बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल तेज,आपसी कलह के मिल रहे संकेत
बांग्लादेश सीमा से अशोक झा : बांग्लादेश में एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल तेज हो गई है। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से राजनीतिक स्थिरता नहीं आई है। बांग्लादेश में शेख हसीना के पतन के बाद अभी तक नई सरकार के लिए चुनाव नहीं हो पाए हैं। अगस्त से मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ही सत्ता का सुख भोग रहे हैं। अब अंतरिम सरकार में भी कलह के संकेत मिलने लगे हैं, अंतरिम सरकार के तीन नए सलाहकारों ने रविवार शाम राजधानी स्थित बंगभवन में शपथ ली, जबकि कई सलाहकारों के विभागों में फेरबदल किया गया। इन्हीं सलाहकारों की नियुक्ति के बाद बांग्लादेश में बगावत के सुर उठने लगे हैं। शेख हसीना के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों को आयोजित करने वाले ही अब अंतरिम सरकार पर उंगली उठा रहे हैं। नए सलाहकारों में व्यवसायी SK बशीर उद्दीन, फिल्म निर्माता मुस्तफा सरवर फारूकी और मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक महफूज आलम शामिल हैं। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के आयोजको में से एक सरजिस आलम ने नए सलाहकारों के चयन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि गिरी हुई सरकार के चापलूसों को भी अंतरिम सरकार के सलाहकार परिषद में जगह मिल रही है। एक ही डिवीजन के 13 सलाहकार: सरजिस ने अपने फेसबुक पर लिखा, “सिर्फ एक डिवीजन से 13 सलाहकार! लेकिन उत्तर बंगाल के रंगपुर और राजशाही डिवीजनों के 16 जिलों से एक भी सलाहकार नहीं है! इसके अलावा, हत्यारी हसीना के गुर्गे भी सलाहकार बन रहे हैं!” उनकी ये पोस्ट बांग्लादेश में तेजी से वायरल हो रही है और सरकार के भेदभाव वाले इस रवैये पर सवाल खड़े होने लगे हैं। एक अन्य आंदोलनकारी अशरफा खातून ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि कई समन्वयकों को नए सलाहकारों की नियुक्ति के बारे में कुछ भी पता नहीं था और उन्हें फेसबुक के जरिए से ही इस बारे में पता चला है। उन्होंने कहा, “सरकार समन्वयकों को तरजीह नहीं दे रही है, लेकिन लोग सरकार की नाकामियों के लिए उन्हें ही जिम्मेदार मानते हैं. अगर क्रांतिकारी सरकार बनती तो ऐसा नहीं होता। अंतरिम सरकार के सलाहकार हुए 24: इस नई नियुक्ति के बाद अंतरिम सरकार के सलाहकारों की संख्या अब 24 हो गई है, जिसमें मुख्य सलाहकार भी शामिल हैं. नए सलाहकारों को शपथ राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में बंगभवन के दरबार हॉल में दिलाई गई।