बंद को लेकर सिलीगुड़ी महकमा में जगह-जगह हिंसा, उत्तर बंगाल में जन जीवन अस्त- व्यस्त
अशोक झा, सिलीगुड़ी: भाजपा के 12 घंटे बंद के दौरान सिलीगुड़ी महकमा में जगह जगह झापड़ हो रही है। विधायक शंकर घोष लगातार बंद को लेकर सड़क पर है। टीएमसी की ओर से आरोप लगाया जा रहा है है बंद के दौरान भाजपा प्रदर्शनकारी
बंद के दिन सरकारी बस पर हमला किया है। आरोप है कि जुलूस की ओर से बस पर पथराव किया गया।घटना में बस का शीशा टूट गया। इसके बाद आठ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। बंगाल सरकार ने इस बंद को अवैध घोषित किया है, किन्तु इसके बाद भी बंद का प्रभाव सुबह से ही देखा जा रहा है। कोलकाता की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। सिलिगुड़ी सहित तमाम इलाकों में बंद का असर दिख रहा है। बीजेपी ने बंद का आयोजन नबन्ना मार्च के दौरान छात्रों के खिलाफ पुलिस एक्शन के चलते बुलाया है। बता दें कि बंद के दौरान पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन के साथ आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की जहां सीधे भिड़ंत हुई वहां लाठीचार्ज भी हुआ। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चिन्हित करके उनकी पहचान के लिए सोशल मीडिया पर पब्लिक से रिक्वेस्ट की है। इसी सब को देखते हुए बीजेपी ने बंगाल बंद बुलाया है। बीजेपी नेता अग्निमित्रा पाल ने सुबह-सुबह सड़कों पर उतरकर बंद की स्थिति का जायजा लिया तथा पुलिस पर आरोप लगाया कि वे निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है।मंगलवार को छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे एवं पानी की बौछार की, जिसे लेकर अग्निमित्रा पाल ने पुलिस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पानी में केमिकल मिलाकर हमला किया गया। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वे महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम हैं तथा जब महिलाएं प्रदर्शन करती हैं, तो उन पर बल का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। कोलकाता एवं उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में बंद का व्यापक प्रभाव देखा जा रहा है। कोलकाता में छात्रों के नबान्न (राज्य सचिवालय) अभियान को नाकाम करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे गए और पानी की बौछार की गई। बुधवार की सुबह सिलीगुड़ी में भी इस घटना के विरोध में बंद का असर देखा गया। कोलकाता की सड़कों पर बसें तो चल रही हैं, लेकिन उनमें यात्री नाममात्र के ही हैं।आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार एवं हत्या के विरोध में मंगलवार को पश्चिम बंगाल छात्र समाज ने नबान्न अभियान आरम्भ किया था। इस के चलते पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। कोलकाता और हावड़ा में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड पार करने की कोशिश की, जिससे बवाल मच गया। इन झड़पों के चलते कोलकाता में 26 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने लाठीचार्ज किया तथा आंसू गैस के गोले दागे, जिससे कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। कोलकाता के 11 थानों में 126 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि हावड़ा में 94 लोगों को गिरफ्तार किया गया। कुल मिलाकर 220 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया है। पश्चिम बंगाल छात्र समाज ने इस घटना के मद्देनजर सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए नबान्न अभियान चलाया था। बीजेपी ने पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे के बंगाल बंद का आह्वान किया है।