गली गली गूंजने लगा गणपति बप्पा मोरिया

गली गली गूंजने लगा गणपति बप्पा मोरिया
– कही 10 दिन तो कही तीन दिनों का हो रहा उत्सव
अशोक झा, सिलीगुड़ी: पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार सिलीगुड़ी। यहां आज से गूंजने लगा गणपति बप्पा मोरिया का नारा। कही 10 दिनों तो कही तीन दिनों के लिए विघ्नहर्ता की मूर्ति स्थापित की जा रही है। 24 घंटे से शहर के प्रमुख मार्ग पर गणपति की मूर्तियां धड़ल्ले से बिक रही थी। बड़ी से छोटी प्रतिमा लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। लोग प्रतिमा को गाजे बाजे के साथ अपने घर ले जा रहे थे।भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से गणेशोत्सव प्रारंभ हो गए हैं। 07 सितंबर से गणेश उत्सव प्रारंभ हो गए हैं जोकि 17 सितंबर पर चलेंगे। इस बार 10 की जगह 11 दिवसीय गणेश उत्सव रहेंगे। 7 सितंबर 2024 शनिवार से 17 सितंबर 2024 मंगलवार तक पूरे 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना से लेकर विसर्जन करने तक की परंपरा रही है. इस गणेश उत्सव के दौरान तिथि, शुभ मुहूर्त, मूर्ति स्थापना मुहूर्त, विसर्जन की तिथि और मूर्ति स्थापना का सही नियम जानना बहुत जरूरी होता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से बुद्धि में वृद्धि होती है. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश से सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। गणेश चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त : पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर को दोपहर में 3:01 से शुरू होगी और उसके बाद 7 सितंबर को शाम 5:37 पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर को मनाया जाएगा।गणेश मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त:उदयातिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन यानि 7 सितंबर को गणेश जी की मूर्ति स्थापना की जाएगी. पंचांग के अनुसार. मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 4 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इसके अनुसार मूर्ति स्थापना के लिए कुल 2 घंटे 30 मिनट का समय रहेगा। गणेश चतुर्थी पूजा विधि: शुद्धता: पूजा स्थल और मूर्ति को साफ-सुथरा रखे। दिशा: मूर्ति को उत्तर या पूर्व दिशा में स्थापित करें।आसन: मूर्ति को एक साफ आसन पर स्थापित करें.
स्नान: मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं।वस्त्र: मूर्ति को साफ और नए वस्त्र पहनाएं।शृंगार: मूर्ति को सिंदूर, रोली, चंदन आदि से श्रृंगार करें।अर्चना: मूर्ति की पूजा के लिए धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।मंत्र जाप: गणेश मंत्र का जाप करें।
विसर्जन: गणेश चतुर्थी के अंतिम दिन विधि-विधान से मूर्ति का विसर्जन करें।विसर्जन से पहले मूर्ति को अपनी जगह से भूलकर भी नहीं हटाना चाहिए। गणेश मूर्ति स्थापना के नियम: गणेश उत्सव के दौरान गणेश जी की मूर्ति के सामने रोजाना सुबह शाम दीपक जलाएं और पूजा करें। गणेश जी जितने दिन आपके घर में या चौक चौराहों पर रखते हैं तो कम से कम दिन में तीन बार भोग लगाएं। गणपति बप्पा को आप अपने घर में स्थापित करते हैं तो सात्विक भोजन करें।गणेश चतुर्थी के दिन पूजा करें और व्रत करें.
भगवान गणेश को मोदक का भोग जरूर लगाए।
गणेश जी की मूर्ति सही दिशा देखकर स्थापित करें और रोजाना उसे स्थान को गंगाजल से पवित्र करें। गणेश जी की पूजा में साफ सफाई और पवित्रता का खास ध्यान रखें।
गणेश चतुर्थी का महत्व : भगवान गणेश को सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने वाले माना जाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सफलता मिलती है. गणेश चतुर्थी को नए कार्यों की शुरुआत करने के लिए शुभ माना जाता है. भगवान गणेश को ज्ञान और बुद्धि के देवता माना जाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से बुद्धि में वृद्धि होती है. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश से सुख-समृद्धि की कामना की जाती है. यह पर्व लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है. गणेश चतुर्थी के पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं जो इस पर्व को और अधिक महत्वपूर्ण बनाती हैं।

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