बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में हो रहे रोज नए खुलासे
अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनकी मां अंजू की बिगड़ी तबीयत

अशोक झा, नई दिल्ली: बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में पुलिस और अतुल के परिवार के सामने एक बड़ा सवाल गहरा गया है कि अतुल का 4 साल का बेटा कहां है? यह सवाल अतुल के पिता पवन कुमार मोदी ने उठाया और पुलिस से सवाल किया कि वह निकिता से पूछे कि उनका पोता कहां है? ऐसे में चर्चा थी कि व्योम कहां और किसके पास है। अब पता चला है कि अतुल को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में नामजद सुशील के साथ ही व्योम रह रहा है। सुशील को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। वह जौनपुर स्थित अपने घर पर हैं या कहीं और, इसकी जानकारी कर्नाटक पुलिस भी नहीं दे पा रही है।अतुल के अधिवक्ता अवधेश तिवारी ने बताया कि घटना के बाद निकिता के परिजन व्योम को अपने साथ ले गए। आरोपी सुशील सिंघानिया के अधिवक्ता मनीष तिवारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दलील दी थी कि मीडिया ट्रायल की वजह से कर्नाटक की बंगलूरू पुलिस दबाव में आ गई। जौनपुर पुलिस को सूचना दिए बगैर ही निकिता, उसके मां और भाई को गिरफ्तार कर लिया। हृदय रोगी सुशील सिंघानिया को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने हाईकोर्ट में बताया कि बताया, सुशील सिंघानिया ही निकिता के चार वर्षीय बेटे की देखभाल कर रहे हैं। अतुल के अधिवक्ता अवधेश तिवारी ने बताया कि केस के बारे में पूरी जानकारी जुटाई है। अतुल के भाई विकास और पिता पवन की तरफ से व्योम की कस्टडी के लिए अदालत में याचिका दाखिल की जाएगी।अतुल की मां की तबीयत खराब: अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनकी मां अंजू की तबीयत खराब है। अतुल के भाई विकास ने बताया कि मां के ब्लड प्रेशर में सुधार नहीं हो रहा है। वह घट-बढ़ रहा है। चिकित्सक निगरानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अतुल की मौत का सदमा लगा है।विकास ने वकील से मंगवाई नकल:अतुल के भाई विकास ने अपने किसी परिचित को 16 दिसंबर को दीवानी न्यायालय में अतुल के दूसरे अधिवक्ता शैलेश शर्मा के पास भेजा था। उन्होंने भरण-पोषण से संबंधित मुकदमे की कच्ची और पक्की नकल मांगी थी। अतुल के बेटे व्योम के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगा परिवार: आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के क्रियाकर्म के बाद परिजन कानूनी लड़ाई तेज करेंगे। अतुल के भाई विकास का कहना है कि भतीजे व्योम को दादा-दादी के साथ रहने की अनुमति मिलनी चाहिए। निकिता सिंघानिया जेल चली गई है। अब उसके साथ अतुल का बेटा असुरक्षित है। विकास ने मोबाइल फोन पर विशेष बात की और कहा कि अतुल सुभाष को दुनिया छोड़े कई दिन हो गए। उन्होंने समाज, न्यायपालिका और कानून व्यवस्था को आईना दिखाया है। उम्मीद है कि कुछ बदलाव आएगा। पुरुष प्रताड़ना से बच सकेंगे। अतुल की मौत के बाद से ही मां बीमार है। पिता पवन मोदी पोते व्योम के लिए परेशान हैं। वह कह रहे हैं कि पोते को साथ लाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। अतुल के क्रियाकर्म के बाद ही मामले में अधिवक्ताओं से सलाह ली जाएगी, फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।बेगलूरू में आत्महत्या करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष केस में नया खुलासा हुआ है। निकिता सिंघानिया ने गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित ब्लॉस्म स्टेज पीजी में अपना आधार कार्ड दिया था। इसके अलावा, पुलिस वेरिफिकेशन के लिए दिए गए दस्तावेज के कॉलम में उसने अपना मोबाइल नंबर और अपनी मां का नाम एवं फोन नंबर लिखा था। इस बीच, गुरुग्राम पुलिस पर भी सवाल उठे हैं। आरोप है कि निकिता के वेरिफिकेशन में पुलिस की ओर देरी की गई। पीजी के केयर टेकर ने पुलिस पर यह आरोप जड़ा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केयर टेकर निकिता की आईडी लेकर वेरिफिकेशन के लिए सेक्टर-56 थाने पहुंचा था। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। फिर अतुल आत्महत्या का मामला खुला तो पुलिस पीजी पहुंची। जानकारी सामने आई है कि निकिता ने पीजी में तीन माह के लिए रूम शेयरिंग में लिया था। इसकी एवज में उसने पांच हजार रुपये एडवांस दिए थे। निकिता ने वेरिफेशन फार्म में अपना आधार कार्ड दिया था। इसके साथ ही वह नजदीक की हांगकांग मार्केट से सामान भी खरीदकर लाई थी। ऑनलाइन पांच हजार रुपये एडवांस देकर बुक किया था कमरा: आपको बता दें कि गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित ब्लॉस्म स्टेज पीजी में निकिता सिंघानिया ने जिस कमरे में रहने के लिए बुक किया था, उसे पुलिस ने फिलहाल सील कर दिया है। निकिता ने बीते 14 नवंबर को यह कमरा ऑनलाइन पांच हजार रुपये एडवांस देकर बुक किया था। इसमें रहने के लिए वह आठ को अपना सामान लेकर पहुंची थी। पीजी संचालकों के अनुसार, रात भर यहां रुकने के बाद नौ दिसंबर की सुबह वह चली गई। इस कमरे में रहने वाली निकिता की रूममेट भी फिलहाल अपने घर गई हुई है।पुलिस ने निकिता के कमरे पर ताला लगवाया: पीजी संचालकों की माने तो निकिता उनके यहां सिर्फ एक रात ही रुकी थी। 9 दिसंबर को वह बाकी सामान लाने की बात करके गई थी। उसके बाद मीडिया के माध्यम से ही उन्हें निकिता की गिरफ्तारी का पता चला। पुलिस की जांच टीम भी एक बार उनके पीजी पर आई थी। उसके बाद निकिता के कमरे पर ताला लगवाकर टीम चली गई।अकेले ही कमरा देखने के लिए आई थी निकिता:साथ ही पीजी संचालकों को हिदायत दी कि कोई भी व्यक्ति इस कमरे के अंदर न जाए। डबल शेयरिंग वाले पीजी के इस कमरे में रहने वाली दूसरी लड़की अपने घर गई हुई है। 40 कमरों वाले इस पीजी के केयरटेकर गुड्डू ने बताया कि निकिता अकेले ही कमरा देखने के लिए आई थी। वहीं, सामान रखने के लिए भी निकिता अकेले ही आई थी।
सामान के लिए पीजी प्रबंधन ने पुलिस को भेजी मेल
पीजी के केयर टेकर गुड्डू ने बताया कि प्रबंधन की ओर से मामले की जांच कर रही पुलिस टीमों को एक मेल भेजकर कमरे में रखे निकिता सिंघानिया के सामान को उठवाने की बात कही है। पुलिस द्वारा कमरा सील किए जाने के कारण उस कमरे में रहने वाली दूसरी लड़की का सामान भी बंद है। फिलहाल वह लड़की अपने घर गई।आठ दिसंबर को आई थी कमरे में
निकिता सिंघानिया ने सेक्टर-57 स्थित ब्लॉस्म स्टेज पीजी में रहने के लिए बीते 14 नवंबर को कमरा बुक कराया था। इस दौरान पीजी के नियमों के अनुसार ऑनलाइन माध्यम से पांच हजार रुपये एडवांस के तौर पर दिए थे। उसके बाद वह सामान लेकर आठ दिसंबर को खुद पीजी पहुंची थी और बाकी का भुगतान किया था।दस्तावेज में दिया मां का नाम व मोबाइल नंबर: निकिता सिंघानिया ने सेक्टर-57 स्थित ब्लॉस्म स्टेज पीजी में अपना आधार कार्ड दिया था। कमरे के लिए कराए गए एग्रीमेंट और पुलिस वेरिफिकेशन के लिए दिए गए दस्तावेज के कॉलम में उसने अपना मोबाइल नंबर और अपनी मां निशा सिंघानिया का नाम व मोबाइल नंबर दिया था। निकिता ने यहां अपने पति अतुल सुभाष के नाम या उसके मोबाइल नंबर को कोई जिक्र नहीं किया। पुलिस वेरिफिकेशन के लिए तैयार किए गए दस्तावेज में दूसरे मोबाइल का कॉलम भी उसने खाली छोड़ रखा है।