आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तुरंत केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाए : शुभेंदु अधिकारी
अशोक झा, कोलकाता: एक प्रशिक्षु महिला की हत्या का मामला अब राजनीतिक रुख ले लिया है। भाजपा नेता अधिकारी ने केंद्रीय गृह सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा कि पुलिस का कर्तव्य था कि वह अपराध स्थल की सुरक्षा करे, साथ ही अस्पताल के कर्मियों और वहां इलाज करा रहे मरीजों को भी सुरक्षा प्रदान करे लेकिन वे इसमें “बुरी तरह विफल” रहे। उन्होंने कहा, “…अपनी अक्षमता के कारण, मासूम लोगों की रक्षा करने के बजाय, वे खुद शौचालयों में बंद हो गए जिससे पूरा अस्पताल दंगाइयों के लिए खुल गया।” उन्होंने आरोप लगाया, “इसके अलावा, जब भीड़ ने तोड़फोड़ कर ली तब दिखावे के लिए पुलिस कर्मी आंसू गैस के गोले छोड़ने लगे, जो इस बात की पुष्टि करता है कि पुलिस अधिकारी दंगाइयों के साथ मिले हुए थे और कार्रवाई का दिखावा करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। कोलकाता पुलिस और उसके आयुक्त की भूमिका संदिग्ध है।” शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि सुबह जिस तरह से तोड़फोड़ की गई, उससे साफ पता चलता है कि यह सुनियोजित थी। उन्होंने कहा, “इसे देखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तुरंत केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाए ताकि महत्वपूर्ण साक्ष्यों की सुरक्षा की जा सके और सीबीआई द्वारा उचित जांच की जा सके…।” उधर तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि अस्पताल में तोड़फोड़ भाजपा और माकपा द्वारा रची गई साजिश थी। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया, “सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली है और राज्य ने एजेंसी को पूरा सहयोग दिया है। शुभेंदु जैसे भाजपा नेता नाजुक हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। वे हर चुनाव में बंगाल की जनता द्वारा नकारे जाने के बाद हताश हैं।