स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सीमाओं पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश

आशंका है भीड़भाड़ वाली जगहों और महत्वपूर्ण स्थलों को आतंकी बना सकते हैं निशाना

बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा: स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर सहित सभी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि हाल के दिनों में वहां आतंकी घुसपैठ की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। जम्मू क्षेत्र में हाल में हुए हमलों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बढ़ाई गई है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इस्लामिक स्टेट (ISIS), लश्कर-ए-तैयबा, TRF और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को हर तरह से समर्थन दे रही है, और उन्हें हमले के लिए उकसा रही है। कठुआ, डोडा, उधमपुर, पुंछ और राजौरी जैसे इलाकों में हाल के हमलों को देखते हुए चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं। आशंका है कि भीड़भाड़ वाली जगहों और महत्वपूर्ण स्थलों को आतंकी निशाना बना सकते हैं। दिल्ली हमेशा से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के लिए प्राथमिक लक्ष्य रही है, और पाकिस्तान ड्रोन के जरिए जम्मू और पुंछ में हथियार भेज रहा है। दिल्ली एयरपोर्ट और सीमाओं पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, क्योंकि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से झंडा फहराते हैं, और इस दौरान वीआईपी लोग लंबे समय तक खुले में रहते हैं। इसलिए सुरक्षा पहले से ही अलर्ट मोड पर है। इधर उन्होंने कहा, “हमारे लोगों पर सीमा पर हमले होते हैं और बीजीबी को फ्लैग मीटिंग के लिए विवश किया जाता है। मैंने बीजीबी को कड़े निर्देश दिए हैं कि वो पीठ दिखाकर ना भागें। उन्होंने यह बात मंगलवार को सुबह 11:45 बजे पिलखाना स्थित बीजीबी मुख्यालय स्थित बीजीबी अस्पताल में इलाज करा रहे बीजीबी सदस्यों से मिलने के बाद पत्रकारों से कही। गृह मंत्रालय के सलाहकार ने कहा, “सीमा पर हमारे लोगों पर हमला किया जाता है और बीजीबी को फ्लैग मीटिंग के लिए मजबूर किया जाता है. वे हमारे क्षेत्र में घुसते हैं, हमला करते हैं और फिर फ्लैग मीटिंग के बाद दावा करते हैं कि सब कुछ ठीक है. मैंने बीजीबी से कहा है कि वे अब अपनी बात से मुंह न मोड़ें. बहुत हो गया, अब और नहीं। उन्होंने आगे कहा, “बीजीबी जैसी ताकत को एक राक्षसी ताकत में बदल दिया गया है. न केवल बीजीबी, बल्कि पुलिस, आरएबी और अंसार को भी राक्षस में घातक बना दिया गया है. हालांकि, ये निजी ताकतें नहीं हैं; वे राष्ट्रीय ताकतें हैं. जब तक मैं यहां हूं यह सुनिश्चित करूंगा कि न्याय बरकरार रहे।रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) एम सखावत हुसैन ने यह भी कहा, “ये ताकतें फासीवादी पार्टी के फासीवादी प्रचार से भ्रष्ट हो गई हैं, जिसके कारण बीजीबी को सीमा पर अपनी पीठ दिखानी पड़ी. हालांकि, बीजीबी को सीमा की रक्षा करनी चाहिए और इंशाल्लाह, यह होगा… बीजीबी पीठ दिखाए… ऐसा दोबारा कभी नहीं होने दिया जाएगा। भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जिसमें भारत की तरफ बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) और बांग्लादेश की तरफ बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) अपनी-अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात रहते हैं. कई स्थानों पर ओपन बॉर्डर होने की वजह से कभी-कभी विवाद की स्थिति भी बन जाती है, जिसे बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाता है. बांग्लादेश की सीमा भारत में पश्चिम बंगाल (2,217 किलोमीटर), त्रिपुरा (856 किलोमीटर), मेघालय (443 किलोमीटर), असम (262 किलोमीटर) और मिजोरम (318 किलोमीटर) तक फैली है।

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