के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं, वहां लगातार हमले किए जा रहे हैं। पत्र लिखने वालों में लेखक अमिश त्रिपाठी, आनंद रंगनाथन और वकील जे साई दीपक जैसे लोग शामिल हैं। 25 लाख हिंदुओं का हो चुका है कत्लेआम: 1971 में भी पाकिस्तानी सैनिकों ने सबसे ज्यादा हिंदू समुदाय को प्रताड़ित किया। उसने करीब 25 लाख हिंदुओं का कत्लेआम किया था। 2013 से अब तक हिंदुओं पर हमले की 3600 से अधिक घटनाएं घट चुकी हैं, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। वहां की सेना ने कहा था कि अल्पसंख्यकों की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी, लेकिन स्थिति उसके उलट है। हिंदू परिवारों के घरों और परिवारों को पुलिस और सेना ने ही लूटा है. स्थिति अब भी गंभीर है।हिंदुओं के हुंकार से यूनुस सरकार बैकफुट पर आ गई और 24 घंटे के अंदर उन्हें बैठक के लिए बुलाया। आज यानी सोमवार को मोहम्मद यूनुस हिंदू छात्रों और संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। मोहम्मद यूनुस की सरकार का कहना है कि बैठक के दौरान हिंदू समुदाय की सुरक्षा और मौजूदा संकट को खत्म करने को लेकर चर्चा की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले की 205 घटनाएं सामने आई है। इसके बाद ल्पसंख्यक संगठनो ने अंतरिम सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया।ये हैं हिंदुओं की मांगे-अल्पसंख्यंकों के लिए फास्ट ट्रैक ट्राइब्यूनल का गठन हो।अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून लागू किया जाए। हिंदू रिलीजन वेलफेयर ट्रस्ट फाउंडेशन बनाया जाए।पाली एजुकेशन बोल्ड मॉडर्न बनाया जाये। दुर्गा पूजा के दौरान 5 दिनों का अवकाश हो। अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन किया जाये।