जूनियर डॉक्टरों का विरोध मार्च बदला अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में

कर रहे पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाने की कर रहे मांग

अशोक झा, कोलकोता: कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से शुरू हुआ जूनियर डॉक्टरों का विरोध मार्च सोमवार को लाल बाजार तक पहुंचने की कोशिश में पुलिस से टकराव की स्थिति में आ गया। डॉक्टरों का यह आंदोलन पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहा है। पुलिस के रोके जाने के बाद कल शाम से सड़कों पर जूनियर डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। पूरी रात यहां तत्परता से जमे हुए है। उनकी एक ही मांग है की विनीत गोयल को हटाया जाय। उनके हटते ही वे सभी यहां से चले जायेंगे। दोपहर में कॉलेज स्क्वायर से शुरू हुए इस मार्च में जूनियर डॉक्टरों के साथ कई आम नागरिक भी शामिल थे। यह मार्च महात्मा गांधी रोड से होते हुए सेंट्रल एवेन्यू पहुंचा, जहां पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने वहीं बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। फियर लेन और बीबी गांगुली स्ट्रीट पर भी पुलिस का कड़ा पहरा लगा हुआ है। पुलिस ने कहा कि वे किसी भी स्थिति में मार्च को आगे नहीं बढ़ने देंगे। डीसी सेंट्रल इंदिरा मुखोपाध्याय ने बताया, आज तक जितने भी मार्च हुए हैं, उन्हें फियर लेन में ही रोका गया है, यह नियम है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल 20 डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल को ही अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन प्रदर्शनकारी इस नए प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। शाम साढ़े सात बजे करीब लाल बाजार से एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस रैंक के अधिकारी आंदोलनकारी डॉक्टरों से बात करने के लिए आए। उन्होंने इस बात का प्रस्ताव दिया कि डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल उनके साथ लाल बाजार जाकर अपना ज्ञापन सौंप सकता है। लेकिन आंदोलनरत डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें बेंटिक स्ट्रीट और बीबी गांगुली स्ट्रीट के क्रॉसिंग तक जाने की अनुमति देनी होगी, गार्ड रेल हटाना होगा और उसके बाद उनके प्रतिनिधि लाल बाजार जाएंगे। नहीं तो विनीत गोयल इस्तीफा दें, उसके बाद वे खुद वापस चले जाएंगे। इस बीच, आंदोलनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अनिश्चितकाल वहीं डटे रहेंगे। उनके एक प्रतिनिधि, किंजल नंदी ने कहा, जब तक पुलिस आयुक्त खुद यहां नहीं आते या इस्तीफा नहीं देते, हम यहां से एक कदम भी नहीं हटेंगे। मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने लोहे की ऊंची और चौड़ी बैरिकेडिंग लगा दी है। इसके बावजूद, डॉक्टर और प्रदर्शनकारी नए जोश के साथ अपने विरोध को जारी रखे हुए हैं। वे सड़कों पर नारे लिख रहे हैं और ’23 दिन, न्याय नहीं’ जैसे नारों से सड़कों को भर रहे हैं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टियर गैस के साथ तैयारियां कर रखी हैं। इसके अलावा, ड्रोन के जरिए आसमान से निगरानी की जा रही है। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस आयुक्त के पुतले को भी जलाया। आंदोलनकारी साफ कह रहे हैं कि वे अपने विरोध में अडिग रहेंगे और किसी भी कीमत पर लाल बाजार तक मार्च करना चाहते हैं। पुलिस का कहना है कि उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त असीम विश्वास ने आंदोलनकारियों से कहा, लाल बाजार आकर बात करें। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि वे वहीं रुकेंगे, जहां उन्हें मार्च करने की अनुमति दी गई थी, नहीं तो पुलिस आयुक्त को खुद आना होगा। डॉक्टरों के इस आंदोलन से कोलकाता के कई इलाकों में तनाव का माहौल बना हुआ है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच का टकराव किसी भी समय हिंसक रूप ले सकता है।

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