25 साल के बाद परिषदीय स्कूल की दो फर्जी शिक्षिकाएं बर्खास्त

25 साल के बाद परिषदीय स्कूल की दो फर्जी शिक्षिकाएं बर्खास्त

उप बस्ती परिषदीय विद्यालय में फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाली दो शिक्षिकाएं का भंडाफोड़ हुआ है। विभाग ने दोनों शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज कराने और वेतन वसूली का निर्देश जारी कर दिया गया है।

बीएसए डॉ.इद्रजीत प्रजापति ने बताया कि पे-रोल मॉड्यूल की मदद से पकड़ में आयी फर्जी शिक्षिका प्रेमलता सिंह वर्तमान समय में जिले के गौर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय महुआ डाबर में प्रधानाध्यापिका पद पर कार्यरत थीं। उसने गोरखपुर में कार्यरत असली प्रेमलता सिंह सहायक अध्यापिका के नाम और प्रमाणपत्र पर 1997 में नौकरी हासिल की थी। प्रेमलता सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही वेतन रिकवरी तथा मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार, पे-रोल माड्यूल पर डाटा फीडिंग के दौरान असली शिक्षिका प्रेमलता सिंह को उनका नाम बस्ती में प्रदर्शित होने पर फर्जीवाड़े का संदेह हुआ था। असली प्रेमलता सिंह गोरखपुर के विकास खंड कौड़ीराम में भीतहा प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। शिकायती पत्र के आधार पर एसटीएफ जांच में पाया कि असली प्रेमलता सिंह का नाम तथा अभिलेखों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

वहीं, परिषदीय विद्यालय में फर्जी तरीके से शिक्षक बनकर नौकरी करने वाली शिक्षिका अनीता सिंह को भी बर्खास्त कर एफआईआर दर्ज कराने और वेतन वसूली के लिए आदेशित किया गया है। फर्जी शिक्षिका जिले के सल्टौआ ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय दसिया में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात थी। पे-रोल माड्यूल की मदद से यह भी फर्जी शिक्षिका पकड़ में आयी। बीएसए ने बताया कि शिकायत पत्र के आधार पर पैन कार्ड परिवर्तन किए जाने के संबंध में जांच प्रक्रिया चल रही थी। जांच में पाया गया कि असलीअनीता सिंह मऊ जिले के नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। उनके नाम और प्रमाणपत्र पर 1994 में नौकरी हासिल की थी। अनीता सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही वेतन रिकवरी तथा मुकदमा दर्ज कराने के लिए बीईओ को ‌निर्देश दिया गया है।

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