देश की एकता व अखंडता को मजबूत करने के लिए हिंदुओं का संगठित होना जरूरी: सदानंद महाराज
अशोक झा, सिलीगुड़ी:
विश्व हिंदू परिषद की स्थापना के 60 वर्ष पूर्ण करते हुए सभी कार्यकर्ताओं से राष्ट्र, धर्म और संस्कृति के लिए काम करने की अपील करते हुए नगर कीर्तन शोभायात्रा निकाली। आज स्थापना दिवस कीर्तन और प्रसाद वितरण किया जाएगा। नगर कीर्तन शोभायात्रा को संत सदानंद जी महाराज ने मंगलाचरण के श्रीफल देकर रवाना किया। उन्होंने कहा की देश की एकता व अखंडता को मजबूत करने के लिए हिंदुओं का संगठित होना जरूरी है। हिंदू कभी अछूत नहीं होता है। हिंदू एक सभ्यता तथा जीवन शैली है जिसमें सम्पूर्ण मानवमात्र का कल्याण निहित है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व पूरे विश्व में मानवता के लिए पोषक सर्वोत्तम विचाराधारा है। सनातन धर्म में समस्त हिंदुओं को एक समान माना गया है। सामाजिक विभेद फैलाकर हिंदू समाज को कमजोर करने के कुचक्र से सावधान रहने की आवश्यकता है। संत शिरोमणी ने कहा कि जाति पाति पूछे नहीं कोई, हरि को भजे सो हरि का होइ। हिंदुओं में जातिवाद की मानसिकता से उपर उठकर सोचने वाले जागरूक व्यक्तियों को आगे आना चाहिए तभी देश की एकता अखण्ता मजबूत हो सकती है। कहा की सामाजिक सशक्तिकरण के लिए जरूरी है। हम दो हमारे चार को परिभाषित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा की देश में बहुमत को आपने आधार बनाया है। लोकतंत्र में तो यह बात भी बहुमत पर ही होगी 140 करोड़ में हम 100 करोड़ हैं। हिंदू 100 करोड़ है। तो हिंदू राष्ट्र शास्त्रों में है। घोषणा हो या ना हो। देश में अन्य धर्म के लोगों को लेकर उन्होंने कहा, हिंदू राष्ट्र का यह मतलब नहीं है कि दूसरा कोई यह रह नहीं सकता है। यहां इस देश में दूसरा कोई नहीं रह सकता ऐसा नहीं है। क्योंकि देश संविधान से चल रहा है। देश तो संविधान से चल रहा है। और संविधान सबको रहने की अनुमति देता है इसलिए वह रहते हैं। शोभायात्रा नगर कीर्तन में राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री हरिशंकर , वीएचपी के प्रांत सचिव लक्ष्मण बंसल, जिला उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता सुशील रामपुरिया, सत्संग प्रमुख पलव्व दे, सह सभापति मृणाल क्रांति सेन और मोहन अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, प्रांत कोषाध्यक्ष धीरेन सरकार, विश्व विहिप के संगठन मंत्री अनूप मंडल, सदस्य मोहन अग्रवाल, कृष्ण .अग्रवाल, मेजर अमलदा, अभाविप के प्रेमज्योति समेत काफी संख्या में सदस्य और समर्थक मौजूद थे। शोभायात्रा सफदर हाशमी चौक, सेवक मोड़, महात्मा गांधी मोड़ होते हुए वापस हिलकार्ट रोड, सेवक मोड़ से होकर श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर परिसर पहुंचकर समाप्त हुई। शोभायात्रा में भगवान श्री कृष्ण की झांकी, लड्डू गोपाल के दर्शन, राधा कृष्ण की बग्गी की सवारी समेत कई अन्य झांकियां निकाली गई थी। शोभायात्रा के बाद महाप्रसाद वितरण और भंडारे का भी आयोजन किया गया।