हर उलझे मामले को सुलझाने वाली सबसे तेजतर्रार एसीपी सीमा पाहुजा को बुलाया
अब नही बच पाएगा गुनहगार, जहां नहीं कोई सुराग वही से निकलती है समाधान
अशोक झा, कोलकोता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद इसकी जांच को लेकर लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। इसको लेकर लगातार आंदोलन जारी है। इस बीच ट्रेनी डॉक्टर के रेप एंड मर्डर की जांच के लिए सीबीआई की सबसे तेजतर्रार अधिकारी एसीपी सीमा पाहुजा को बुलाया गया है।
इस घटना की गुत्थी को सुलझाने के लिए सीबीआई ने सीमा पाहुजा को नियुक्त किया है। बता दें कि ये वही सीमा पाहुजा हैं जो अपराधों की गुत्थी को चुटकियों में सुलझा देती हैं। इससे पहले उन्होंने शिमला की गुड़िया के रेप और मर्डर की गुत्थी को सुलझाने के लिए पहली बार सबसे अलग तरह की साइंटिफिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था। हाथरस गैंगरेप मामला भी सुलझाया। सीबीआई की सबसे तेजतर्रार अधिकारी ASP सीमा पाहुजा ने हाथरस केस को भी साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर अंजाम तक पहुंचाया था। एडिशनल एसपी सीमा पाहुजा को 2007 से 2018 के बीच बेहतरीन जांच के लिए दो बार गोल्ड मेडल भी मिल चुका है। कौन हैं सीमा पाहुजा?: गाजियाबाद की सीबीआई यूनिट में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACP) में डीएसपी पद पर तैनात हैं सीमा पाहुजा। तेज तर्रार महिला अधिकारी को बेहतर काम के लिए मिल चुके हैं कई सम्मान जिनमें पुलिस पदक भी हैं शामिल। कई वर्षों तक सीबीआई की स्पेशल क्राइम यूनिट-1 में दे चुकी हैं अपनी सेवाएं। हाथरस गैंगरेप मामले की जांच कर रही 15 सदस्यीय टीम में शामिल रही थीं सीमा पाहुजा
छवि सख्त और ईमानदार होने की वजह से ऐसे मामले सौंपे जाते हैं जो बेहद पेचीदा हों। राजनीतिक दखल की आशंका वाले मामलों की कमान भी सीमा पाहुजा को ही सौंपी जाती है। हिमाचल प्रदेश का चर्चित गुड़िया मामला और हाथरस मामले को सुलझाने के बाद चर्चा में आईं। सीमा पाहुजा के जांच टीम में शामिल होने से उम्मीद लगने लगी है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल और अस्पताल का ये मामला भी जल्द ही सुलझ जाएगा। वहीं सीबीआई की एक टीम कॉलेज के अलग-अलग कोनों की जांच में जुटी हुई है। पूरे देश में कोलकाता रेप-मर्डर मामले को लेकर आक्रोश व्याप्त है। इसे लेकर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब उनका साथ देने के लिए वकील भी सड़क पर उतर आए हैं। सीबीआई सूत्रों की मानें तो 50 मिनट तक पुलिस को जानकारी ही नहीं दी गई। माता-पिता को भी काफी लेट बताया गया लेकिन सूचना मिलने पर जब पुलिस पहुंची, तो वो भी काफी जल्दबाजी में नजर आई। यहां तक कि शव लेकर जब श्मशान घाट पहुंची, तो वहीं भी कहा, पहले इसका अंतिम संस्कार करो। ये देखकर श्मशान घाट पर मौजूद स्टाफ काफी हैरान था। बातचीत में इन लोगों ने उस वक्त का एक-एक सीन बताया है। जूनियर डॉक्टर के शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए पुलिस कोलकाता के पानी हाटी श्मशान घाट पहुंची थी। श्मशान के स्टाफ राजू ने बताया कि उसका कान कटा हुआ था और चेहरे पर गंभीर चोट के निशान थे। केयर टेकर भोलानाथ ने जो कुछ बताया, वो हैरान करने वाला था। कहा, उस रात जब शव आया तो उसके साथ भारी पुलिस फोर्स भी था। उस इलाके के काउंसलर भी साथ आए थे। साथ में परिवार के लोग भी थे। लेकिन उस समय हमारे पास 2 और डेड बॉडी रखी हुई थी। लेकिन पहुंचते ही पुलिस ने कहा, सब रोको पहले इस लड़की का अंतिम संस्कार करना है। इसलिए सबने मिलकर पहले उस लड़की का अंतिम संस्कार किया। तब न तो परिवार के किसी शख्स ने हमें घटना के बारे में कुछ बताया और न ही बाद में इसका कोई जिक्र हुआ। पुलिस कानून व्यवस्था का हवाला दे रही थी। शायद इसलिए हमें जल्दी अंतिम संस्कार करने को कहा होगा। बॉडी डीकम्पोज न हो जाए, इसका भी डर था।
सीबीआई को शक-कुछ तो छिपाया जा रहा: सीबीआई की टीम को भी शक है कि कहीं न कहीं कुछ छिपाया जा रहा है। इसलिए लगातार चौथे दिन आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंंसिपल डॉ. संदीप घोष से पूछताछ की जा रही है। 10 से 12 घंटे तक रोजाना उनसे सवाल किए जा रहे हैं। पूछा जा रहा है कि आखिर पुलिस को बताने में इतनी देर क्यों हुई। जहां पर हत्या की गई, वहां रेनोवेशन का काम तुरंत क्यों शुरू किया गया। संजय रॉय की बातों पर यकीन नहीं:उधर, मुख्य आरोपी संजय रॉय के बयानों में भी विरोधाभास नजर आ रहा है। पूछताछ में सीबीआई को लग रहा है कि संजय रॉय जरूर कुछ सच छुपा रहा है, इसलिए अब उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का फैसला लिया गया है। हाईकोर्ट से इसकी मंजूरी भी मिल चुकी है. संजय रॉय ने हत्या की बात कबूल कर ली है, लेकिन सीबीआई को अभी भी उसकी बात पर यकीन नहीं हो रहा है।