वनवासी कल्याण आश्रम का उत्तरबंग का लोक कला उत्सव एवं सम्मान समारोह रविवार को
निरंतर 72 वर्षों से जनजातियों के बीच कर रहा है सेवा का कार्य :सीताराम डालमिया

अशोक झा, सिलीगुड़ी: वनवासी कल्याण आश्रम उत्तर बंगाल प्रांत की ओर से 29 दिसंबर यानि रविवार को वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से उत्तरबंग का लोक कला उत्सव एवं सम्मान समारोह सिलीगुड़ी अग्रसेन भवन में आयोजित किया जाएगा। इसकी जानकारी कार्यक्रम संयोजक सीताराम डालमिया ने दी। बताया की हीरालाल बाजारी प्रमुख अतिथि (विशिष्ट व्यवसायी एवं समाजसेवी), डा. जी. बी. दास,द्वीप प्रज्ज्वलनकर्ता (प्रसिद्ध चिकित्सक) प्रेम कुमार मित्तलविशिष्ट अतिथि (विशिष्ट व्यवसायी एवं समाजसेवी), श्री भोजराज लूणावतविशिष्ट अतिथि (विशिष्ट व्यवसायी एवं समाजसेवी)डा. प्रो. रेखा नागर राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य (अ.भा. वनवासी कल्याण आश्रम)उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के अध्यक्ष राम चन्द्र उरांव मंत्री विजय अग्रवाल मुझे कार्यक्रम संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डालमिया ने बताया कि ” जिसने कभी किसी के आंसू पोंछे नही, जीवन में भला किसी का किया नहीं। उसने केवल सांस लिया है उसने जीवन जीया नहीं।”कुछ इसी भाव से सभी जनजातियों के चेहरों पर मुस्कान आए, इसके लिए संगठन काम कर रहा है। पूरे भारत में 700 जनजातियां हैं। बहुत सारे प्रकल्पों के माध्यम से जनजाति समाज के विकास का आयाम स्थापित करने के लिए संपर्क चल रहा है। सुदूर वनांचलों में रहने वाले वनवासियों के सर्वांगीण विकास और संस्कृति संरक्षण का प्रयास वनवासी कल्याण आश्रम निरंतर कर रहा है। वनवासी कल्याण आश्रम लगभग 50 हजार गांवों तक शिक्षा, चिकित्सा, संस्कार, स्वावलम्बन, समरसता और स्वदेश प्रेम की अलख जगा रही है। इसी मकसद से बंगाल में 67 साल से वनवासी कल्याण आश्रम की इकाई निरंतर कार्यरत है। जनजाति समाज की सांस्कृतिक विरासत लोक कलाओं में जीवित है। जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के साथ इस विरासत के लिए वनवासी कल्याण आश्रम विगत 72 वर्षों से निरन्तर कार्य कर रहा है। उत्तर बंग प्रांत की ओर से प्रत्येक वर्ष सामूहिक विवाह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल है।