रहस्यमयी मौत के कई राज छुपे है आरजी कर मेडिकल कॉलेज में, सीबीआई जांच में खुल सकते है इसके बंद पर्दे

अशोक झा, कोलकाता: आखिर कब तक औरतों को अपने हक के लिए इस दुनिया से लड़ना पड़ेगा। कब तक बेटियां ‘निर्भया’ बनती रहेंगी और कब तक बेटियों को नोंचने वाले दरिंदे खुलेआम घूमते रहेंगे।
कोलकाता पुलिस ने इस घटना में आरोपी के तौर पर संजय रॉय नाम के सिविक वालंटियर को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, मृतक के परिजनों समेत कई लोगों का मानना है कि इसके पीछे कुछ और साजिश हैं। आरोप ये भी लग रहे हैं कि प्रशासन इन्हें छुपाने की कोशिश कर रहा है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सीबीआई ने रेप-मर्डर मामले की जांच शुरू की है।हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ऐसी रहस्यमयी मौत हुई है। इससे पहले भी मेडिकल कॉलेज ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं। कभी छात्रों की, कभी प्रोफेसरों की, कभी हाउस स्टाफ की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। अस्पताल में अश्लीलता का धंधा चलने का आरोप लगा है। ऐसी घटनाओं को लेकर इस मेडिकल कॉलेज का करीब 23 साल पुराना लंबा इतिहास है। यहां तक कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पोर्नोग्राफी होने तक के आरोप लगे हैं। लेकिन कभी भी पुलिस ने पूरी शिद्दत के साथ मामले की जांच-पड़ताल नहीं की। ट्रेनी डॉक्टर के केस को जोड़ लें तो तब से कुल छह ऐसी घटनाएं यहां पर हो चुकी हैं। इन घटनाओं की गुत्थी हत्या और आत्महत्या के बीच झूलती रही है।
कभी ड्रग्स रैकेट तो कभी अश्लील काम किये जाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। अब ट्रेनी छात्रा की मौत के बाद अब फिर से आरजी कर अस्पताल सवालों के घेरे में है।आइए जानते हैं कि इसके पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पहले कौन-कौन से घटनाएं घटी हैं, जिसे लेकर बवाल मचा था। उनमें से ज्यादातर मौत के मामलों पर अभी भी रहस्य का पर्दा पड़ा हुआ है।
2001 में हॉस्टल में मिला था सौमित्र का शव: 25 अगस्त 2001 को सौमित्र बिस्वास नाम के चौथे वर्ष के छात्र का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के कमरे में लटका हुआ पाया गया था। डॉक्टर की मृत छात्रा की तरह ही अस्पताल के अधिकारियों ने तुरंत उस घटना को आत्महत्या करार दिया था। लेकिन पीड़ित परिवार और मृत छात्र के साथियों ने मौत पर संदेह जताया।
कोलकाता रेप केस और सीबीआई: सौमित्र की मां और उनके कुछ सहपाठियों ने आरोप लगाया कि कॉलेज हॉस्टल में सेक्स का रैकेट चल रहा है। होस्टल के कमरे में अश्लील फिल्म फिल्माया गया था। वहां कई अश्लील काम किये जाने के आरोप लगे थे। कई छात्रों ने दावा किया था कि सौमित्र इन काली गतिविधियों का पर्दाफाश करना चाहता था। इसी कारण उसे मार डाला गया था। पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन मामला जब कोर्ट तक पहुंचा तो कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीआईडी जांच का आदेश दिया। सौमित्र की सहपाठी अरोमिता दास और अमित बाला को गिरफ्तार किया गया, हालांकि, मामला अभी तक अनसुलझा है। सौमित्र की मौत पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। 2003 में हाउस स्टॉफ ने किया सुसाइड: 5 फरवरी 2003 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के हाउस स्टॉफ अरिजीत दत्ता ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया था कि अरिजीत ने पहले अपने हाथ में एनेस्थीसिया दिया। उससे हाथ में लकवा मार गया था। फिर ब्लेड से अपने हाथ की नस काट ली। फिर मेन हॉस्टल की छत से नीचे कूद कर जान दे दी। शव के पास सर्जिकल चाकू भी बरामद किया गया था।
महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत पर बवाल: यह सरस्वती पूजा से एक दिन पहले की घटना थी। बीरभूम के शिउरी के इस 24 वर्षीय युवक की मौत को लेकर भी सवाल उठे थे, क्योंकि पुलिस को कोई सुसाइड नोट या ऐसी कोई वजह नहीं मिली कि अरिजीत ने आत्महत्या क्यों की? अरिजीत बहुत ही काम बात करता था। पुलिस ने तहकीकात के बाद बताया कि इसके पीछे असफल प्रेम की घटना हो सकती है। लेकिन निश्चित रूप से कुछ निष्कर्ष नहीं निकला और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
चौथे वर्ष के छात्र ने की आत्महत्या की कोशिश: अरिजीत के कुछ ही दिन बाद ही मेडिकल कॉलेज के चौथे वर्ष के छात्र प्रवीण गुप्ता ने 16 फरवरी, 2003 को आत्महत्या का प्रयास किया। हरियाणा के रहने वाला प्रवीण मानिकतला के लाल मोहन हॉस्टल में रहता था। देर रात उसने अपने दोनों हाथों की कलाई की नसें काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। हालांकि सौभाग्य से वह बच गया। एमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस जांचकर्ताओं ने बताया था कि उसने एक प्रेमिका को संबोधित करते हुए एक सुसाइड नोट लिखा था। प्यार में असफल होने के बाद वह अवसादग्रस्त था और इसलिए उसने आत्महत्या करने की कोशिश की। हालांकि, उनके सहपाठियों और रूम-मेट्स के अनुसार, प्रवीण गुप्ता बिल्कुल भी अवसाद से पीड़ित नहीं थे. वे सोच भी नहीं सकते कि वह आत्महत्या करने की कोशिश कर सकता है।प्रवीण गुप्ता के पिता ने बताया था कि उनका बेटा किसी बात को लेकर परेशान था. हालांकि, प्रवीण को किस बात की चिंता थी, यह उन्होंने कभी सार्वजनिक नहीं किया. इससे यह रहस्य रहस्य ही बना रह गया।
2016 में कॉलेज के प्रोफेसर का मिला शव: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मेडिसिन के प्रोफेसर थे, गौतम पाल. 24 अक्टूबर 2016 को 52 वर्षीय डॉक्टर का शव दक्षिण दमदम में उनके किराए के घर से बरामद किया गया था। बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी. दरवाजा तोड़ने के बाद पुलिस ने उन्हें पहली मंजिल पर एक कमरे में बिस्तर पर मृत पाया. कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर के विरोध में प्रदर्शन: पुलिस ने अनुमान लगाया कि अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई होगी। हालांकि, वे मौत के कारण की पुष्टि नहीं कर सके। चूंकि दरवाजा अंदर से बंद था, इसलिए पुलिस ने किसी भी बाहरी संलिप्तता से इनकार किया. यह पता लगाने के लिए कि क्या उसे जहर दिया गया था, गौतम पाल के पेट की सामग्री भी संरक्षित की गई थी. जांचकर्ताओं को उसके कमरे के फर्श पर खून के धब्बे और चेहरे पर कुछ चोट के निशान भी मिले थे, लेकिन उनकी मौत को लेकर रहस्य अभी भी बना हुआ है। 2020 में ट्रेनी डॉक्टर ने कर ली थी आत्महत्या: उस वक्त कोविड-19 महामारी चल रही थी. स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की महिला डॉक्टर पॉलमी साहा की दुखद मृत्यु हो गई. पॉलमी ने आरजी कर अस्पताल की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. दोस्तों और सहकर्मियों ने कहा कि शायद वह डिप्रेशन की शिकार थी. वह काफी समय से कोविड-19 क्लिनिक में काम कर रही थी. पुलिस ने कहा कि उसने 1 मई को सुबह 11 बजे, अपनी शिफ्ट शुरू होने से ठीक पहले छठी मंजिल से छलांग लगा दी। हालांकि इस मामले में कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला. पॉलमी की मौत को लेकर कई सवाल भी उठे। जिनका जवाब आज तक नहीं दिया गया है। मामले की जांच के बाद कोलकाता पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और हर कोई दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग कर रहा हैं।इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। देश भर के डॉक्टर, छात्र संगठन और राजनेता, मृत डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। सभी क्षेत्रों के लोग अपने तीखे विचार व्यक्त कर रहे हैं और संबंधित अधिकारियों से देश में डॉक्टरों की सुरक्षा पर ध्यान देने का अनुरोध कर रहे हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद चिकित्सा जगत और आम जनता सरकार से जवाब मांग रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशव्यापी हड़ताल की है, जिससे चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। आइए टाइमलाइन में जानते हैं सिलसिलेवार पूरी घटना। अब तक क्या क्या हुआ?: 9 अगस्त, 2024: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की 31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव बरामद हुआ। अस्पताल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में शव को देखकर सभी के होश उड गए। मृतका के चेहरे पर चोटों के निशान थे। शव की हालत दुष्कर्म के बाद हत्या की ओर इशारा कर रही थी। 10 अगस्त, 2024: डॉक्टर दुष्कर्म-हत्या मामले में पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न के बाद हत्या की पुष्टि हुई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने तत्काल कार्रवाई की मांग की।
11 अगस्त, 2024: पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधीक्षक को अस्पताल परिसर के अंदर एक महिला पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के कथित दोषों के चलते स्थानांतरित कर दिया। 12 अगस्त, 2024: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल प्रोफेसर (डॉ) संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने विरोध स्वरूप देशभर में वैकल्पिक सेवाएं बंद करने की घोषणा की। 13 अगस्त, 2024: देशभर के डॉक्टरों ने एकजुट होकर कार्रवाई की मांग की और विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पाया कि कोलकाता के आरजी मेडिकल कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या “बहुत जघन्य” थी, इसलिए आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को लंबी छुट्टी लेने का आदेश दिया गया। डॉक्टरों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के कारण देशभर में अस्पताल सेवाएं प्रभावित हुईं। 14 अगस्त, 2024: सीबीआई ने आरोपी को हिरासत में लिया और जांच शुरू की।
15 अगस्त, 2024: अज्ञात लोगों के एक बड़े समूह ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में घुसकर आपातकालीन विभाग और नर्सिंग स्टेशन में तोड़फोड़ की। आईएमए ने घोषणा की है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में, साथ ही साथ “स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर की गई गुंडागर्दी” के विरोध में 17 अगस्त को 24 घंटे के लिए देश भर में सेवाएं बंद रहेंगी। 17 अगस्त, 2024: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरवी असोकन ने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में प्रधानमंत्री मोदी से ‘हस्तक्षेप’ करने की मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के लिए ‘सही समय’ है। असोकन ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। उनके हस्तक्षेप का सही समय है। कोलकाता में महिला ट्रेनी चिकित्सक के साथ घटना के बाद बंगाल में कुल 42 डॉक्टरों का ट्रांसफर किया गया।
ममता सरकार के लिए सिर का दर्द बना केस! 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक ट्रेनी डॉक्टर की कथित दुष्कर्म के बाद मौत का मामला बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। इस घटना ने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के बाद छात्रों और डॉक्टरों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया। विपक्षी पार्टियों ने भी इस मुद्दे को उठाकर ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की, जिससे राजनीतिक तनाव और बढ़ गया। 17 अगस्त को एक साथ 42 डॉक्टरों का ट्रांसफर इसका सटीक उदाहरण है। मामले की संवेदनशीलता और जनता की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए सरकार पर इस घटना की निष्पक्ष और तेजी से जांच कराने का दबाव है। इसके अलावा, इस घटना ने राज्य में महिला सुरक्षा के मुद्दे को भी फिर से उजागर किया है, जिससे सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा है। इन सबके कारण, यह मामला ममता सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिसे संभालने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। डॉक्टर की मौत बनी सियासत का मुद्दा!: एम्स के डॉक्टरों ने स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाने का प्रधानमंत्री से किया आग्रह। पंजाब के आप नेताओं ने अस्पतालों का दौरा किया और डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अलग कानून बनाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा।
फुटबॉल प्रतिद्वंद्वी ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के प्रशंसक कोलकाता में हुई घटना के विरोध में एकजुट हुए।
डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहने के कारण गोवा के अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं ठप। कोलकाता पुलिस ने टीएमसी सांसद को समन जारी किया, उन्होंने पुलिस आयुक्त से सीबीआई पूछताछ की मांग की। NCW ने किया हस्तक्षेप: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने आरोप लगाया है कि RG मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जिस जगह पर 31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की गई थी, वहां अचानक जीर्णोद्धार किया गया। सुरक्षा में चूक और संभावित रूप से सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना। NCW ने भी सुरक्षा में चूक की सूचना दी। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है और कहा है कि यह संघों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के जवाब में स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों की सिफारिश करने के लिए एक समिति बनाएगा।
मुर्शिदाबाद के हॉस्टल में मिला फार्मेसी स्टूडेंट का शव: अभी देश आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या से उभरा भी नहीं था, कि मुर्शिदाबाद के हॉस्टल में फार्मेसी स्टूडेंट का शव बरामद हुआ। दावा किया जा रहा है कि छात्र की हत्या करके उसके शव को हास्टल में लटका दिया गया था।…हत्या के पीछे यह थी वजह?: इस बीच ट्रेनी डॉक्टर के उत्पीड़न और हत्या मामले से संबंधित वायरल हुए ऑडियो ने केस को और भी उलझा दिया। जिसमें एक महिला डॉक्टर ने दावा कि ट्रेनी के साथ मारपीट, फिर दुष्कर्म और हत्या की गई। जिसमें एक लड़की भी शामिल थी। साथ ही कथित तौर पर इस हत्याकांड का कॉलेज के प्रिंसिपल, एक वरिष्ठ डॉक्टर और संबंधित विभाग के प्रमुख को साजिशकर्ता बताया गया।
ऑडियों में यह बात भी सामने आई कि ट्रेनी डॉक्टरों को थीसिस जमा करने के लिए परेशान किया जाता था। केस की गुत्थी में उलझी एक चौकाने वाली लड़ी खुली, जिसमें आरोप लगाया गया कि पश्चिम बंगाल के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रिंसिपल और विभागाध्यक्ष विभिन्न बहाने बनाकर छात्रों से पैसे वसूलते हैं।
वे छात्रों को धमकी देते हैं कि अगर वे पैसे नहीं देते हैं तो वे थीसिस जमा नहीं करेंगे, इंटर्न के पूरा होने के प्रमाण पत्र नहीं देंगे और मेडिकल पंजीकरण नहीं कराएंगे। जिसकी भनक मृतका को लगी और उसने शिकायत की ठानी। जिसके बाद उसके साथ ऐसी घटना घटी।

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