मणिपुर में उग्रवादियों के फायरिंग में बिहार के दो लोगों की मौत, 9 घायल
सुरक्षा एजेंसी चला रही है सर्च ऑपरेशन, तनाव के बीच शोक की लहर
बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: पूर्वोत्तर के अहम राज्य मणिपुर में पिछले लगभग डेढ़ साल से जारी हिंसा और तनाव के हालात थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आज एक बार उपद्रवियों ने फायरिंग की है, जिसमें 2 लोगों की मौत हुई है। जबकि 9 लोग घायल है। शनिवार शाम को काकचिंग जिले में दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान 18 वर्षीय सुनेलाल कुमार और 17 वर्षीय दशरथ कुमार के रूप में हुई है। वे बिहार के गोपालगंज जिले के राजवाही गांव के रहने वाले थे। मरने वालों में एक पुरुष और एक नाबालिग है। इसके अलावा घायल हुए 9 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि घायलों में से पांच को गोली लगी है, जबकि अन्य को बम विस्फोटों से छर्रे लगे हैं। अचानक हुए इस हमले ने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को दहशत में ला दिया और वे सुरक्षित इलाकों में जाने के लिए मजबूर हो गए। अज्ञात हमलावरों ने चलाई गोली: दोनों युवक काकचिंग के मैतेई बहुल इलाके में रह रहे थे। बताएं आपको कि शाम करीब 5:20 बजे काकचिंग-वाबागई रोड पंचायत कार्यालय के पास अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोली चलाई जिससे उनकी मौत हो गई। फिलहाल मजदूरों पर हमले का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। संभावना जताई जा रही है कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच चल रहे जातीय संघर्ष के कारण उनकी हत्या की गई है। मारा गया एक उग्रवादी:आपको बता दें कि इससे पहले शनिवार को मणिपुर पुलिस के कमांडो ने थौबल जिले के सलुंगफाम मानिंग लेकई में संदिग्ध उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में एक उग्रवादी को मार गिराया था। छह अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है। मृतक उग्रवादी की पहचान 16 वर्षीय लैशराम प्रियम उर्फ लोकतक के रूप में हुई है। वह प्रतिबंधित संगठन PREPAK का सदस्य था। मुठभेड़ के दौरान मिले कई हथियार:पुलिस को इलाके में हथियारबंद लोगों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद सुबह करीब साढ़े नौ बजे सलुंगफाम हाई स्कूल के पास तलाशी अभियान चलाया गया। मुठभेड़ के दौरान प्रियम के दाहिने पेट में गोली लगी और बाद में इंफाल के राज मेडिसिटी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने तीन इंसास राइफल, एक एसएलआईआर राइफल, एक .303 राइफल, एक एएमओजीएच राइफल, कई मैगजीन और गोला-बारूद समेत हथियार बरामद किए हैं। पुलिस ने एक चार पहिया वाहन भी जब्त किया है। उग्रवादियों के हमलों से गांवों की रक्षा के घर से निकला था:दूसरी ओर, प्रियम की मां लैशराम गीतमाला ने कहा कि उनका बेटा कुकी उग्रवादियों के हमलों से गांवों की रक्षा के लिए तीन महीने पहले घर से निकला था। उन्होंने यह भी बताया कि प्रियम हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा की तैयारी कर रहा था। उन्होंने कहा, “यह संकट खत्म होना चाहिए। अगर हिंसा नहीं रुकी, तो कई परिवारों को वही दर्द महसूस होगा जो आज मुझे महसूस हो रहा है।”केस दर्ज, आरोपियों की तलाश शुरू
पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. अब तक हत्या का मकसद पता नहीं चल सका है. बता दें कि मणिपुर 19 महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. हजारों परिवारों को अपना घर-बार छोड़कर रिलीफ कैंप में रहना पड़ रहा है। मगर मणिपुर शांत होने की बजाय भड़कता ही जा रहा है।मणिपुर में कैसे हुई हिंसा की शुरुआत?पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले साल 3 मई को तब हिंसा भड़क गई थी, जब कुकी समुदाय की ओर से ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला जा रहा था. ये मार्च चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके से निकल रहा था. ये मार्च मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाला जा रहा था। इसी दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी।तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण हैं।