फातिमा हॉस्पिटल का अजब-गजब कारनामा का हुआ खुलासा सर्जन कोई और ऑपरेशन किसी और ने कर दिया
फातिमा हॉस्पिटल का अजब-गजब कारनामा का हुआ खुलासा सर्जन कोई और ऑपरेशन किसी और ने कर दिया

उप्र बस्ती शहर के कटरा-पतेलवा स्थित फातिमा हॉस्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर में गर्भवती की बच्चेदानी निकाल देने के मामले में अस्पताल का नया मामले सामने आया है। यहां जिस सर्जन की डिग्री लगी हुई है, उसके स्थान दूसरे डॉक्टर ने महिला का ऑपरेशन कर देने का मामला सामने आया है। इसको लेकर जांच फिर से उलझ गई है।
सीएमओ कार्यालय के अनुसार अस्पताल के संचालक की ओर से दिए गए जवाब में स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। जिस सर्जन डॉ. महबूब आलम का ऑपरेशन करने का उल्लेख है वह अस्पताल के नहीं हैं। ऐसे में सीएमओ ने पुन संचालक शाहिद से यह जवाब मांगा है कि क्या डॉ. महबूब आलम महिला के ऑपरेशन के लिए योग्य हैं, यह स्पष्ट कर जवाब दें। किन परिस्थतियों में ऐसा किया गया। पीड़ित के बयान के अनुसार क्या अनुपालन हुआ था कि नहीं। इन सभी बिंदुओं पर पुन जवाब मांगा गया है। बता दें कि गुरुवार को टीम ने पटल सहायक अरुण शाही के साथ जांच करने अस्पताल पहुंची थी। कोई चिकित्सक मौके पर नहीं पाया गया था। डिप्टी सीएमओ डॉ. रणजीत सिंह ने बताया कि 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट कलेक्ट की गई थी। मौके पर कोई चिकित्सक नहीं पाया गया, हॉस्पिटल खुला था। वहीं गायनी डॉ. प्रीति त्रिपाठी के भी सवाल का जवाब ठीक ढंग से संचालक और मौजूद डॉक्टर नहीं दे सके थे। ऐसे में अभी जांच उलझी हुई है।
यह है प्रकरण गनेशपुर के मेवालाल ने सीएमओ को पत्र देकर कहा था कि पत्नी रीता को आशा कार्यकर्ता की सलाह पर फातिमा हॉस्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर ले गए थे। आरोप है कि वहां डॉक्टर ने ऑपरेशन कर मृत बच्चे को बाहर तो निकाला, साथ ही बच्चेदानी भी निकाल दिए। जब उन्हें जानकारी हुई तो वह सीएमओ से शिकायत किए। इस पर सीएमओ ने 17 अगस्त को डिप्टी सीएमओ डॉ. रणजीत सिंह, जनरल सर्जन डॉ. सुनील तिवारी और स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति त्रिपाठी की टीम गठित कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी
सीएमओ कार्यालय के अनुसार अस्पताल के संचालक की ओर से दिए गए जवाब में स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। जिस सर्जन डॉ. महबूब आलम का ऑपरेशन करने का उल्लेख है वह अस्पताल के नहीं हैं। ऐसे में सीएमओ ने पुन संचालक शाहिद से यह जवाब मांगा है कि क्या डॉ. महबूब आलम महिला के ऑपरेशन के लिए योग्य हैं, यह स्पष्ट कर जवाब दें। किन परिस्थतियों में ऐसा किया गया। पीड़ित के बयान के अनुसार क्या अनुपालन हुआ था कि नहीं। इन सभी बिंदुओं पर पुन जवाब मांगा गया है। बता दें कि गुरुवार को टीम ने पटल सहायक अरुण शाही के साथ जांच करने अस्पताल पहुंची थी। कोई चिकित्सक मौके पर नहीं पाया गया था। डिप्टी सीएमओ डॉ. रणजीत सिंह ने बताया कि 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट कलेक्ट की गई थी। मौके पर कोई चिकित्सक नहीं पाया गया, हॉस्पिटल खुला था। वहीं गायनी डॉ. प्रीति त्रिपाठी के भी सवाल का जवाब ठीक ढंग से संचालक और मौजूद डॉक्टर नहीं दे सके थे। ऐसे में अभी जांच उलझी हुई है।
यह है प्रकरण गनेशपुर के मेवालाल ने सीएमओ को पत्र देकर कहा था कि पत्नी रीता को आशा कार्यकर्ता की सलाह पर फातिमा हॉस्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर ले गए थे। आरोप है कि वहां डॉक्टर ने ऑपरेशन कर मृत बच्चे को बाहर तो निकाला, साथ ही बच्चेदानी भी निकाल दिए। जब उन्हें जानकारी हुई तो वह सीएमओ से शिकायत किए। इस पर सीएमओ ने 17 अगस्त को डिप्टी सीएमओ डॉ. रणजीत सिंह, जनरल सर्जन डॉ. सुनील तिवारी और स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति त्रिपाठी की टीम गठित कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी