एक फोन ने बचाई बाबा सिद्दीकी के बेटे की जान, पिता के साथ निकलते ही होता काम तमाम


अशोक झा, मुंबई: बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद मायानगरी में मातम का माहौल है। उनकी हत्या की खबर सुनकर हर कोई सदमे में है। दशहरे की शाम 3 शूटर्स ने बाबा सिद्दीकी पर एक के बाद एक गोलियां दागी और मौके से फरार हो गए।मुंबई पुलिस ने 2 शूटरों को ढूंढ निकाला, वहीं तीसरा शूटर अभी भी लापता है। मुंबई पुलिस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। इसी बीच पकड़े गए 2 शूटरों के परिवार के बयान सामने आए हैं।बाबा सिद्दीकी को दो गोली लगी. इनमें से एक गोली उनके सीने में लगी. बाबा को फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एक फोन से बच गई जिशान सिद्दीकी की जान : इस हमले में बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी की भी हत्या हो सकती थी. जानकारी के मुताबिक, जीशान भी अपने पिता के साथ उसी गाड़ी में आने वाले थे लेकिन उसी टाइम उनके मोबाइल पर एक फोन आ गया और वो ऑफिस में ही रुककर बात करने लगे. जब तक वो बाहर आते तब उनके पिता को गोली लग चुकी थी. इस तरह एक फोन से उनकी जान बच गई नहीं तो पिता के साथ उनकी भी हत्या हो सकती थी।कौन हैं जीशान सिद्दीकी?: 32 साल के जीशान सिद्दीकी बांद्रा ईस्ट से कांग्रेस के विधायक और मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. उनका जन्म 3 अक्टूबर 1992 को मुंबई के बांद्रा में बाबा सिद्दीकी के घर हुआ था. जीशान की शुरुआती शिक्षा और ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई मुंबई से ही हुई. जुलाई 2015 में उन्होंने रीजेंट यूनिवर्सिटी लंदन से ग्लोबल मैनेजमेंट एंड पब्लिक लीडरशिप में मास्टर की डिग्री हासिल की।जीशान 2019 में पहली बार विधायक बने. पिता की विरासत को संभालते हुए जीशान ने साल 2019 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीता। उन्होंने शिवसेना के विश्वनाथ महादेश्वर को 38,337 वोटों से हराया, जो मुंबई के तत्कालीन मेयर थे. जीशान साल 2021 में मुंबई भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने. जीशाना का विवादों से भी नाता रहा. साल 2021 में कोरोना महामारी के दौरान रेमडेसिविर दवा की खरीद के संबंध कोई गड़बड़ी की थी. इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जीशान के खिलाफ जांच का आदेश दिया था।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में 3 शूटर थे शामिल: सूत्रों के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में 3 शूटर शामिल थे। इनमें से तीनों की पहचान हो गई है। मुंबई पुलिस ने दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया जबकि तीसरे की तलाश जारी है. शूटरों की पहचान शिवा, धर्मराज और गुरमेल सिंह के रूप में हुई है. शिवा और धर्मराज यूपी के बहराइच का रहने वाला है जबकि गुरमेल हरियाणा के कैथल का रहने वाला है. तीनों शूटरों का लिंक लॉरेंस बिश्नोई गैंग से था। कौन हैं 3 शूटर्स?: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने वाले तीनों शूटर्स की पहचान हो चुकी है। पहला शूटर गुरमैल बलजीत सिंह हरियाणा का रहने वाला है, वहीं दूसरा शूटर धर्मराज कश्यप का ताल्लुक उत्तर प्रदेश से है। इसके अलावा घटना के बाद फरार तीसरा शूटर शिवकुमार उर्फ शिवा गौतम भी यूपी के कैसरगंज का रहने वाला है।
गुरमैल को 11 साल पहले घर से निकाला: सूत्रों की मानें तो 11 साल से गुरमैल के परिवार का उससे कोई वास्ता नहीं है। गुरमैल के परिवार का कहना है कि हमने 11 साल पहले ही उसे छोड़ दिया था। वो जिंदा रहे या मर जाए, हमें उसकी कोई जरूरत नहीं है। हमने पिछले 4 महीने से उससे बात नहीं की है। 23 साल के गुरमैल 11 साल पहले ही घर से चला गया था। तब से वो हरियाणा में अपने गांव वापस नहीं लौटा।मां ने सुनाई आपबीती: बाबा सिद्दीकी के हत्यारों में दूसरा नाम 19 साल के धर्मराज कश्यप का है। धर्मराज कश्यप की मां का कहना है कि हमें सिर्फ इतना पता है कि वो पुणे में भंगार का काम करता था। मुंबई के बारे में हमें कुछ पता नहीं है। घर में किसी को नहीं पता है कि वो मुंबई में क्या करता था? क्या कमाता-खाता था? कहां रहता था? यह कोई नहीं जानता। वो आखिरी बार होली पर घर आया था। तब से वो घर नहीं लौटा। उसका कभी फोन नहीं आता था और न ही वो घर में किसी से बात करता था। मेरी बेटी की तबीयत खराब थी, तभी उसने 3 हजार रुपये भेजे थे। हम उसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं। देश भर में ही नहीं विदेश में भी नेटवर्क फैला रखा है लॉरेंस बिश्नोई गैंग : दाऊद इब्राहिम की तरह लॉरेंस बिश्नोई ने देशभर में अपना नेटवर्क बनाया है| उनका साम्राज्य देश के 11 राज्यों और 6 देशों तक फैला हुआ है। उन्होंने भारत के हर राज्य की जिम्मेदारी साझा की है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मास्टरमाइंड गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह अब महाराष्ट्र में सक्रिय है। उसके गिरोह ने शनिवार को सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी। तब लॉरेंस बिश्नोई के गुंडा साम्राज्य की बात चल रही थी|दाऊद इब्राहिम की तरह लॉरेंस बिश्नोई ने देशभर में अपना नेटवर्क बनाया है|उनका साम्राज्य देश के 11 राज्यों और 6 देशों तक फैला हुआ है। उन्होंने भारत के हर राज्य की जिम्मेदारी साझा की है| अनमोल बिश्नोई को महाराष्ट्र का प्रभार: गोल्डी बराड को कनाडा, पंजाब और दिल्ली का प्रभार है​|​रोहित गोदारा को राजस्थान, मध्य प्रदेश और अमेरिका की भी जिम्मेदारी दी गई है​|​वहीं, पुर्तगाल, दिल्ली-एनसीआर, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल में गिरोह की कमान अनमोल बिश्नोई के पास है।​ काला जत्थेदी हरियाणा और उत्तराखंड में गैंग का नेतृत्व कर रहा है​|​पूरा गिरोह सीधे साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को सपोर्ट करता है।
कहां से आए हथियार?: लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सामने सवाल है कि उनके पास हथियार कहां से आए। बिश्नोई गिरोह मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र से हथियार लाते हैं। इसमें धार, सेंधवा, बड़वानी, रतलाम, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन के गांव शामिल हैं। इन्हें उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ से भी हथियार मिलते हैं। गिरोह बिहार के मुंगेर और खगड़िया इलाके से हथियार मंगाता है| इसके अलावा पंजाब के सभी शहर पाकिस्तान की सीमा से लगे हुए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, कनाडा और नेपाल से भी हथियार आ रहे हैं|
बिश्नोई गैंग में हैं 700 से ज्यादा शूटर: बिश्नोई गैंग का संचालन सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ करता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक, बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं। इनमें से 300 पंजाब से हैं। लॉरेंस बिश्नोई गैंग पंजाब तक ही सीमित नहीं है| इसका देश-विदेश में कई जगहों पर नेटवर्क है। गिरोह की भर्ती सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से की जाती है। एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई की तुलना दाऊद इब्राहिम से की है|एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि लॉरेंस बिश्नोई और उसका आतंकी सिंडिकेट दाऊद इब्राहिम के समान है। 1990 में दाऊद ने इस तरह का नेटवर्क खड़ा किया|

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