सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन हॉल में बैठक के दौरान वकीलों के बीच जमकर मारपीट
पांच को तीन महीना के लिए तो तीन को 15 दिनों के लिए किया निलंबित
– फैसला के पहले दोनों पक्ष को नहीं सुनने का लगाया आरोप
अशोक झा, सिलीगुड़ी : न्याय के लिए पुलिस ओर वकील के पास लोग बिना किसी भय के विश्वास के साथ जाते है। उनके मन में विश्वास होता है की कानून के जानकार उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे। यही कारण है की इन दोनों का समाज में काफी मान और सम्मान होता है। लेकिन अगर पुलिस या वकील अगर आपस में ही जमकर मारपीट करने लगे तो कैसे लोग उन्हें न्याय प्रिय मानेंगे। कुछ ऐसा ही हुआ सोमवार को सिलीगुड़ी कोर्ट परिसर स्थित बार एसोसिएशन हॉल में। इस घटना के बाद सोमवार को 02-09-2024 को सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन हॉल में आयोजित कार्यकारी समिति की बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 2 सितंबर, 2024 को सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित बैठक में प्रस्ताव अपनाया गया: बैठक की अध्यक्षता सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शपीयूष कांति घोष ने की और सचिव, सहायक सचिव, लाइब्रेरियन और कार्यकारी समिति के सदस्य उपस्थित थे। समिति ने मिनटों में उल्लिखित विवरण के अनुसार मुद्दों पर चर्चा की और निम्नानुसार समाधान किया: सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि बार एसोसिएशन आज यानि आज घटित उपद्रव की अप्रिय घटना में प्रत्यक्ष संलिप्तता के लिए नीचे बताए अनुसार सदस्यों की सदस्यता निलंबित कर देगी। दिनांक 02.09.2024 को न्यायालय परिसर में। जो सदस्य कथित घटना में सीधे तौर पर शामिल थे, उन्हें 3 (तीन) महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। राहुल यादव, झंकार छेत्री, प्रतीक घोष, शिवम सिद्धार्थ सिंह, प्रणय साहा है। जिन सदस्यों ने अपमानजनक बयान का इस्तेमाल किया था और सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया था। उन्हें 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। चंदन प्रसाद देबारती नंदी। यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि उपरोक्त नामित सदस्य सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन की किसी भी सुविधा का उपयोग करने और आनंद लेने के हकदार नहीं होंगे। वे सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन परिसर में प्रवेश करने और एसोसिएशन के किसी भी समारोह/गतिविधि में भाग लेने के हकदार नहीं होंगे।
क्या था मामला: इस पूरे घटनाक्रम में बताया गया की शनिवार को दो वकीलों के गुट में जमकर झड़प हुई थी। इसके बाद एक गुट ने बार एसोसिएशन में इसकी लिखित शिकायत की। इसको लेकर जब बार एसोसिएशन हॉल में कार्यकारिणी बैठक कर रही थी उसी बीच विवाद से जुड़े वकीलों और समर्थकों के बीच फिर से विवाद इतना बढ़ा की जमकर मारपीट हुई। उसके बाद एसोसिएसन की ओर से यह कदम उठाया गया। इस मारपीट की घटना को लेकर तो चर्चा है की यह झगड़ा ठीक वैसा था जैसा बस में यात्रियों को चढ़ाने के लिए बसों के कर्मचारी करते है।