पीएफआई का खेल हो गया फेल, ईडी के शिकंजा से सीमांचल में खलबली
सिलीगुड़ी: प्रतिबंधित संगठन पीएफआई मुस्लिम देशों में चंदे के नाम पर जुटाते थे फंड, ईडी का शिकंजा कस गया है। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई पर लेकर ED का बड़ा खुलासा सामने आया है। इसको लेकर जहां देश में हलचल मच गई है वही अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े सीमांचल
में छुपे इसके गुर्गों में खलबली मची हुई है। जॉच का दायरा जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा त्यों-त्यों इस क्षेत्र के सफेदपोश लोगों से नकाब उतरने वाला है। बंगाल हो या बिहार का सीमावर्ती क्षेत्र इस क्षेत्र से बड़े पैमाने पर एक वर्ग विशेष के युवा रोजी रोजगार के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर परदेश, बंगलौर, केरल, जम्मू कश्मीर आदि क्षेत्रों में जाते है। वही से उनका संपर्क इन संगठन से होता है। उसके बाद ही था खेल शुरू होता है। सूत्रों की माने तो सीमांचल में दर्जनों नहीं बल्कि सैकड़ों लोग ऐसे है जिनके पास दो जून की रोटी नहीं थी वह आज करोड़ों में खेल रहे है। आखिर यह पैसा कहा से आया? आजतक उनसे कोई पूछने वाला नहीं। इस प्रकार के लोगों का मनी पावर के बल पर सफेदपोश का संरक्षण भी मिलता है। हवाला के साथ ये सभी देश के चिकन नेक को तोड़ने में जुटे है। खबर के मुताबिक, गल्फ देशों से हवाला के जरिये प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के नाम पर करोड़ों रुपये का कैश आया है। सभी आरोपी संगठन के अलग-अलग शहरों में मौजूद बैंक अकाउंट के साइनिंग अथॉरिटी थे। इन सभी से बैंक अकाउंटों में आए करोड़ो रुपए की मनी ट्रेल के बारे में पूछताछ की गई, लेकिन संतोषजनक जवाब न देने और तथ्य छिपाने के आरोप में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके साथ ही ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए समर्थकों के अकाउंट में ये कैश जमा कराया गया। जिसे बाद में PFI के एकाउंट में ट्रांसफर कराया गया। पूछताछ 3 दिसंबर 2020 को PFI के ठिकानों पर रेड के दौरान बरामद संगठन के अलग-अलग बैंक अकाउंट डिटेल्स के आधार पर की गई. सभी आरोपी संगठन के अलग-अलग शहरों में मौजूद बैंक अकाउंट के साइनिंग अथॉरिटी थे। इन सभी से बैंक अकाउंट्स में आए करोड़ों रुपए की मनी ट्रेल के बारे में पूछताछ की गई, लेकिन संतोषजनक जवाब न देने और तथ्य छिपाने के आरोप में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गल्फ देशों में PFI के हजारों समर्थक मौजूद हैं और चंदे के नाम पर विदेशों से करोड़ों रुपये इकट्ठे किए जाते थे। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने PFI से जुड़े 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। PFI में अलग-अलग पदों पर थे गिरफ्तार आरोपी : ED के मुताबिक, ये सभी आरोपी प्रतिबंधित संगठन पीएफआई में अलग-अलग पदों पर थे, जो विदेश से हवाला के जरिये आए करोड़ों रुपये का इस्तेमाल देशविरोधी गतिविधियों में कर रहे थे। इनकी पहचान ई एम अब्दुल रहमान, अनीस अहमद, अफसर पाशा, ए एस इस्माइल और मोहम्मद शफीक के रूप में हुई है। ईडी की पूछताछ में सामने आई ये बातें : दरअसल, साल 2018 में 2 मई को दर्ज की गई ECIR में सभी पांचों आरोपियों से ईडी ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाल ही में 19 दिसंबर को पूछताछ की। ये पूछताछ 3 दिसंबर 2020 को पीएफआई के ठिकानों पर रेड के दौरान बरामद संगठन के अलग-अलग बैंक एकाउंट डिटेल के आधार पर की गई। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई में आरोपियों का रोल: ई एम अब्दुल रहमान- शुरुआत से PFI से जुड़े थे। यह पीएफआई में पिछले कई सालों में अलग-अलग पद पर रहा और इसका पीएफआई के हर बड़े एक्शन और फैसले में अहम रोल रहा है। अब्दुल रहमान एक अन्य प्रतिबंधित संगठन ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) से 1979 से 1984 तक जुड़ा रहा, उसके बाद जब इस संगठन पर प्रतिबंध लगा तो PFI के नाम से बनाये गए नए संगठन में 2007 से 2008 तक जनरल सेक्रेटरी और 2009 से 2012 तक पीएफआई का चेयरमैन रहा। साथ ही, संगठन पर प्रतिबंध लगने तक पीएफआई नेशनल एग्जीक्यूटिव कॉउन्सिल जो कि संगठन के हर बड़े फैसले लेती थी, उसका वाईस चेयरमैन भी रहा। इस बीच अब्दुल रहमान ने तुर्की और कई अफ्रीकन देशों का अन्य PFI मेंबर के साथ कई बार दौरा किया। साल 2015 से लेकर 2020 तक PFI के दिल्ली के कालका जी और कोज़ही कोडे मे स्थित सिंडिकेट बैंक में संगठन के बैंक एकाउंट का साइनिंग ऑथोरिटी भी था। अनीस अहमद- पीएफआई के फाइनेंशियल मामले में अनीस का अहम रोल था। अनीस 2018 से लेकर 2020 तक संगठन का नेशनल सेक्रेटरी रहा और इसकी जिम्मेदारी संगठन के लिए फंड इक्कठा करने की थी। यह पीएफआई का प्रवक्ता भी था। पीएफआई स्टेट लेवल पर फंड इकट्ठा करती थी। राज्यों के हर जिले में समिति होती थी जो फंड इकट्ठा कर स्टेट लेवल कमेटी के अकाउंट में जमा करती। जिसे बाद में नेशनल कमेटी के अकाउंट में जमा किया जाता था। दिल्ली और उत्तर प्रदेश से इक्कठा फंड सीधे संगठन के अकाउंट में जमा किया जाता था। एएस इस्माइल: PFI के फाउंडर मेंबर में से एक है. संगठन के नार्थ जोन का साल 2018 से 2020 तक प्रेसिडेंट रहा है। पीएफआई की नेशनल एग्जिक्यूटिव कॉउन्सिल का मेंबर रहा है। संगठन के हर फाइनेंशियल मैटर में अहम रोल होता है। पीएफआई के चेन्नई स्तिथ मयलपोरे आरएच रोड स्तिथ पंजाब नेशनल बैंक में एकाउंट का साइनिंग ऑथोरिटी था।मोहम्मद शाकिफ: कर्नाटक में PFI के स्टेट लेवल से लेकर नेशनल लेवल तक संगठन में अहम पदों पर रहा। साल 2016 से 20 तक कर्नाटक में स्टेट प्रसिडेंट रहा। नेशनल एग्जेक्युटिव कॉउन्सिल का मेंबर रहा। बंगलुरु के फ्रेजर टाउन स्तिथ कॉर्पोरेशन बैंक में साइनिंग ऑथोरिटी था। इन सभी आरोपियों के साल 2020 में रेड के दौरान बरामद संगठन के अलग-अलग बैंक अकाउंट, डिजिटल एविडेंस और अन्य दस्तावेज दिखाकर पूछताछ की गई। दर्ज बयानों में विरोधाभास पाए जाने पर इनका गिरफ्तारी की गई है। @रिपोर्ट अशोक झा