इस वर्ष दो दिन रहेगी कोजागिरी शरद पूर्णिमा

#शरदपूणिमा
इस वर्ष दो दिन रहेगी कोजागिरी शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर बुधवार को शाम 7: 47 से प्रारंभ होगी और 17 अक्टूबर गुरुवार को शाम 5:22 तक रहेगी—-
इस वर्ष पंचांग भेद और तिथियां की घट बढ़ के कारण आश्विन मास की पूर्णिमा 2 दिन 16 और 17 अक्टूबर को मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा रात्रि का व्रत पर्व है इसलिए यह 16 अक्टूबर को ही मनाया जाना उत्तम रहेगा शरद पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान दान एवं विशेष पूजा पाठ करने की परंपरा है इसलिए शरद पूर्णिमा से जुड़े सुबह किए जाने वाले धार्मिक कार्य 17 तारीख को करना उत्तम रहेगा मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी का भ्रमण करती है और भक्तों से पूछती है की को जागृति कौन जाग रहा है इसी मान्यता के कारण इसे कोजागिरी शरद पूर्णिमा कहा जाता है देवी लक्ष्मी की कृपा अपने के लिए इस रात में विशेष पूजन पाठ किए जाते हैं मां लक्ष्मी की कृपा से घर परिवार में सुख समृद्धि प्राप्त होती है और सभी कार्यों में सफलता मिलती है इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाकर रखने की परंपरा है पूर्णिमा की रात मैं चंद्र की किरणें मैं औषधि गुना से भरपूर रहती हैं और कई बीमारियों में राहत प्रदान करती हैं यह खीर अमृत के समान हो जाती हैं और इसके सेवन से सकारात्मक आती है उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
शरद पूर्णिमा को चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और इसी दिन भगवान श्री कृष्णा ने गोपियों संग वृंदावन के निधिवन में पूरी रात महाराज रचाया था मान्यता है कि आज भी निधिवन में श्रीकृष्ण गोपियों के संग रास रचाते हैं इसी कारण से रात में निधिवन भक्तों के लिए बंद कर दिया जाता है।
मान्यता है कि शरदपूर्णिमा से कार्तिक मास में होने वाले सभी धार्मिक अनुष्ठान स्नान दान प्रारंभ हो जाते हैं पूर्णिमा पर भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की आराधना करने का महत्व है साथ ही सत्यनारायण भगवान की कथा श्रवण भी महत्वपूर्ण है।

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