योग का प्रत्येक अभ्यास वैज्ञानिक है पूरी तरह प्रमाणित है हमारे पूर्वज ऋषि-मुनियों ने इन सभी योग साधना पद्धति को जांचा परखा है


वाराणसी। बीएचयू में 15 दिवसीय सूर्य नमस्कार कार्यशाला के तीसरे दिन मालवीय भवन स्थित योग साधना केंद्र में सूर्य नमस्कार के द्वादश मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया गया साथ ही सरल योगासनों का अभ्यास भी कराया किया गया इस कार्यशाला के दूसरे दिन मालवीय भवन के निदेशक प्रोफेसर राजाराम शुक्ल जी के साथ विज्ञान संकाय के जंतु विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस के त्रिगुण उपस्थित थे आप लोगों ने भी योगाभ्यास किया योगाभ्यास के अंत में आप लोगों ने आशीर्वचन प्रदान किया अपने आशीर्वचन में प्रोफेसर एस के त्रिगुण जी ने अपने वक्तव्य में योग साधना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा योग का प्रत्येक अभ्यास वैज्ञानिक है पूरी तरह प्रमाणित है हमारे पूर्वज ऋषि-मुनियों ने इन सभी योग साधना पद्धति को जांचा परखा है तथा अपने जीवन में उतारा है एवं इन सभी विधाओं को लिपिबद्ध करके हमारे लिए उपयोगी बनाया है इस प्रामाणिक पद्धति के आधार पर योग साधना केंद्र से आप सब को सही दिशा प्राप्त हो रही है योगाभ्यास करने से हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक विचार आते हैं अंतः स्रावी ग्रंथियां संतुलित होती हैं फेफड़ों की क्रियाशीलता में वृद्धि होती है संपूर्ण शरीर व्यवस्थित कार्य करता है मालवीय भवन के निदेशक महोदय ने अपने आशीर्वचन में कहा कि यदि आप लोग नियमित योगाभ्यास करते हैं तो आप का अध्ययन सुचारू रूप से होगा इसलिए आपको आलस्य का त्याग कर समय से मालवीय भवन में उपस्थित हो कर योगाभ्यास करना चाहिए

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