हिंदू स्वाभिमान यात्रा को लेकर सीमांचल में राजनीतिक तापमान बढ़ा
भाजपा नेता गिरिराज सिंह के यात्रा का विपक्षी पार्टियां उठा रहे सवाल
– यात्रा का लक्ष्य हिंदुत्व को जगाना और एकजुट होने का आह्वान करना
अशोक झा, सिलीगुड़ी: बिहार का सीमांचल भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिला जिसे बांग्लादेशी घुसपैठ, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र के लिए वर्षों से चर्चा में रहा है। यहां के हिंदू संख्यागत रूप से अल्पसंख्यक बनते जा रहे है। पिछले कुछ वर्षों में इसे बंगाल के साथ अलग केंद्र शासित राज्य बनाने की भी कवायत है। इन्हीं क्षेत्रों में बिहार में बीजेपी के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आगामी 18 अक्टूबर से ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ शुरू करने जा रहे हैं। गिरिराज सिंह 18 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकालने वाले हैं। इसके जरिए वह बिहार के 5 जिलों में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराएंगे। गिरिराज की यात्रा जिन जिलों से निकलने वाली है, उनमें से अधिकतर मुस्लिम आबादी वाले जिले हैं। यात्रा की शुरुआत 18.10.2024 को भागलपुर से होगी जो 19.10.2024 को कटिहार पहुंचेगी। 20.10.2024 को पूर्णिया 21.10.2024 को अररिया और 22.10.2024 को यात्रा किशनगंज में समाप्त होगी। यह पहला चरण होगा। यात्रा में करीब 10 हजार लोगों के शामिल होने की संभावना है।
भाजपा नेता का जातिगत क्षेत्र से चुनाव लडने का है दर्द: भाजपा नेता ने कहा की मै भी चुनाव लड़ता हूं तो जाति विशेष बहुल इलाके से लड़ता हूं। लेकिन, मेरी इच्छा थी कि मैं किशनगंज से चुनाव लड़ूँ। मेरी ज़मानत जब्त हो जाए, लेकिन, मैं हिन्दू बनकर चुनाव लड़ना चाहता हूं। गिरिराज सिंह ने हिंदुत्व की स्थिति पर चिंता करते हुए कहा कि हमारे देश का बंटवारा 1947 में हुआ था। पूर्वजों ने बड़ी भूल कर दी। आपने सत्ता के लिए देश का बंटवारा किया, हिन्दू के लिए हिंदुस्तान बनाया और मुसलमान के लिए पाकिस्तान बनाया। आज अगर सभी मुसलमान पाकिस्तान चले गए होते तो आज हमारे अपने देश में हमारी बेटी सुरक्षित होती, लव जिहाद नहीं होता।दुर्गा मंदिर के बाहर हंगामा नहीं होता, रामनवमी जुलुस में कोई पत्थर नहीं फेंकता। आज ताजिया जुलुस में कभी हिन्दू ने पत्थर नहीं फेंकता।
‘बंगाल में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार’: वहीं बंगाल के नदिया मे बन रहे 112 फीट के दुर्गा प्रतिमा पर रोक लगाई जाने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अरे हाथों लेते हुए कहा कि हिंदू बंगाल में पूजा नहीं करेगा तो क्या बांग्लादेश और पाकिस्तान में पूजा करेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से डॉक्टरों से उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। इस तरह बंगाल के हिंदुओं से भी इसको लेकर उन्हें माफी मांगनी पड़ेगी। 112 फीट की मूर्ति पर रोक लगाई गई है। इससे बंगाल सरकार का क्या जाता है और इससे कौन सा लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ रहा है।यह खासकर हिंदुओं पर अत्याचार है और यह अत्याचार हिंदू बर्दाश्त नहीं करेंगे।
‘क्या बंगाल को बांग्लादेश और पाकिस्तान बनाना चाहती हैं ममता’: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जब वह आई थी तो कहा था मन मानुष माटी. आज वह बंगाल को बांग्लादेश और पाकिस्तान बना देना चाहती हैं।पहले ममता बनर्जी ने लोगों को वोट नहीं डालने दिया और अब दुर्गा पूजा और हिंदुओं के त्योहारों में नियम लगा रही हैं। वह यह नहीं भूले जनता उनसे एक-एक पाई का हिसाब लेगी। आप बंगाल को बांग्लादेश बनाना चाहती हैं।यह आदेश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।दिल्ली रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों ने जब गिरिराज सिंह से पूछा कि विपक्ष आपके द्वारा आयोजित स्वाभिमान यात्रा को उन्माद यात्रा कह रही है। इसपर उन्होंने कहा कि विपक्षियों को उनकी यात्रा से पेट में दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने यात्रा निकाला था किसी के पेट में दर्द नहीं हुआ, प्रशांत किशोर ने यात्रा निकाला तो किसी के पेट में दर्द नहीं हुआ, वह लोग तो वोट के लिए यात्रा निकालते हैं..मुसलमान जोड़ो….ये जोड़ो वोट जोड़ो। गिरिराज सिंह ने कहा कि विपक्ष केवल वोट के लिए यात्रा करता है, लेकिन उनकी यात्रा वोट के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा तो धार्मिक है। सनातनी को एक करने के लिए यात्रा निकाल रहे हैं ताकि सनातनी एक हो अगर बंटोगे तो कटोगे। वहीं, झारखंड के गढ़वा जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए जमकर बवाल पर गिरिराज सिंह ने चिंता जताई। उन्होंने झारखंड सरकार पर मुसलमानों से प्रेम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में ऐसी घटनाएं आम बात है। हेमंत सरकार जब रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की शरणस्थली बन जाएगी तो वोट बैंक के लालच में मुस्लिम समुदाय की जो भी गतिविधियां होंगी, उसे नजरअंदाज कर दिया जाएग। गिरिराज सिंह ने कहा कि सुनने में आया है कि झारखंड के गढ़वा जिले में मूर्ति विसर्जन के दौरान उपद्रवियों द्वारा सड़क जाम की जा रही थी। सरकार को ऐसी घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए। अगर गढ़वा के लोग गढ़वा में मूर्ति विसर्जन नहीं करेंगे, तो कहां जाएंगे और कहां से रास्ता ढूंढेंगे? उन्होंने कहा कि झारखंड में तुष्टीकरण की नीति, हेमंत सोरेन का मुस्लिम प्रेम, झारखंड के अंदर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की घुसपैठ और आदिवासियों के साथ लव जिहाद के मामले बताते हैं कि झारखंड अब सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। झारखंड के गढ़वा जिले की घटना इसका परिणाम और उदाहरण है। किशनगंज में मुस्लिम आबादी की बात करें तो 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां 67.98 फीसदी मुस्लिम हैं. इस जिले की राजनीति में मुस्लिम मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं. किशनगंज लोकसभा सीट पर ज्यादातर पार्टियां मुस्लिम उम्मीदवार उतारती हैं. यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस और राजद के लिए अनुकूल रहा है, जबकि भाजपा यहां केवल एक बार 1999 में जीती थी। गिरिराज सिंह के बयान से एक बार फिर पता चलता है कि राजनीति में जाति और धर्म कितनी अहम भूमिका निभाते हैं। असर होता है: किशनगंज से चुनाव लड़ने की उनकी इच्छा दर्शाती है कि समाज के विभिन्न वर्गों के मतदाता चुनाव परिणामों को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। इस विवादित बयान के बाद राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल मच गई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि ऐसे बयानों का आगामी चुनाव में क्या असर होता है. गिरिराज सिंह का बयान न सिर्फ बीजेपी की रणनीति पर असर डाल रहा है, बल्कि पूरे राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है.