25 से संसद के शीतकालीन सत्र को विपक्ष बना सकता है हंगामेदार

केंद्र की सरकार वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक की है सूचीबद्ध

 

अशोक झा, नई दिल्ली: केद्र सरकार ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने के आसार हुई। विपक्ष इस सत्र में अदाणी मामले, मणिपुर और उपचुनाव में हिंसा को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। इसके अलावा वही सरकार की ओर से इस सत्र में वक्फ संशोधन समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें पांच नए विधेयक भी शामिल हैं। इन पांचों प्रस्तावित कानूनों में एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापना से जुड़ा विधेयक भी है।
सूत्रों की माने तो दरअसल संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। सरकार ने इस सत्र की कार्यसूची में 16 विधेयक सूचीबद्ध कराए हैं। इसमें से पांच विधेयक नए हैं. इसके अलावा बाकी लंबित विधेयक हैं।
वक्फ विधेयक सबसे बड़ा मुद्दा: लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है, जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। यह विधेयक सूचीबद्ध नहीं: वहीं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ से जुड़ा कोई विधेयक फिलहाल सूचीबद्ध नहीं है। मंत्रिमंडल इस रिपोर्ट को मंजूरी दे चुका है। सरकार द्वारा सूचीबद्ध अन्य विधेयक पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक है
आठ विधेयक लोकसभा में लंबित: इसके अलावा, तटीय नौवहन विधेयक और भारतीय बंदरगाह विधेयक को भी पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक सहित आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं। दो अन्य राज्यसभा के पास हैं।

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