दार्जिलिंग के संदकफू में शुरू हुई बर्फबारी, सांस की तकलीफ से एक पर्यटक की मौत
पर्यटक कोलकोता का निवासी आशीष भट्टाचार्य (58) है
अशोक झा, सिलीगुड़ी: अगर आप प्रकृति से प्रेम करते हैं साथ ही पहाड़ों और घाटियों को देखने का शौक भी रखते हैं, तो अपने ट्रैवलिंग की लिस्ट में दार्जिलिंग को जरूर शामिल करें। यहां का शांत वातावरण और चाय बागानों को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। बता दें, इस बार सीजन में दिसंबर – जनवरी आने वाली है। इसके साथ ही पहाड़ बर्फिस्तान बन गए हैं। लगातार बर्फबारी हो रही है। दार्जिलिंग से हिमपात की तस्वीरें सामने आई हैं। जन्नत के दर्शन करने हों तो इन बर्फीली वादियों में चले आइए। दार्जिलिंग शहर से 62 किलोमीटर दूर एक छोटी सी जगह है संदकफू। पश्चिम बंगाल और नेपाल के बॉर्डर पर बसा ये जगह परिचय का मोहताज नहीं. संदकफू पश्चिम बंगाल की सबसे ऊंचाई पर स्थित इलाका है। यहां तापमान लगातार कम बना रहता है. अभी बर्फबारी का सीजन शुरू हुआ और संदकफू सफेद हो गया है।बर्फबारी की सबसे खूबसूरत तस्वीर संदकफू से ही आई है।दार्जिलिंग के कई इलाके में बर्फबारी हो रही है। इस बर्फबारी को देखने के लिए पर्यटकों का तांता लगा हुआ है। दार्जिलिंग के संदक्फू चोटी में कोलकाता के एक पर्यटक आनंद ले रहे है।
सांस की तकलीफ से एक पर्यटक की मौत, प्रशासन ने शुरू किया नया नियम लागू : सांस लेने में तकलीफ के कारण मौत हो गई। मृतक का नाम आशीष भट्टाचार्य (58) है, जो कोलकाता के भवानीपुर के निवासी थे।पुलिस के अनुसार, रात को उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद उनका निधन हो गया।इस साल सांदाकफू में यह दूसरी मौत है, जिसने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। प्रशासन अब पहाड़ी इलाकों में आने वाले पर्यटकों के लिए स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रहा है। दार्जिलिंग सदर के एसडीओ रिचर्ड लेप्चा ने गुरुवार को कहा कि जीटीए (गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन) के साथ चर्चा कर एक स्वास्थ्य-संबंधी निर्देशिका जारी की जाएगी। यह निर्देशिका अगले सप्ताह से लागू हो सकती है।
क्या है संदक्फू और क्यों है मशहूर?: संदक्फू चोटी पश्चिम बंगाल का सबसे ऊंचा स्थान है, जिसकी ऊंचाई 11 हजार 929 फीट है। यह स्थान ट्रेकिंग के लिए लोकप्रिय है। आमतौर पर लोग दार्जिलिंग के मानेवंजन (6,325 फीट) तक पहुंचकर वहां से ट्रेकिंग शुरू करते हैं। हालांकि, अब इस रास्ते पर लैंड रोवर गाड़ियों की सुविधा उपलब्ध है, जिससे लोग बिना पैदल चले सीधे संदक्फू पहुंच सकते हैं। आशीष भट्टाचार्य अपने परिवार के साथ 19 नवंबर को दार्जिलिंग से संदक्फू की यात्रा पर निकले थे। रास्ते में उन्होंने धोतरे में रात बिताई। मंगलवार की रात आशीष को सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद उन्हें सुखियापोखरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।विशेषज्ञों की राय: पर्यटन और पर्वतारोहण से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ों पर अचानक ऊंचाई बढ़ने से शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। कई बार मौसम और पर्यावरण के साथ सामंजस्य बैठाने (एक्लाइमेटाइजेशन) में दिक्कत होती है। हालांकि, संदक्फू या फालूट की ऊंचाई पर मौत होना सामान्य बात नहीं है। उनका मानना है कि आशीष के मामले में शायद रक्तचाप और ऊंचाई का असर एक साथ पड़ने से उनकी हालत बिगड़ी। इससे पहले मई 2024 में उत्तर दिनाजपुर के 29 वर्षीय एक पर्यटक की संदक्फू में इसी तरह मौत हो गई थी। 2022 में अक्टूबर के महीने में इज़राइल का एक पर्यटक संदक्फू तक ट्रेकिंग के दौरान टेंट में सोते हुए मृत पाया गया था।
प्रशासन ने किया सहायता का वादा: आशीष के शव को पोस्टमार्टम के लिए दार्जिलिंग जिला अस्पताल भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को उनका शव परिवार को सौंप दिया गया। गुरुवार को प्रशासन की मदद से शव कोलकाता ले जाया गया। इस घटना के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन जल्द ही नए नियम लागू करने की योजना बना रहा है।