मुख्य आरोपी संजय रॉय के कपड़े को घटना के बाद दो दिन तक जब्त नहीं किया गया सीबीआई का दावा
अशोक झा, कोलकोता: डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या में अब इस वीभत्स कांड में चौंकाने वाला खुलासा किया है। CBI का दावा है कि मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय के कपड़े को घटना के बाद दो दिन तक जब्त नहीं किया गया था. इससे गंभीर सवाल उठने लगे हैं. सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका भी बढ़ गई है. साथ ही बड़ा सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या संजय रॉय को बचाने की कोशिश की जा रही थी? इस बात का खुलासा जांच पूरी होने के बाद ही हो सकती है. बता दें कि CBI ने सील बंद लिफाफे में CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षत वाली पीठ को स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने रिपोर्ट में किए गए खुलासे को परेशान करने वाला बताया है।पुलिस वॉलंटियर रॉय सीसीटीवी फुटेज में घटना के दिन सुबह 4:03 बजे कॉलेज के सेमिनार हॉल में प्रवेश करते हुए नजर आया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।अधिकारियों ने बताया कि अपराध में संजय रॉय की भूमिका पहले ही सामने आ चुकी थी, लेकिन टाला पुलिस ने उसके कपड़े और अन्य सामान जब्त करने में अनावश्यक रूप से दो दिन की देरी की, जिससे उसके खिलाफ मजबूत सबूत मिल सकते थे। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 14 अगस्त को इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी और तब से उसने कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और टाला थाने के एसएचओ टर से दगी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों ने जवाब देने में टालमटोल किया है। अधिकारियों ने घोष और मंडल पर दुर्भावनापूर्ण इरादे का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों का उद्देश्य इस मामले से जुड़े साक्ष्यों और महत्वपूर्ण डाटा को नष्ट करना था। सीबीआई अब जांच कर रही है कि क्या रॉय, घोष और मंडल के बीच कोई आपराधिक साजिश थी। इसके लिए एजेंसी इनके फोन कॉल की पड़ताल कर रही है।तृणमूल विधायक के ठिकानों से ईडी ने जब्त किए दस्तावेज
प्रवर्तन निदेशालय ने (ईडी) आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में टीएमसी विधायक सुदीप्तो राय के निवास और नर्सिंग होम पर लगभग 20 घंटे तक चलने वाले तलाशी अभियान के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके साथ ही ईडी ने एक दवा विक्रेता सहित चार अन्य स्थानों पर भी तलाशी अभियान चलाया।पूर्व सीपी के खिलाफ मामले में हस्तक्षेप नहीं: हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने पीड़िता का नाम उजागर करने संबंधी मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर (सीपी) विनीत गोयल के खिलाफ दायर मामले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। पीठ ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया में है। वहां इस मामले में क्या होता है, यह देखने की आवश्यकता है।सीबीआई ने वरिष्ठ सरकारी डॉक्टर से की पूछताछ इस बीच, सीबीआई ने आरजी कर मामले में जांच के क्रम में बुधवार को वरिष्ठ सरकारी डॉक्टर से पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक-सह-उप-प्रिंसिपल (एमएसवीपी) डॉ. अंजन अधिकारी से साल्ट लेक में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय में पूछताछ की गई।अधिकारियों ने यह भी बताया कि सीबीआई अधिकारियों को टीएमसी विधायक सुदीप्तो रॉय की कॉल सूची में डॉ अंजन का फोन नंबर मिलने के बाद पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सीबीआई अधिकारी ने कहा कि उनसे सुदीप्तो रॉय के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछा गया और वे किस विषय पर बात करते थे। पूछताछ के बाद रात करीब सवा नौ बजे वे सीबीआई कार्यालय से बाहर निकले। तब उन्होंने कहा कि आरजी कर अस्पताल मामले के बारे में उनसे कोई विशेष सवाल नहीं पूछा गया।इस बीच, एक अदालत ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के सिलसिले में गिरफ्तार 44 लोगों की जेल हिरासत 24 सितंबर तक बढ़ा दी।