सिक्किम में विधानसभा की 32 में 31 सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने रच दिया इतिहास


अशोक झा, सिक्किम: बंगाल के पड़ोसी राज्य सिक्किम विधानसभा चुनाव 2024 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया है। विधानसभा की 32 में से 31 सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है।सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) प्रमुख और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग रेनॉक विधानसभा सीट से चुनाव जीत गये हैं।तमांग ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सोम नाथ पौड्याल को 7,044 मतों से हराया। विपक्षी एसडीएफ के प्रमुख और पांच बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे पवन कुमार चामलिंग दोनों सीट हार गये हैं. नामचेबुंग विधानसभा सीट पर एसकेएम के राजू बसनेत ने उन्हें 2,256 मतों से मात दी. बसनेत को 7,195 और चामलिंग को 4,939 वोट मिले. पोकलोक-कामरांग सीट पर एसकेएम के भोज राज राय ने उन्हें 3,063 मतों से हराया. राय को 8,037 मत और चामलिंग को 4,974 मत मिले। 2019 में मिली थीं 17 सीटें : मुख्यमंत्री तमांग रेनॉक और सोरेंग-चाकुंग विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों ही सीटों पर आगे चल रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया था कि सिक्किम के मतदाता पार्टी को एक और कार्यकाल देंगे। उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय नामची-सिंघीथांग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं।सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष पीएस गोले उर्फ प्रेम सिंह तमांग ने 2019 में 17 सीटें हासिल करके राज्य में 24 से अधिक साल तक सत्ता में रहने के बाद चामलिंग सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इस बार वह 32 में से 31 सीटों पर जीत हासिल करते नजर आ रहे हैं। 2013 में बनाई थी पार्टी: चामलिंग की अगुवाई वाले एसडीएफ के संस्थापक सदस्य रहे प्रेम सिंह तमांग ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर 2013 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाया था। उन्होंने एसडीएफ पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया था। गठन के अगले ही साल 2014 के विधानसभा चुनावों में एसकेएम ने 10 सीटें जीती थीं। कौन हैं प्रेम सिंह तमांग?: नेपाली भाषी माता-पिता कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के बेटे प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 में हुआ था। उन्होंने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया। तमांग ने समाज सेवा के लिए तीन साल की सेवा के बाद सरकारी नौकरी छोड़ दी और फिर एसडीएफ में शामिल हो गए।उनकी तीन दशक की राजनीतिक यात्रा काफी उतार चढ़ाव वाली रही है। वह 1994 से लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 2009 तक एसडीएफ सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया। एसडीएफ सरकार के चौथे कार्यकाल (2009-14) के दौरान चामलिंग ने उन्हें मंत्री पद देने से इनकार कर दिया। इसके बाद तमांग ने पार्टी छोड़ दी और अपना दल बनाया। उन्होंने एसडीएफ के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और एसकेएम प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभाली। 2016 में गए थे जेल: 2016 में तमांग को 1994 और 1999 के बीच सरकारी पैसे की हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था और बाद में विधानसभा में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। प्रेम सिंह तमांग राज्य के पहले ऐसे राजनेता थे जिन्हें सजा मिलने के बाद विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने सिक्किम हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती दी जिसने फैसले को बरकरार रखा जिसके कारण गोले को समर्पण करना पड़ा। 2018 में जब तमांग जेल से बाहर निकले तो उनके हजारों समर्थकों ने उनका स्वागत किया और अपने नेता के प्रति एकजुटता दिखाते हुए जुलूस निकाला।

एक मात्र विपक्ष के जीत के नेता जानें कौन हैं तेनजिंग नोरबू लाम्था: सिक्किम विधानसभा चुनाव में विपक्ष के जिस एक मात्र विधायक ने जीत दर्ज की है उनका नाम तेनजिंग नोरबू लाम्था है। तेनजिंग नोरबू लाम्था राज्य की श्यारी विधानसभा सीट से सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के टिकट पर चुनावी मैदान में थे। तेनजिंग ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के कुंगा नीमा लेप्चा को 1314 वोटों से मात दी है। बता दें कि लाम्था एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. अपने सामाजिक काम के चलते ही उन्होंने राज्य सरकार की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।लाम्था ने दिल्ली से की है पढ़ाई: 49 साल के तेनजिंग नोरबू लम्था ने दिल्ली से पढ़ाई की है. उनके पिता का नाम कुन्जांग नामग्याल लम्था मां का नाम देन लामु लम्था है. उनका परिवार गांव से जुड़ा है. उनके पिता काबी लुंगचोक गांव के रहने वाले थे, जबकि उनकी मां भुसुक गांव से थीं. तेनजिंग ने स्कूली शिक्षा के बाद दिल्ली स्थित पूसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया. जहां से उन्होंने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. साल 1992 में वह सिक्किम के रोड एंड ब्रिज डिपार्टमेंट में बतौर जूनियर इंजीनियर नियुक्त हुए थे।साल 2018 में छोड़ दी सरकारी नौकरी: सरकारी नौकरी के बीच तेनजिंग नोरबू लाम्था सामाज सेवा से जुड़ गए. उसके बाद साल 2018 में उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही वह सक्रिय राजनीति में आ गए. उन्होंने राजनीति की शुरुआत सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ की. पार्टी ने उन्हें साल 2024 के विधानसभा चुनाव में राज्य की श्यारी विधानसभा सीट से टिकट दिया. इस सीट से उन्होंने एसकेएम की प्रचंड आंधी के बाद भी जीत दर्ज की है. निर्वाचन आयोग में दायर चुनावी हलफनामे के अनुसार, तेनजिंग नोरबू लम्था की कुल घोषित संपत्ति 58.3 करोड़ रुपये है।जिसमें 1.2 करोड़ रुपये चल संपत्ति 57.1 करोड़ रुपये अचल संपत्ति भी शामिल है. चुनावी हलफनामे के मुताबिक, उनकी कुल घोषित आय 1.3 करोड़ रुपये है, जिसमें 1.3 करोड़ रुपये उनके खुद की है। वहीं उनपर कुल 23.2 करोड़ रुपये की देनदारी है. वहीं उनके ऊपर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। तेनजिंग की पत्नी डोमा लाडिंग्पा का निधन हो चुका है। उनका सिर्फ एक बेटा है जिसका नाम रिग्पीया वानचंक लाम्था है।

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