बांग्लादेश की बड़ी साजिश को नाकाम,असम एसटीएफ ने स्लीपर सेल का किया भंडाफोड़

RSS और हिन्दू संगठनों के नेता थे आतंकियों के हिट लिस्ट में

 

बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: असम एसटीएफ ने बांग्लादेश की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। बड़े पैमाने पर हिंदू संगठनों और आरएसएस से जुड़े लोगों को निशाना बनाने वाले स्लीपर सेल का भंडाफोड़ किया है.
गिरफ्तार किए गए अन्य सात आतंकवादी आरोपियों की पहचान मिनारुल शेख (40 वर्ष), मोहम्मद अब्बास अली (33 वर्ष), नूर इस्लाम मंडल (40 वर्ष), अब्दुल करीम मंडल (30 वर्ष), मोजिबर रहमान (46 वर्ष), हमीदुल इस्लाम (34 वर्ष) और इनामुल हक (29 वर्ष) के रूप में हुई है। पकड़े गए बांग्लादेशी के अलकायदा से संबंध बताए जा रहे हैं। एसटीएफ ने एक बयान में कहा कि असम और पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल नेटवर्क को एक्टिवेट करने के लिए आतंकी बांग्लादेश से भारत पहुंचा था, लेकिन साजिश नाकाम हो गई। इस स्पेशल ऑपरेशन ‘प्रघात’ में असम एसटीएफ के साथ केरल और बंगाल पुलिस भी संयुक्त रूप से काम रही थी। एसटीएफ ने कहा कि उन्होंने केरल और बंगाल पुलिस के साथ मिलकर इस खास मिशन पर काम किया। खुफिया रिपोर्टों के आधार पर पूरे भारत में ‘ऑपरेशन प्रघात’ शुरू किया। बांग्लादेश में अलकायदा से जुड़े एक नेता के सहयोगी मोहम्मद फरहान इसराक के अधीन काम करने वाले आतंकवादियों का एक समूह आरएसएस और अन्य हिंदू संगठनों के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए भारत में स्लीपर सेल को एक्टिवेट करने की कोशिश कर रहा था। पकड़े गए 8 आतंकियों में एक बांग्लादेशी की पहचान मोहम्मद साद रदी उर्फ ​​मोहम्मद शब शेख (32) के रूप में हुई है।एसटीएफ ने कहा कि मोहम्मद फरहान इसराक जसीमुद्दीन रहमानी का करीबी है, जो प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम का प्रमुख है। यह समूह आतंकवादी समूह अल-कायदा से संबद्ध है। असम के विशेष पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरमीत सिंह ने कहा, “यह जिहादी तत्वों के खिलाफ एक बड़ा कदम है। केंद्रीय एजेंसियों और पश्चिम बंगाल तथा केरल पुलिस की मदद से हम इसे खत्म कर सकते हैं। मैं इसे तब सफलता कहूंगा जब हमें और मदद मिलेगी। लेकिन हां, हमने एक शुरुआत कर दी है।” सिंह ने कहा, “बांग्लादेश और हमारे पश्चिमी पड़ोसी के विभिन्न हिस्सों में जो कुछ हो रहा है, उससे उत्पन्न स्थिति के बाद भारत में इस तरह की साजिश की आशंकाएं बढ़ गई हैं। कैसे पकड़े गए स्लीपर सेल: एसटीएफ ने कहा कि मोहम्मद साद रदी ने असम और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के स्लीपर सेल से मुलाकात की, उसके बाद वह और स्लीपर सेल से संपर्क करने के लिए केरल गया। एसटीएफ ने कहा कि आईपीएस अधिकारी पार्थ सारथी महंत ने आतंकवादियों को गिरफ्तार करने के लिए देश भर में टीमों का नेतृत्व किया। एसटीएफ ने 17-18 दिसंबर की रात को केरल, पश्चिम बंगाल और असम में एक साथ छापेमारी कर आठ संदिग्धों को गिरफ्तार किया। बताया गया कि बांग्लादेश अब उनके जिहादियों ने भारतीय हिन्‍दुओं को निशाना बनाने का पूरा तानाबाना तैयार कर लिया है। देश भर में हिन्‍दुओं को और आरएसएस के नेताओं को निशाना बनाने की साजिश का पर्दाफाश करने का असम पुलिस में जो दावा किया है, उसके मुताबिक पाकिस्तान की शह पर इस पूरी साजिश का ताना-बाना बुना जा रहा था. बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार देश में किसी भी एजेंसी के सामने यह बात सामने आई है कि बांग्लादेश में जिहादी गतिविधियों को पनपाने का एक पूरा माहौल तैयार किया जा रहा है, जो कि भारत विरोधी है।अलकायदा इंटरनेशनल और अंसार उल बांग्लादेश जैसे आतंकी संगठनों को पिछले दो महीना में बांग्लादेश की सरजमीन पर एक्टिव किया गया और उसके बाद उनके काडरों को अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए भारत में दाखिल कराया गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को धुबरी, गोलपारा, नोगांव सहित राज्य के कुछ जिलों पर कड़ी नजर रखने को कुछ दिनों पहले कहा था. एनआईए को भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआईएस) और अन्य कट्टरपंथी समूहों की गतिविधियों के बढ़ने की सूचना मिली थी. इसके बाद असम पुलिस को अलर्ट किया गया और इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।अमस के तीन जिले केंद्र बिन्‍दू में:खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक असम के धुबरी, गोलपारा और नोगांव जिले अल-कायदा इंटरनेशनल और अंसारुल बांग्लादेश के केंद्र बिन्‍दू बने, जहां पर भारत विरोधी समूहों की गतिविधियों का संचालन पिछले तीन महीनों में किया जाने लगा. इस साल की शुरुआत में असम पुलिस की एसटीएफ टीम ने पड़ोसी बांग्लादेश से असम में घुसपैठ करने के बाद आईएसआईएस इंडिया प्रमुख हारिस फारूकी और समूह के एक अन्य सदस्य अनुराग सिंह को पकड़ा. फारूकी आतंकवाद संबंधी गतिविधियों के लिए भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मोस्ट वांटेड सूची में है। इसके अलावा कुछ दिनों पहले जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेटिव को भी पकड़ा गया है, जिसके बाद इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन की लीड मिली है।

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