ममता की अपील का जूनियर डॉक्टर पर असर नहीं, काम पर नहीं लौटेंगे


अशोक झा, कोलकोता: पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील को बुधवार को खारिज कर दिया। राज्य के जूनियर डॉक्टर एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में पिछले 20 दिनों से काम बंद कर हड़ताल कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के एक सदस्य ने कहा कि जब तक आरजी कर अस्पताल की पीड़िता महिला डॉक्टर को न्याय मिलने समेत उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे। जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष को स्वास्थ्य सेवाओं से निलंबित करने तथा कोलकाता पुलिस आयुक्त के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की मांग की। डॉक्टरों के फोरम ने अपनी मांगों को लेकर कोलकाता के उत्तरी भाग में श्यामबाजार इलाके में एक रैली भी निकाली। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के सदस्य ने कहा, हमें यह जानकर खुशी हुई कि मुख्यमंत्री हमारे मुद्दे का समर्थन कर रही हैं। हम काम पर लौटना चाहते हैं लेकिन अभी यह संभव नहीं है क्योंकि हमारी मांगें तक पूरी नहीं हुई हैं। तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, मैं शुरू से ही डॉक्टरों के प्रति सहानुभूति रखती आ रही हूं, क्योंकि वे अपने सहयोगी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. हमने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि घटना को इतने दिन बीत चुके हैं. हम आपका दर्द समझते हैं. लेकिन, कृपया अब काम पर वापस लौट आइए, क्योंकि मरीज बेहद परेशान हैं. आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कॉलेजों में चुनाव, चिकित्सा सुविधाओं की सभी निर्णय लेने वाली समितियों में जूनियर डॉक्टरों और छात्रों की भागीदारी और कार्यस्थलों पर सुरक्षा उपायों की मांग की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बुधवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष की सदस्यता निलंबित कर दी। एसोसिएशन की कोलकाता शाखा के उपाध्यक्ष घोष की सदस्यता के निलंबन का फैसला आईएमए की अनुशासन समिति द्वारा लिया गया। आईएमए ने एक आदेश में कहा कि संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर.वी. अशोकन द्वारा बुधवार को गठित समिति ने स्नातकोत्तर रेजिडेंट डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले तथा आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उसके बाद के घटनाक्रम पर स्वत: संज्ञान लेते हुए विचार किया. इसमें कहा गया है कि आईएमए महासचिव ने अशोक के साथ मृत चिकित्सक के माता-पिता से उनके घर पर मुलाकात की थी। आदेश में कहा गया, उन्होंने स्थिति से निपटने में आपके (घोष) खिलाफ अपनी शिकायतें रखीं, साथ ही उनके साथ अपने व्यवहार में अपनी जिम्मेदारी के अनुरूप उचित तरीके से मुद्दे को संभालने में सहानुभूति और संवेदनशीलता की कमी के बारे में भी बताया।
इसमें कहा गया कि आईएमए बंगाल राज्य शाखा के साथ-साथ डॉक्टरों के कुछ संघों ने भी आपके द्वारा पूरे पेशे को बदनाम करने की प्रकृति का हवाला देते हुए कार्रवाई की मांग की है.आदेश में कहा गया है कि आईएमए की अनुशासन समिति ने सर्वसम्मति से आपको इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की सदस्यता से तत्काल निलंबित करने का निर्णय लिया है इससे पहले आईएमए को लिखे एक पत्र में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने घोष के संगठन के साथ जुड़े रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए उनकी सदस्यता रद्द किये जाने की मांग की थी।

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