टीएमसी का पार्षद क्यों बना पीड़िता का चाचा, क्यों दी ‘खून की नदी’ बहाने की धमकी

अशोक झा, कोलकोता: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है त्यों त्यों
नए नए खुलासा हो रहे है। इसी मामले में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने विस्फोटक दावा किया है। अधिकारी ने कहा है कि पीड़िता डॉक्टर के पोस्टमार्टम के समय एक स्थानीय TMC नेता उसका चाचा बन कर पहुँच गया था और पोस्टमार्टम में जल्दी कर रहा था। सुवेंदु ने यह CBI पूछताछ से निकले डॉक्टर के हवाले से किया है।सुवेंदु अधिकारी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “आर जी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई जूनियर महिला डॉक्टर का पोस्टमार्टम करने वाली फॉरेंसिक टीम के सदस्य डॉक्टर अपूर्वा बिस्वास को CBI ने तलब किया था। पूछताछ के बाद बाहर निकलते समय उन्होंने पत्रकारों के सामने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वहाँ एक व्यक्ति था जो खुद को पीड़िता का चाचा बता रहा था और धमकी दे रहा था कि अगर पोस्टमार्टम दिन के अंत तक पूरा नहीं हुआ तो ‘खून की नदी’ बहा दी जाएगी। सुवेंदु अधिकारी ने आगे बताया कि यह व्यक्ति TMC का पूर्व पार्षद है। उन्होंने लिखा, “यह व्यक्ति कौन है? यह व्यक्ति संजीब मुखर्जी है। वह पानीहाटी नगर पालिका के पूर्व CPIM पार्षद है, जो बाद में TMC में शामिल हो गया और पानीहाटी TMC विधायक निर्मल घोष का करीबी बन गया।।सुवेंदु ने आरोप लगाया कि डॉक्टर के अंतिम संस्कार में जल्दबाजी बरती गई। उन्होंने यह भी कहा कि यहाँ के स्थानीय विधायक निर्मल घोष भी शमशान घाट में डॉक्टर के अंतिम संस्कार के समय मौजूद थे। अधिकारी ने कहा कि घोष को इसका आदेश CM ममता बनर्जी से मिला था।सुवेंदु अधिकारी ने पीड़िता के अंतिम संस्कार की पर्ची भी पेश की और प्रश्न उठाया कि आखिर इस पर संजीब मुखर्जी के हस्ताक्षर क्यों हैं। उन्होंने बताया कि इसी पर्ची पर सोमनाथ डे नाम के एक आदमी के भी हस्ताक्षर हैं जिसका नाम सोमनाथ डे है। उन्होंने बताया कि इस इलाके में सोमनाथ डे नाम का एक और पूर्व TMC पार्षद है। उन्होंने प्रश्न उठाया कि क्या दोनों एक ही हैं। सुवेंदु अधिकारी ने डॉक्टर अपूर्ब बिस्वास का एक वीडियो भी साझा किया है। इसमें डॉक्टर बिस्वास बताते हैं कि अपने आप को पीड़िता का रिश्तेदार बताने वाला व्यक्ति डॉक्टरों और परिवार तक पर जल्दी पोस्टमार्टम का दबाव बना रहा था। डॉक्टर ने बताया कि वह पूर्व पार्षद हैं और मैं उनका नाम नहीं बता सकता। डॉक्टर ने यह भी कहा कि वह व्यक्ति उस इलाके का पूर्व पार्षद है जहाँ पीड़िता का परिवार रहता है। इसके बाद सुवेंदु अधिकारी ने यह आरोप लगाए। इन आरोपों के बाद राज्य की ममता सरकार बैकफुट पर है। अभी इस मामले में कोई खंडन सामने नहीं है। यह भी साफ़ नहीं हुआ है कि संजीब मुखर्जी कौन है और क्या उसका सही में पीड़िता के परिवार से कोई रिश्ता है या फिर वह यहाँ प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा था। गौरतलब है कि 9 अगस्त, 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर की लाश मिली थी। डॉक्टर की हत्या से पहले उसके साथ रेप किया गया था और उसके साथ वीभत्सता हुई थी। इस मामले को पहले पुलिस और कॉलेज प्रशासन ने आत्महत्या बताने का प्रयास किया था। हालाँकि, परिवार के दबाव के चलते इसे हत्या के तौर पर जाँच हुई।इस मामले में अब तक जाँच को प्रभावित करने, घटनास्थल से सबूत मिटाने, पीड़ित परिवार को पैसे की पेशकश करने समेत लापरवाही के आरोप सामने आ चुके हैं। अब इस नए आरोप को जाँच में क्या सामने आता है, इससे साबित होगा कि क्या अंतिम संस्कार में भी दखल दिया गया।