अपराधी और दुष्कर्मी का हाथ टीएमसी के साथ: सांसद राजू विष्ट
सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफा पर ही होगा राज्य का भला
अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल में अपराधी हो या दुष्कर्मी इनका हाथ टिक साथ है। बंगाल में चल रहे जूनियर डॉक्टर के आंदोलन और लगातार हो रहे दुष्कर्म पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा सांसद राजू विष्ट ने कही। उन्होंने कहा की बंगाल दुष्कर्म की राजधानी ही गई है। इसका कारण है सरकार के द्वारा इस प्रकार के लोगों को संरक्षण देना। दुर्गा पूजा के पवित्र अवसर पर समाज मां दुर्गा को पूजता है, वहीं बंगाल में बेटी के साथ अपराध होता है। आरोपियों पर एक्शन लेने की बजाय (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी ने चुप्पी साध ली है। ममता प्रशासन ने एक रेप मर्डर के केस को सुसाइड बताया था जिससे साबित होता है कि बंगाल की मुख्यमंत्री महिला तो हैं, लेकिन उनकी सोच महिला विरोधी है। उन्होंने आगे कहा कि बंगाल की जनता तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ खड़ी हो गई है। ममता बनर्जी अन्याय का प्रतीक हैं। बंगाल की बेटियां ममता बनर्जी से कह रही हैं कि राजनीति से इतर हमारी आवाज कब सुनी जाएगी। ममता बनर्जी का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसीलिए, भारतीय जनता पार्टी उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। आज जूनियर डॉक्टर आंदोलन कर रहे है वह आंदोलन उनके लिए नही है। वह राज्य के लोगों की सुरक्षा के लिए आंदोलन कर रहे है। 10 करोड़ बंगाल की जनता का उनको समर्थन है। इसमें भी टीएमसी के नेता और मंत्री इस प्रकार का बयान देते है जैसे आंदोलन सड़क छाप लोगों का हो रहा है। यह भी सच है की इस प्रकार की घटना दूसरे राज्यों में भी होती है उसका नतीजा क्या होता है या तो अपराधी मारे जाते है या स्लाखों के पीछे होते है। बंगाल की सरकार इस प्रकार के अपराधी और उसके संरक्षण देने वालों को पालती और बड़ा करती है। पश्चिम बंगाल भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर इस घटना को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने दुर्भाग्यपूर्ण आरजी कर घटना से कुछ नहीं सीखा जब एक 31 वर्षीय पीजीटी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। जॉयनगर के महिषमारी क्षेत्र की आठ वर्षीय चौथी कक्षा की छात्रा; दक्षिण 24 परगना जिले की छात्रा ट्यूशन क्लास जा रही थी और कल दोपहर से लापता थी। परिवार के सदस्य कुछ पड़ोसियों के साथ ऑन ड्यूटी पुलिस कर्मियों को रिपोर्ट करने के लिए पुलिस शिविर में गये “त्वरित प्रतिक्रिया देने के बजाय, उक्त पुलिस कर्मी अनिच्छुक लग रहे थे और अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे थे। बाद में ग्रामीणों ने खुद लापता बच्चे की तलाश शुरू की और सुबह महिषमारी के एक तालाब से बच्चे का शव बरामद किया। अगर पुलिस सक्रिय होती तो बच्चे को जिंदा बचाया जा सकता था, लेकिन दुर्भाग्यवश पुलिस ने अपना कर्तव्य निभाने में आनाकानी की, जिसकी कीमत बच्ची को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।जानकारी के अनुसार, चौथी कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग लड़की को ट्यूशन से लौटते वक्त अगवा कर सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर बेरहमी से हत्या कर दी गई। बाद में ग्रामीणों ने नदी किनारे से छात्रा का शव बरामद किया. कुलतली थाना पुलिस की ओर से शिकायत नहीं दर्ज किए जाने के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और थाने में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। एफआईआर दर्ज नही, न ही मिसिंग डायरी: पीड़िता के परिवार और गांव वालों के कहने के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया और न ही मिसिंग डायरी बनाई। इस नाबालिग के साथ जो दुष्कर्म हुआ है, वह अत्यंत गंभीर है. यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है, और अगर बंगाल में इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं, तो यह साबित होता है कि ममता बनर्जी के पास अपने पद पर बने रहने के लिए न तो कोई कानूनी आधार है और न ही कोई नैतिक अधिकार। गुस्साए ग्रामीणों ने कुलतली पुलिस स्टेशन पर हमला किया।उन्होंने कहा , “गुस्साए ग्रामीणों ने कुलतली पुलिस स्टेशन पर हमला किया, क्योंकि उन्होंने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया क्योंकि बलात्कारी जाहिर तौर पर मुस्लिम है और पश्चिम बंगाल पुलिस कार्रवाई करने में अनिच्छुक है, क्योंकि इससे ममता बनर्जी नाराज हो सकती हैं। दुर्गा पूजा के दौरान जब पश्चिम बंगाल देवी शक्ति का उत्सव मनाता है, महिलाएं और लड़कियां असुरक्षित होती हैं. जब तक राज्य के मामलों की कमान संभालने वाली असुरी शक्तियों को नहीं हराया जाता, तब तक महिलाओं के खिलाफ अपराध बेरोकटोक जारी रहेंगे. बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ममता बनर्जी को जाना होगा।
एफआईआर मत करिए, पहले छानबीन कीजिए: भाजपा नेता डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा कि मासूम के साथ हुई भयानक घटना यह दर्शाती है कि ममता बनर्जी का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है. प्रशासन पूरी तरह से राजनीतिक हो चुका है. ममता बनर्जी ने कहा था कि एफआईआर मत करिए, पहले छानबीन कीजिए और फिर रिपोर्ट दर्ज कीजिए। यह इसलिए कहा गया क्योंकि बंगाल में बलात्कार और हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं।