मवेशी तस्करों के खिलाफ बीएसएफ ने खोला मोर्चा, फायरिंग कर भगाया तस्करों को

सिलीगुड़ी: बाग्लादेशी मवेशी तस्करों के दल ने बंगाल के मालदा जिले में दक्षिण बंगाल सीमांत के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ की सीमा चौकी जेजेपुर इलाके में लगातार दूसरे दिन जवानों पर जानलेवा हमला कर मवेशी तस्करी करने की कोशिश की। हालांकि बहादुरी से जवानों ने मुहतोड़ जवाब देते हुए तस्करी के प्रयास को विफल कर बांग्लादेशी तस्करों को वापस खदेड़ दिया दो धारदार दाह और टॉर्च जब्त: बीएसएफ ने एक बयान में बताया कि यह घटना क्षेत्रीय मुख्यालय मालदा के अधिकार क्षेत्र में मध्यरात्रि के समय घटी। इस दौरान जवानों ने आत्मरक्षा में गोली भी चलाई, जिसके बाद तस्कर भाग खड़े हुए। मौके से बीएसएफ ने एक मवेशी सहित दो धारदार दाह और टॉर्च जब्त किया है। अधिकारियों ने बताया कि सीमा चौकी जेजे पुर एडहाक बटालियन एसबी-2 (अरधपुर), के जवानों ने 20/21 जून की मध्यरात्रि में ड्यूटी के दौरान चार मवेशियों के साथ तीन से चार बांग्लादेशी तस्करों की संदिग्ध गतिविधि देखी। जवान तुरंत दौड़े और रुकने के लिए चुनौती दी लेकिन तस्करों ने कोई ध्यान नहीं दिया और सीमा रेखा की तरफ बढ़ते रहे।
हमला कर हथियार छीनने की कोशिश की: इसी बीच तेज धार वाले दाह से लैस तस्करों ने आक्रामक रुख अपनाने हुए जवान पर हमला कर हथियार छीनने की कोशिश की। अपनी जान को खतरा देख जवान ने एक राउंड फायर किया। इसके बाद घबराकर सभी तस्कर घने अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। आसपास के जवानों के घटनास्थल पर पहुंचने पर इलाके की गहन तलाशी ली गई तो एक मवेशी सहित दो दाह बरामद हुए।
अन्य घटना में एडहाक बटालियन एसबी-1 की दूसरी सीमा चौकी एचसी पुर के जवानों पर भी हमला कर बांग्लादेशी तस्करों ने बलपूवर्क मवेशी तस्करी की कोशिश की। हालांकि जवानों ने तस्करों के मंसूबे को विफल कर दिया। जवानों द्वारा फायरिंग के बाद तस्कर वापस बांग्लादेश भाग गए। बीएसएफ ने बीजीबी से दर्ज कराया विरोध: बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी एके आर्य ने बताया कि इन घटनाओं के बाद बार्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ फ्लैग मीटिंग कर बांग्लादेशी तस्करों द्वारा बिना उकसावे के किए गए जानलेवा हमले पर ज़ोरदार विरोध दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया कि हर रोज दक्षिण बंगाल सीमांत के जिम्मेवारी के क्षेत्र में ऐसे तीन से चार हमले की घटनाएं हो रही है, जिसमें कई बार जवान गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। रिपोर्ट अशोक झा

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