तीन साल पूर्व पति के घर से गायब हुई विवाहिता लखनऊ प्रेमी के घर से बरामद 

ससुराल व मायके पक्ष से गम्भीर धाराओ मे दर्ज हुआ था मुकदमा हाईकोर्ट ने रिपोर्ट तलब की तो पुलिस ने ढूंढ निकाला 

 

गोण्डा।तीन वर्ष पूर्व  एकाएक विवाहिता ससुराल से हुई थी गायब पति ने अपहरण सहित हत्या कर दर्ज कराया था मुकदमा तो वही मायके वालो ने दहेज हत्या की दर्ज करायी थी प्राथमिकी हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ ने पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट तलब की तो पुलिस ने विवाहिता को लखनऊ से उसके प्रेमी के यहां से बरामद हो गई ।

बताते चले की नगर कोतवाली क्षेत्र के ददुआ बाजार निवासी विनय कुमार की शादी कविता 24 के साथ 17 नवम्बर 2017 को हुई थी ।चार साल सबकुछ सही चल रहा था अचानक कविता 05 मई 2021 को ससुराल से गायब हो गई। मायके वालो ने ससुराल पक्ष के ऊपर दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए गम्भीर धाराओ में मुकदमा दर्ज कर दिया। छः माह बाद पति ने कविता के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया दोनो पक्षो से गम्भीर धाराओ में मुकदमा दर्ज होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया।इस बीच पुलिस दोनो पक्ष के अदालती कार्रवाई को देखती रही किसी की गिरफ्तारी न हो सकी।इस मामले मे कविता के भाई अखिलेश ने हाईकोर्ट से 2023 मे निवेदन किया की हमारे बहन को ढूंढा जाय।

हाईकोर्ट ने इस बीच पुलिस अधीक्षक गोण्डा से  अबतक की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट जब तलब कर लिया तो पुलिस सक्रिय हो गयी।

इस विनीत जायसवाल के निर्देशन पर गोण्डा नगर कोतवाल पुलिस व एसओजी सर्विलांस टीम ने कविता को लखनऊ से उसके प्रेमी सत्यनारायण गुप्ता के यहां से शनिवार को बरामद कर लिया है।

मामले की विवेचना कर रहे नगर कोतवाल मनोज पाठक ने बताया कविता प्रेमी संग पहले अयोध्या पहुंची उसके बाद फिर लखनऊ मे सत्यनारायण गुप्ता के साथ रह रही थी।  सत्यनारायण की गोंडा के दुर्जनपुर बाजार में दुकान थी। कविता के घर उसका आना-जाना था।दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं। कविता ससुराल से जाने के बाद सत्यनारायण के साथ एक साल तक अयोध्या में रही। फिर दोनों लखनऊ चले गए।

पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया है की लगभग साढे तीन वर्ष कविता ससुराल से गायब हो गई थी मायके व ससुराल पक्ष दोनो ने गंभीर धाराओ में मुकदमा नगर कोतवाली में दर्ज कराया था।जिसकी विवेचना नगर कोतवाल पुलिस द्वारा की जा रही थी हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ में भी मामला चल रहा है कविता को गोण्डा निवासी उसके प्रेमी लखनऊ के यहा से बरामद कर मेडिकल जांच के बाद सीजीएम कोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है कोर्ट जो निर्णय लेगा उस हिसाब से अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।

 

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