इस्कॉन के धर्मगुरु की गिरफ्तारी प्रशासन की कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना : विश्व हिन्दू परिषद

बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपंथी, इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर दमन कर रहे हैं हिंदू समाज का

बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा: बांग्लादेश में इस्कॉन पुजारी की गिरफ्तारी को लेकर भारत में हिंदू संगठनों ने गहरी चिंता व्यक्त की है। दार्जिलिंग जिला विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता सुशील रामपुरिया और विभाग सचिव राकेश अग्रवाल ने बताया कि हमेशा हिन्दू और उनसे जुड़ी संस्था के लिए कार्य करने वाली संगठन विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महा-मंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने बांग्लादेश प्रशासन की ओर से वहां के इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त करते हुए उसे वहां के प्रशासन की कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है। यहां तक की देश व पूरे विश्व समुदाय से एकजुट होने की मांग की है। रामपुरिया ने बताया कि बजरंग लाल बागड़ा ने कहा, “विश्व हिंदू परिषद प्रशासन की इस कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध करती है। इस्कॉन ने या अन्य हिंदू समाज के संगठनों ने अभी तक अपने उत्पीड़न के विरोध में जितनी भी कार्रवाईयां की हैं, लोकतांत्रिक तरीके से उन्होंने प्रदर्शन किया है। किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रति हिंसा के रूप में अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है।इस प्रकार के पूर्ण शांतिप्रिय और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्व को, जो एक वर्ग का भी नेतृत्व करते हैं। इस प्रकार से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनको बंद करना उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक है, अमानवीय है और हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है।‘हिंदू समाज का दमन कर रहे वामपंथी’: हमारे राष्ट्रीय महामंत्री बागड़ा ने कहा कि हम शुरु से ही मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपंथी, इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय ने, वैश्विक संगठनों ने इस घटना पर जितनी चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी, जैसी रोक लगानी चाहिए थी, वैसी रोक नहीं लगाई. विश्व हिंदू परिषद पूरे विश्व समुदाय से यह अपेक्षा करती है कि वहां पर हो रहे घटनाक्रम को ध्यान से देखे, उसकी गंभीरता को समझें और बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए, सुरक्षा की जाए।‘लंबे समय तक स्वीकार नहीं करेगा हिंदू समाज’:
बागड़ा ने यह भी कहा कि भारत सरकार का प्रति-उत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानी पूर्वक और न्यूनतम रहा है. यह सही है कि एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए ठीक नहीं है, लेकिन एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीड़न पूरा विश्व, सारे पड़ोसी देश, भारत सरकार सिर्फ देखते रहे और कुछ भी कार्रवाई नहीं करें यह भी एक सीमा तक तो स्वीकार्य है, लेकिन लंबे समय तक यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।
विश्व के समुदायों से घटना पर संज्ञान लेने का आग्रह: रामपुरिया ने कहा कि हमारे महामंत्री बागड़ा ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को संज्ञान में ले, बांग्लादेश प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के उत्पीड़न को रोके। हम तुरंत प्रभाव से इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की रिहाई की मांग करते हैं और किसी भी प्रकार के हिंदू नेता को, हिंदू पुजारी को, धार्मिक गुरु को बिना किसी कारण के गिरफ्तार करने, किसी भी प्रकार की मानसिकता से बांग्लादेश सरकार बचे, यह अपेक्षा भी करते हैं।

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