Basti News: सुहागिनों ने व्रत रख मांगा अखंड सौभाग्य
Basti News: सुहागिनों ने व्रत रख मांगा अखंड सौभाग्य
उप्र बस्ती जिले में रविवार को करवाचौथ पर्व धूमधाम से मनाया गया। पति की दीर्घायु और सलामती के लिए महिलाओं ने रविवार को करवाचौथ का व्रत रखा। दिनभर निर्जला व्रत रखा और विधि-विधान से पूज-अर्चना कर अखंड सुहाग मांगा। वहीं देर शाम सोलह शृंगार कर चांद के बाद जीवनसाथी का दीदार कर सुहाग की सलामती के लिए मंगलकामना की और पति के हाथों जलग्रहण कर व्रत पूर्ण किया।
पति की सलामती के लिए महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखती हैं। सप्ताह भर से महिलाएं व्रत की तैयारी में जुटी थीं। रविवार को व्रत की तैयारी में बाजारों में सुहागिनों की भारी भीड़ रही। महिलाओं ने करवा, सींक, चलनी, नया चावल, चूड़ा, लाई-गट्टा आदि वस्तुओं की खरीददारी कर व्रत के एक दिन पहले ही पूजन तैयारी पूर्ण कर ली थी। रात में मान्यता के अनुरूप मीठा ग्रहण कर करवाचौथ व्रत की शुरुआत की। रविवार भोर में उठकर सुहागिनों ने पूरे निष्ठाभाव से निर्जला व्रत का संकल्प लेकर अनुष्ठान शुरू किया। दिनभर सजने संवरने के इंतजाम के साथ ही महिलाएं घरों में जायकेदार पकवानों को भी बनाने में जुटी रहीं। शाम को पूजन सामग्रियों से थाल सजाया। 16 शृंगार कर एक थाल में पकवान, दूसरे में करवा, चलनी, सींक सहित पूजन-अर्चन की सामग्री रखकर पूजन किया। इसके बाद इंतजार था तो चांद के निकलने का। चांद के निकलते ही किसी ने आंगन में तो किसी ने छत पर चलनी से चांद के साथ ही पति का दीदार किया। इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर निर्जला व्रत तोड़ा। शहर के गायत्री मंदिर, हनुमानगढ़ी, कंपनीबाग शिवमंदिर, भदेश्वरनाथ मंदिर में भी महिलाओं ने एकत्र होकर पूजन-अर्चन किया। देररात भजन-कीर्तन का दौर चला। इससे घरों में भक्तिमय माहौल बना रहा। वहीं बाजार में भी रौनक रहा। महिलाएं खरीदारी करती दिखीं।
पति की सलामती के लिए महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखती हैं। सप्ताह भर से महिलाएं व्रत की तैयारी में जुटी थीं। रविवार को व्रत की तैयारी में बाजारों में सुहागिनों की भारी भीड़ रही। महिलाओं ने करवा, सींक, चलनी, नया चावल, चूड़ा, लाई-गट्टा आदि वस्तुओं की खरीददारी कर व्रत के एक दिन पहले ही पूजन तैयारी पूर्ण कर ली थी। रात में मान्यता के अनुरूप मीठा ग्रहण कर करवाचौथ व्रत की शुरुआत की। रविवार भोर में उठकर सुहागिनों ने पूरे निष्ठाभाव से निर्जला व्रत का संकल्प लेकर अनुष्ठान शुरू किया। दिनभर सजने संवरने के इंतजाम के साथ ही महिलाएं घरों में जायकेदार पकवानों को भी बनाने में जुटी रहीं। शाम को पूजन सामग्रियों से थाल सजाया। 16 शृंगार कर एक थाल में पकवान, दूसरे में करवा, चलनी, सींक सहित पूजन-अर्चन की सामग्री रखकर पूजन किया। इसके बाद इंतजार था तो चांद के निकलने का। चांद के निकलते ही किसी ने आंगन में तो किसी ने छत पर चलनी से चांद के साथ ही पति का दीदार किया। इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर निर्जला व्रत तोड़ा। शहर के गायत्री मंदिर, हनुमानगढ़ी, कंपनीबाग शिवमंदिर, भदेश्वरनाथ मंदिर में भी महिलाओं ने एकत्र होकर पूजन-अर्चन किया। देररात भजन-कीर्तन का दौर चला। इससे घरों में भक्तिमय माहौल बना रहा। वहीं बाजार में भी रौनक रहा। महिलाएं खरीदारी करती दिखीं।