मैं विद्यार्थी काल में आया था असम, सात दिनों तक जेल में खाई थी रोटी: अमित शाह

कहा, असम की कांग्रेसी सरकार ने डंडे मारे, देश के लोग पहुंचे थे असम बचाने

बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: नॉर्थ ईस्ट दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के गोलाघाट जिले के डेरगांव में पुलिस अकादमी के पहले चरण का शनिवार (15 मार्च, 2025) को उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा, मैं विद्यार्थी काल में असम आया था। असम में मैंने कांग्रेस सरकार के डंडे भी खाए हैं। हितेश्वर सैकिया असम के मुख्यमंत्री थे। 7 दिनों तक मैंने असम के जेल की रोटी भी खाई है। पूरे देश से लोग असम को बचाने आए। आज मैं असम सरकार को बधाई देना चाहता हूं। आज असम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।अमित शाह ने कहा कि जिस असम में एक जमाने में आतंकवाद की चर्चा होती थी, आज वही असम अपने विकास के लिए जाना जाता है। कांग्रेस पार्टी ने असम को इतने सालों तक दंगों की आग में झोंक कर रखा लेकिन मोदी जी के राज में आज असम तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार में असम में अनेक शांति समझौते हुए, जिसके परिणामस्वरूप हजारों युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटे। असम में कभी आंदोलन, गोलीबारी व आतंकवाद की चर्चा होती थी, आज यहां सबसे आधुनिक सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री लगने जा रही है।दिन तक जेल का खाना खाया

अमित शाह ने कहा, ‘असम में कांग्रेस सरकार ने मुझे भी पीटा है। हितेश्वर सैकिया असम के मुख्यमंत्री थे और हम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ नारे लगाते थे कि असम की गालियां सुनी हैं, इंदिरा गांधी खूनी है।

हितेश्वर सैकिया दो बार (1983 से 1985 और 1991 से 1996) तक असम के सीएम रहे. अमित शाह ने कहा, मैंने असम में 7 दिन तक जेल का खाना खाया. तब पूरे देश के लोग असम को बचाने आए थे. आज असम विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है.

अमित शाह ने नवीनीकृत पुलिस अकादमी का दौरा किया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम में नवीनीकृत लचित बरफुकन पुलिस अकादमी का दौरा किया, जहां उन्होंने इस अत्याधुनिक प्रशिक्षण संस्थान का निरीक्षण किया। पुलिस महानिदेशक हरमीत सिंह ने उन्हें अकादमी में स्थित विभिन्न केंद्रों और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और नेता भी मौजूद रहे। अमित शाह ने अकादमी के नए भवन का दौरा किया और इसके अत्याधुनिक ढांचे को देखा। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं।340 एकड़ में फैली हुई है पुलिस अकादमी: यह पुलिस अकादमी 340 एकड़ में फैली हुई है और इसका नवीनीकरण दो चरणों में किया जा रहा है, जिसकी कुल अनुमानित लागत 1,024 करोड़ रुपये है। पहले चरण में 167.4 करोड़ रुपये की लागत से कई अहम संरचनात्मक बदलाव किए गए हैं, जिनमें एक अत्याधुनिक पांच मंजिला भवन का निर्माण भी शामिल है। इस भवन में स्मार्ट क्लास, वेपन सिम्युलेटर, अनुसंधान प्रयोगशालाएं, प्रशासनिक कार्यालय, एक संग्रहालय और एक आधुनिक परेड ग्राउंड जैसी सुविधाएं जोड़ी गई हैं। इन अत्याधुनिक सुविधाओं के जरिए पुलिस प्रशिक्षुओं को सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों तरह के प्रशिक्षण दिए जाएंगे, जिससे वे आने वाली चुनौतियों का अधिक कुशलता से सामना कर सकें।
दूसरे चरण में अकादमी को और अधिक विकसित करने के लिए 425.48 करोड़ रुपये की लागत से आवासीय सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इस योजना के तहत 240 परिवारों के लिए आवासीय क्वार्टर, 312 अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के लिए विशेष आवास तथा 2,640 प्रशिक्षुओं के लिए छात्रावास बनाए जाएंगे। इन बुनियादी सुविधाओं से पुलिस प्रशिक्षण की गुणवत्ता में और अधिक सुधार आएगा और प्रशिक्षुओं को बेहतर वातावरण मिलेगा।
लचित बरफुकन केवल असम के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के गौरवशाली योद्धा थे- शाह
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि लचित बरफुकन केवल असम के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के गौरवशाली योद्धा थे। उन्होंने मुगलों को पराजित कर असम की रक्षा की थी और उनके शौर्य की गाथा इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज है। उन्होंने कहा कि जब वे मात्र सात साल के थे, तब पहली बार अपने स्कूल में लचित बरफुकन के बारे में सुना था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी वीरता की कहानी को राष्ट्रीय स्तर पर लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि अब उनकी जीवनी 23 भाषाओं में प्रकाशित की गई है और देशभर के लोग इस महान योद्धा के बारे में जान रहे हैं।इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि लचित बरफुकन की वीरता को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। अमित शाह ने अकादमी के प्रशिक्षुओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आधुनिक तकनीक से लैस यह संस्थान देश की पुलिस व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगा और आने वाले वर्षों में असम पुलिस को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाएगा।

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